आरक्षण नहीं तो वोट नहीं ….. लखनऊ में रैली के बाद निषाद पार्टी समर्थकों में दिखा आक्रोश, कहा- बीजेपी को भी सत्ता से हटाएंगे

गृहमंत्री अमित शाह के लखनऊ दौरे का आगाज निषाद पार्टी की विशाल रैली से हुआ। संजय निषाद की अगुआई में भारी संख्या में प्रदेशभर से निषाद समाज के लोग रैली में एकत्रित हुए थे, उन्हें उम्मीद थी कि अमित शाह निषादों के आरक्षण को लेकर आज औपचारिक घोषणा करेंगे। गृहमंत्री से इस बाबत कोई ठोस ऐलान न सुनकर उनके सब्र का बांध टूट गया और समर्थक भाजपा को वोट न देने की बात कहते दिखे।

प्रदेश भर से बड़ी संख्या में शामिल हुए थे निषाद पार्टी समर्थक

दरअसल, निषाद समाज की रैली को लेकर प्रदेश भर के तमाम सुदूर जनपदों से भी बड़ी संख्या में पार्टी समर्थक व पदाधिकारी लखनऊ आए हुए थे। मौका इसलिए भी खास था कि रैली में सीएम के अलावा खुद गृह मंत्री अमित शाह शिरकत कर रहे थे। सुबह से ही लोगों में उत्साह देखा जा रहा था, उन्हें उम्मीद थी कि अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा उनकी आरक्षण वाली मांग पर मुहर लगा देगी।

जैसे-जैसे दिन ढलता गया निषाद समर्थक निराश होते गए, रैली के बाद वीवीआईपी काफिला रवाना होते हुए सभी मुखर होकर भाजपा का विरोध करने की बात कहते दिखे। अहम बात यह भी रही कि दूरदराज के जिलों से आई महिला समर्थकों में भी इस बात को लेकर भाजपा व सरकार के प्रति गहरा आक्रोश दिखा। उन्होंने भी साफ शब्दों में भाजपा से दूरी बनाने व चुनाव में वोट ना देने की बात कही। समर्थकों ने कहा कि आरक्षण नहीं, तो वोट नहीं।

शुरू से ही सुनाई देने लगे विरोध के स्वर

सीएम योगी ने जैसे ही रैली को संबोधित करना शुरू किया, रैली में विरोध के स्वर सुनाई पड़ने लगे। सबसे पहले 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का विरोध देखा गया। इस भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगाकर महीनों से अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। मौके पर मौजूद सुरक्षा बलों ने थोड़ी ही देर में इन अभ्यर्थियों को मंच से दूर ले जाकर विरोध को कम करने का प्रयास किया।

इस बीच गृह मंत्री का संबोधन सुनने के बाद जब समर्थकों को अहसास हो गया कि अब रिजर्वेशन को लेकर ऐलान नहीं होगा, तो बीच में ही उन्होंने भी विरोध करना शुरु कर दिया। बाद में जैसे ही वीवीआईपी फ्लीट रैली स्थल से निकली, सभी निषाद कार्यकर्ता आक्रोशित नजर आने लगे। हालांकि, मंच से संजय निषाद ने सिद्धार्थ नाथ सिंह को लाकर फिर से सभी को समझाने का प्रयास किया। मगर, दूर-दराज से आए समर्थकों ने विरोध करना बंद नहीं किया। तमाम समर्थक भाजपा को वोट न देकर चुनाव में सबक सिखाने की बात करते दिखे।

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