विपक्ष का हंगामा बेअसर ….. BJP नहीं लेगी मंत्री टेनी का इस्तीफा, ‘बेटे के कर्मों की सजा बाप को नहीं’
लखीमपुर हिंसा मामले में SIT की रिपोर्ट आने के बाद मीडिया से बदतमीजी करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का जबर्दस्त विरोध राज्यसभा और लोकसभा में हुआ। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
विपक्ष ने राज्यसभा में अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग की, लेकिन केंद्र सरकार उन्हें हटाने के पक्ष में बिल्कुल नहीं है। एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा के सूत्रों ने कहा है कि एक पिता को उसके बेटे के कर्मों के लिए सजा नहीं दी जा सकती है।
भाजपा हाईकमान ने दिल्ली किया था तलब
सूत्रों का कहना है कि पार्टी की सीनियर लीडरशिप अजय मिश्रा के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई के पक्ष में नहीं है। पार्टी हाईकमान का यह भी कहना है कि फिलहाल लखीमपुर खीरी हिंसा मामला कोर्ट में लंबित है और SIT ने भी अपनी फाइनल रिपोर्ट दाखिल नहीं की है।
हालांकि पार्टी हाईकमान ने यह बात मानी है कि अजय मिश्रा की तरफ से बुधवार को लखीमपुर खीरी में पत्रकारों के साथ किया गया दुर्व्यवहार पूरी तरह गलत है। इसके लिए मंत्री को चेतावनी दे दी गई है। दरअसल, भाजपा हाईकमान ने मंत्री टेनी को दिल्ली तलब किया था। वह कल देर रात दिल्ली पहुंचे, लेकिन देर रात तक वह अपने आवास नर्मदा अपार्टमेंट नहीं गए। मंत्री आज गुरुवार सुबह करीब 10 बजे सीधे अपने दफ्तर पहुंचे हैं।
पार्टी में भी मंत्री के व्यवहार को लेकर नाराजगी
आज टेनी हाईकमान के सामने पेश होंगे। बताया जा रहा है कि हाईकमान उनकी बदमिजाजी से नाराज है। उधर, टेनी के बेटे को लखीमपुर किसान हिंसा में SIT ने साजिशकर्ता बताया है और इससे भी पार्टी की बदनामी हुई है। पार्टी के भीतर भी मंत्री के व्यवहार को लेकर नाराजगी है।
मंत्री को बर्खास्त किए जाने को लेकर लोकसभा की कार्यवाही बुधवार के बाद गुरुवार को भी हंगामेदार रही। राहुल गांधी और कई सांसद लखीमपुर हिंसा मामले पर बहस के लिए लोकसभा में नोटिस देते हुए टेनी के इस्तीफे की मांग की है। हालांकि, स्पीकर ने सभी नोटिसों को खारिज कर दिया। राहुल ने जब प्रश्नकाल में खीरी हिंसा मामले पर बोलना शुरू किया तो सभापति ओम बिरला ने प्रश्नकाल के फॉर्मेट के मुताबिक व्यवहार करने को कहा।
टेनी को बचा रही सरकार
मंत्री अजय कुमार मिश्र की बर्खास्तगी की मांग कर रही कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सामने आए। उन्होंने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आरोपी मंत्री के आगे सुरक्षा घेरा बनाकर खड़ी हुई है। खड़गे ने कहा कि हमने दोनों सदनों में लखीमपुर हिंसा पर चर्चा करने की कोशिश की, लेकिन चर्चा का मौका नहीं मिला। अगर सरकार टेनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तो यह मान लिया जाएगा कि पीएम मोदी ही टेनी को बचा रहे हैं।
माफी मांगें टेनी, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी की सलाह
मंत्री टेनी के इस्तीफे को लेकर हंगामे के चलते सदन स्थगित होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी सामने आए। उन्होंने कहा कि लखीमपुर हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT जांच चल रही है। ऐसे में जांच रिपोर्ट आने तक विपक्ष को इंतजार करना चाहिए। जोशी ने कहा कि विपक्ष पूरे मामले पर राजनीति कर रहा है, जबकि सदन की सुचारू कार्यवाही के लिए सहयोग करना चाहिए। मंत्री प्रहलाद ने मीडिया कर्मी से अभद्रता मामले पर मंत्री अजय मिश्र टेनी को माफी मांगने की भी सलाह दी।
पत्रकारों पर भड़क गए थे मंत्री
दरअसल, बुधवार को लखीमपुर खीरी में मंत्री अजय मिश्र बेटे आशीष पर SIT जांच रिपोर्ट के बाद बढ़ाई गई धाराओं को लेकर पूछे गए सवाल पर भड़क गए थे। उन्होंने एक पत्रकार से गालीगलौज की और धक्का देने लगे। मंत्री के व्यवहार की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई। इस पर भाजपा हाईकमान ने अजय मिश्र को दिल्ली तलब कर लिया था।
राहुल गांधी का स्थगन प्रस्ताव नामंजूर
बुधवार को सदन में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि SIT की रिपोर्ट के बाद हम इस मामले को सदन में उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस पर कम से कम संसद में चर्चा तो होनी चाहिए, लेकिन चर्चा की अनुमति नहीं मिल रही है। मंत्री (अजय मिश्र टेनी) का इस्तीफा तो होना ही चाहिए।
हत्या की धाराएं बढ़ाने की अपील क
लखीमपुर कांड के 70 दिन बाद मामले की जांच कर रही टीम ने माना है कि 3 अक्टूबर को हुआ खूनी संघर्ष महज दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह हत्या की सोची-समझी साजिश थी। 70 दिन बाद सोमवार को जांच टीम की तरफ से CJM अदालत में पेश हुए मुख्य विवेचक विद्याराम दिवाकर ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मुख्य आरोपी आशीष मिश्र सहित सभी 13 आरोपियों पर से दुर्घटना की धारा हटाने और हत्या की कोशिश समेत अन्य धाराएं बढ़ाने की अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था।
बचाव पक्ष की दलीलें कोर्ट ने खारिज कीं
बचाव पक्ष के वकील अवधेश सिंह ने दलील दी है कि घटना के दौरान हथियार की बरामदगी दो ही लोगों के पास से हुई। इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ 3/25 (30) आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। इसे कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया और जांच अधिकारी की अर्जी को सही मानते हुए जांच जारी रखने के आदेश दिए हैं।