जिगोलो बनाने वाले इंटरस्टेट रैकेट का खुलासा…:बेरोजगार युवा होते थे टारगेट, उनको PLAY BOY बनाकर फंसाते थे, अभी तक 1 हजार को ठगा

  • क्राइम ब्रांच के हाथ लगे गिरोह के तीन सदस्य, MP, UP और दिल्ली तक फैला है रैकेट…..

ग्वालियर में क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं की हालात का फायदा उठाकर उनको PLAY BOY (जिगोलो) बनाकर ठगने वाले इंटरस्टेट रैकेट का खुलासा किया है। गिरोह इन युवाओं को रंगीन दुनिया के हसीन सपने दिखाकर लाखों रुपए कमाने का लालच देकर ठगी करते थे। टारगेट को विश्वास में लेने के लिए यह महिलाओं से बात कराते थे। जब टारगेट उनके जाल में फंस जाते थे तो उनसे रुपए ऐंठते थे। इनको शहर की पॉश कॉलोनी के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के अभी तीन सदस्य हाथ आए हैं और यह LACANTO वेबसाइट के जरिए युवाओं को फंसाते थे। पुलिस ने कस्टमर बनकर ही इनके रैकेट का खुलासा किया है। गिरोह ने अभी तक 1 हजार लोगों को ठगने की बात कुबूली है। इनके पास से काफी मात्रा में सिम कार्ड, पेन कार्ड, आधार कार्ड, सील-सिक्के व अन्य सामग्री मिली है। यह बेहद शातिर है और MP, UP और दिल्ली तक रैकेट फैला हुआ है। पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है।

जिगोले बनाने रैकेट का टेक्नीकल एक्सपर्ट, सारे फर्जी डॉक्यूमेंट यही बनाता था
जिगोले बनाने रैकेट का टेक्नीकल एक्सपर्ट, सारे फर्जी डॉक्यूमेंट यही बनाता था

यह है पूरा मामला
ग्वालियर एसपी अमित सांघी ने बताया कि खबर मिली थी कि सैनिक कॉलोनी बंशीराम मार्केट में फ्लैट नंबर 1-ए में ONLINE फ्रॉड का काम चल रहा है। उन्होंने तत्काल ASP क्राइम राजेश डंडौतिया को इस फर्जीवाडे का खुलासा करने की जिम्मेदारी सौपी। DSP विजय भदौरिया ने SI क्राइम ब्रांच धर्मेन्द्र शर्मा और उनकी टीम को मौके पर भेजा। सब कुछ कंफर्म कर टीम ने छापा मारा तो फ्लैट में काफी संख्या में फर्जी दस्तावेज मिले। मौके से गैंग के तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया। पुछताछ हुई तो खुलासा हुआ कि इन्होंने एक वेबसाइट “LACANTO’ खोल रखी है। उस वेबसाइट को देखकर जब बेरोजगार युवा जॉब के लिए एप्लाई करते हैं तो यह PLAY BOY (जिगोलो) बनने का ऑफर देते थे। यह भी लालच दिया जाता था कि इस काम में मजे के साथ पैसा भी काफी मिलेगा। बेरोजगार उनके झांसे मे आकर राजी हो जाते थे। इसके बाद उनसे डॉक्यूमेंट, कमीशन, सेफ्टी किट के नाम पर रुपए हड़पे जाते थे। जब ठगी हो जाती थी तो नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता था। ठगी के शिकार युवा शर्म के चलते पुलिस तक भी नहीं पहुंच पाते थे।
यह है गिरोह के तीन खतरनाक सदस्य
– क्राइम ब्रांच ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का मास्टर माइंड पंकज राजपूत निवासी मुरैना, सौरभ नवरविरया निवासी अंबाह मुरैना, अभिनव कुमार उर्फ गुलशन निवासी फैजाबाद यूपी के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से 30 सिम कार्ड, 56 ATM कार्ड, 50 आधार कार्ड, 20 पेनकार्ड बरामद हुए हैं। गैंग ने प्ले बॉय की नौकरी का झांसा देकर देशभर के 1 हजार से ज्यादा बेरोजगारों को अब तक ठगा है। इनके गवलियर के 2 बैंक खातों में 18 लाख रुपए की नकदी जमा होने का खुलासा हुआ है।

गिरोह से बरामद सामान, फर्जी पेन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य सील सिक्के
गिरोह से बरामद सामान, फर्जी पेन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य सील सिक्के

जाल में फंसाकर ऐसे ऐंठते थे रुपए
– इनकी वेबसाइट पर नौकरी का ऑफर देखकर जब कोई बेरोजगार इनसे संपर्क करता तो यह लोग बोलते थे कि फिलहाल कोई नौकरी नहीं है, लेकिन वह चाहे तो कुछ दिन प्ले बॉय (जिगोलो) का काम कर लो, बाद में नौकरी भी लगवा देंगे। उन्हें लालच देते कि इस काम में अच्छा पैसा मिलेगा। उनकी सहमति के साथ ही उनसे 3 हजार रुपए लेकर एक फार्म भरवाते। यदि बेरोजगार कहता कि उसके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड नहीं है तो वह भी बनाने के लिए राजी हो जाते। उसके लिए एक्सट्रा चार्ज लेते। फिर किसी और के नाम पते पर पैसे लेेते। इसके बाद एक युवती इन बेरोजगारों को फोन करती। उनसे कहती कि उसे उनकी सर्विस चाहिए, लेकिन वह पूछती कि उनके पास सेफ्टी किट तो है, इस पर जिगोलो बने युवक मना कर देते। जिस पर युवती बिना सेफ्टी किट के उनके साथ कुछ भी करने से मना कर देती थी फिर बेरोजगार युवक उसी गैंग को फोन करके सेफ्टी किट के बारे में पूछते थे। ठग उनको सेफ्टी किट दिलाने के नाम पर कैश लेते थे। जब मोटी रकम हड़प कर लेते तो यह गैंग उस मोबाइल नंबर को बंद कर देती थी।
गैंग में सभी का अपना-अपना रोल है
– साइबर टीम ने आरोपियों के पास से 30 सिम कार्ड, 56 एटीएम कार्ड, 50 आधार कार्ड, 20 पेन कार्ड के अलावा की-पैड, बड़ी मात्रा में मोबाइल बरामद किए। वहीं बैंक अकाउंट की पासबुक और लैपटॉप बरामद किया। मास्टर माइंड पंकज राजपूत ने साइबर टीम को बताया कि वह प्लेबॉय के नौकरी देने के नाम पर बेरोजगारों को ठगते थे। आरोपी पंकज बेरोजगारों के फर्जी आधार कार्ड पैन कार्ड आदि बनाता था। वही दूसरा आरोपी सौरभ नरवरिया इन दस्तावेजों के सहारे फर्जी तरीके से मोबाइल सिम खरीदता था। वहीं तीसरा आरोपी अभिनव कुमार उर्फ गुलशन बेरोजगारों से वाट्सएप के जरिए महिला अधिकारी बनकर बात करता था, महिला बना गुलशन बेरोजगारों को “प्ले बॉय” ज़िगोलों बनने की नौकरी ऑफर करता था। इस नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर बैंक एकाउंट में 3 हज़ार रुपए ट्रांसफर करवाता था। ये दोनों बैंक अकाउंट ग्वालियर की ICICI बैंक में है। इनमें एक अकाउंट में 9 लाख और दूसरे में 9 लाख रुपए जमा है। दोनों बैंकों में कुल 18 लाख रुपए की नकदी जमा होने का खुलासा हुआ ह

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