बाल आयोग ने 3 स्कूलों की जांच की बस्ते तौले …? बोझ, छठवीं से आठवीं के बच्चों के कंधों पर 12 किलो तक के बस्ते …
बोझ, छठवीं से आठवीं के बच्चों के कंधों पर 12 किलो तक के बस्ते; गड़बड़ियां मिलने पर 3 स्कूलों और 25 बस संचालकों को नोटिस….
- छठवीं से आठवीं तक के बच्चों के बस्ते का वजन 5 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए
- बच्चों के कंधों से किताबों के बोझ को कम करने का अभियान शुरू हो गया
शनिवार सुबह 11 बजे। स्थान- सेंट जोसफ स्कूल। कक्षा छठवीं की क्लास में तौल मशीन लिए बाल आयोग की टीम। जब मशीन पर बच्चे का बस्ता रखा तो वजन 10 किलो निकला। वह भी पानी की बाॅटल और टिफिन हटाने के बाद, जबकि स्कूल बैग पाॅलिसी 2020 के मुताबिक छठवीं से 8वीं तक के बच्चों के बस्ते का वजन 5 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
शनिवार को बाल आयोग ने शहर के 3 स्कूलों 11 नंबर पर सेंट जोसफ, कोलार में होली क्रॉस व मदर टेरसा का निरीक्षण कर बस्ते तौले तो हर बच्चे के बस्ते का वजन 8 से 12 किलो तक निकला। यह बस्ते छठवीं से आठवीं तक की क्लास के बच्चों के थे। बच्चों के कंधों से किताबों के बोझ को कम करने का अभियान शुरू हो गया है। शनिवार को बाल आयोग ने पुलिस, परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर अभियान चलाया। परिवहन विभाग ने जब स्कूल बसों को जांचा तो कई बसों में न स्पीड गवर्नर थे और न ही सीसीटीवी कैमरे चालू। इतना ही नहीं कई बसों में ओवर लोडिंग भी मिली।
टॉयलेट भी मिले गंदे
आयोग को तीनों स्कूल के बच्चों ने साफ सफाई संबंधी शिकायत भी की। उन्होंने बताया कि स्कूल के टॉयलेट गंदे पड़े रहते हैं। इनकी सफाई नहीं होती है। न तो साबुन है, न ही सैनिटाइजर। आयोग ने जब टॉयलेट चैक किए तो बच्चों की शिकायत को सही पाया।
हमने 3 स्कूलों का निरीक्षण किया। इसमें सेंट जोसफ कोएड व होली क्रॉस में बच्चों के बस्ते का वजन 8 से 12 किलो मिला। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करने कहा है।
-ब्रजेश चौहान, सदस्य, मप्र बाल आयोग
बाल आयोग के साथ संयुक्त अभियान में 25 स्कूल बसों में फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान कई कमियां पाई हैं। इनके संचालकों को नोटिस दिया है। दो वेन जब्त की हैं।
-अश्विनी खरे, उड़नदस्ता प्रभारी, आरटीओ