सांसद आदर्श ग्राम योजना-2 .. ?
सांसद आदर्श ग्राम योजना-2:सिंधिया, सुधीर, गणेश, वीरेंद्र और मुरुगन ने एक भी ग्राम पंचायत को गोद नहीं लिया
मोदी सरकार में वर्ष 2014 में शुरू हुई सांसद आदर्श ग्राम योजना के दूसरे पार्ट (एसएजीवाई-2, 2019-2024) में मप्र के सांसद कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। लोकसभा और राज्यसभा से यहां के 40 सांसदों में सिर्फ ढालसिंह बिसेन (बालाघाट) ही ऐसे हैं, जिन्होंने इस योजना में पूरी पांच ग्राम पंचायतों को गोद लिया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व वीरेंद्र खटीक, एल मुरुगन, सुधीर गुप्ता और गणेश सिंह समेत तेरह सांसद तो ऐसे हैं, जिन्होंने एक भी ग्राम पंचायत गोद नहीं ली।
इन हालात को देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मप्र ने सभी सांसदों को पत्र लिखा है कि वे जल्द से जल्द ग्राम पंचायतों का चयन कर कलेक्टर को बताएं। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही एसएजीवाई-2 में प्रावधान है कि पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष एक ग्राम पंचायत का चयन होना है। कई सांसदों ने पूरी पांच ग्राम पंचायतों का चयन ही नहीं किया।
मकसद : गांव में सफाई, सड़क, स्वास्थ्य से जुड़े काम बेहतर होते हैं
गोद लेने से ये फायदा-सांसद जिन गांवों को गोद लेता है, वहां सभी विभाग अपने काम प्राथमिकता से करते हैं। मसलन, स्वच्छता मिशन, रोड, शौचालय, स्वास्थ्य केंद्र आदि के काम तेजी से होते हैं। अभी जितनी भी गोद ली गई पंचायतें हैं, वहां स्वच्छता के काम हो गए हैं।
- लेकिन सांसद मानते हैं, 5 गांव गोद लेने से बाकी लोग नाराज होते हैं
200 पंचायतें गोद लेनी थी, लीं 62
मप्र के 40 सांसदों को कुल 200 ग्राम पंचायतों को गोद लेना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 62 ली गई हैं। 138 बाकी हैं। यदि ये सारी गोद ले ली गई होतीं तो ग्राम पंचायतों का कायाकल्प हो गया होता। इस योजना में ग्राम पंचायत के बुनियादी ढांचे के साथ उसका पूरा विकास, लोगों को काम के साथ समान अधिकार देना, असमानता खत्म करना, जनजीवन बेहतर करने समेत शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर ठीक करने जैसे काम होते हैं।
सांसदों के तर्क- एसएजीवाई-2 में प्रधानमंत्री मोदी का मिशन था कि 2500 गांवों को बेहतर करें, लेकिन सांसदों का तर्क है कि वे 500- 700 गांवों के साथ करीब 2000 बूथ पर चुनाव लड़कर सांसद बनते हैं। पांच गांव गोद लेंगे तो बाकी क्षेत्र के लोग नाराज होते हैं।
इन्होंने गोद नहीं ली एक भी ग्राम पंचायत
- एल मुरुगन
- ज्योतिरादित्य सिंधिया
- सुमेर सिंह सोलंकी
- कविता पाटीदार
- सुमित्रा वाल्मीकि
- हिमाद्रि सिंह
- रीति पाठक
- डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक
- अजय प्रताप सिंह
- गणेश सिंह
- सधीर गुप्ता
- ववेक तन्खा
- छतरसिंह दरबार
एक ग्राम पंचायत गोद लेने वाले
- दिग्विजय सिंह
- राजमणि पटेल
- कैलाश सोनी
- रमाकांत भार्गव
- जनार्दन मिश्रा
- रोडमल नागर
- विवेक नारायण शेजवलकर
- नकुलनाथ
दो ग्राम पंचायत लेने वाले
- दुर्गादास उइके
- संध्या राय
- प्रज्ञा सिंह ठाकुर
- महेंद्र सोलंकी
- ज्ञानेश्वर पाटिल
- नरेंद्र सिंह तोमर
- राज बहादुर सिंह
तीन ग्राम पंचायत गोद लेने वाले
- अनिल फिरोजिया
- गुमान सिंह डामोर
- फग्गन सिंह कुलस्ते
- विष्णुदत्त शर्मा
- उदय प्रताप सिंह
- कृष्णपाल यादव
- चार ग्राम पंचायत वाले सांसद
- शंकर ललवानी
- राकेश सिंह
- गजेंद्र पटेल
- धर्मेंद्र प्रधान