राजनीति की हॉट स्पॉट बन रहा मथुरा ….. 3 महीने में 3 राजनीतिक यात्रा, 58 महीने में 19 वीं बार मथुरा आ रहें मुख्यमंत्री

धार्मिक यात्राओं का गढ़ मथुरा जिला अब राजनीति का एपिक सेंटर बनता जा रहा है। राधे कृष्ण की जय जयकार के साथ अब राजनीतिक दल और राजनेताओं के जिंदाबाद के नारे सुनाई देने लगे हैं। यहां पिछले कुछ समय में हुई राजनीतिक हलचल को देखा जाए तो लगता है कि राजनेताओं की पसंद रहे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अब मथुरा उनकी पसंद है।

शिवपाल यादव ने की थी परिवर्तन यात्रा की शुरुआत

धार्मिक स्थली ब्रज भूमि जहाँ भगवान राधे कृष्ण का हर कदम पर स्मरण होता है वहाँ अब राजनीतिक नारों की गूंज है। समाजवादी पार्टी से अलग हो कर शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई। शिवपाल यादव ने भगवान राधा कृष्ण की भूमि वृंदावन से 12 अकटुबर को अपनी पहली यात्रा परिवर्तन रथ यात्रा का शुभारंभ किया। शिवपाल यादव ने यहाँ पहले बाँके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना की और फिर शुरू की परिवर्तन रथ यात्रा।

परिवर्तन रथ यात्रा की शुरआत से पहले शिवपाल यादव को गदा भेंट करते कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ( फाइल फोटो )
परिवर्तन रथ यात्रा की शुरआत से पहले शिवपाल यादव को गदा भेंट करते कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ( फाइल फोटो )

कांग्रेस की प्रतिज्ञा यात्रा का हुआ था समापन

शिवपाल यादव की परिवर्तन यात्रा के बाद नबम्बर में भगवान कृष्ण की भूमि मथुरा में कांग्रेस की प्रतिज्ञा यात्रा पहुँची। 23 अकटुबर को सहारनपुर से शुरू हुई इस यात्रा का मथुरा के इस्लामियां इंटर कॉलेज में समापन हुआ। इस यात्रा के वृन्दावन पहुंचने पर ओलम्पिक पदक विजेता बॉक्सर व पार्टी के स्टार प्रचारक विजेंद्र सिंह ने कांग्रेस के नेताओं के साथ बाँके बिहारी के दर्शन किये और फिर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण।

मथुरा की सड़कों से निकलती कांग्रेस की प्रतिज्ञा यात्रा ( फाइल फोटो )
मथुरा की सड़कों से निकलती कांग्रेस की प्रतिज्ञा यात्रा ( फाइल फोटो )

19 दिसम्बर को भाजपा की जन आशिर्बाद यात्रा

प्रसपा और कांग्रेस के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व जनता के बीच योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा किये गए कामों को बताने के लिए अब भाजपा जन आशीर्वाद यात्रा निकालने जा रही है। जन आशीर्वाद यात्रा 2 की शुरुआत भी मथुरा से होगी। इस यात्रा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरि झंडी दिखाएंगे। इससे पूर्व वह यहां रामलीला मैदान में एक जनसभा को भी सम्बोधित करेंगे।

19 दिसम्बर को 19 वीं बार आएंगे मुख्यमंत्री

जन विश्वास यात्रा 2 के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 दिसम्बर को मथुरा आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 वीं बार मथुरा आ रहे हैं। इससे पहले वह 18 बार मथुरा आ चुके हैं। 2021 कि बात करें तो पहली बार वैष्णव कुम्भ मेला की शुरुआत पर मथुरा आये थे। इसके बाद वह कोरोना काल में अस्पतालों की स्थिति जानने मथुरा आये थे। मुख्यमंत्री का तीसरा दौरा श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर हुआ। इसके बाद उन्होंने 10 नबम्बर से लगे बृज रज उत्सब में सहभागिता की और सन्तों के साथ भोजन ग्रहण किया। मुख्यमंत्री का पाँचवा दौरा 8 दिसम्बर को मांट में हुआ जहां उन्होंने 196 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। अब 19 दिसम्बर को एक बार फिर मुख्यमंत्री छठ वीं बार मथुरा आ रहे हैं।

श्री कृष्ण जन्मस्थान गर्भगृह में भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने के दौरान भक्ति भाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( फाइल फोटो)
श्री कृष्ण जन्मस्थान गर्भगृह में भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने के दौरान भक्ति भाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( फाइल फोटो)

योगी सरकार ने वृन्दावन सहित 7 स्थानों को किया तीर्थ स्थल घोषित

2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद 2018 में मथुरा के 7 स्थान वृन्दावन ,बरसाना , गोवर्धन, नन्दगांव, गोकुल, महावन एवं बलदेव को तीर्थस्थल क्षेत्र का दर्जा दिया गया था। इसके बाद 10 सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री ने मथुरा वृंदावन नगर निगम के 22 वार्डों के अधिसूचित क्षेत्र को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया । जिन वार्डों को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया गया उनके नाम घाटी बहाल राय, गोविंद नगर, मंडी रामदास, चौबिया पाडा, द्वारिकापुरी, नवनीत नगर, वनखंडी, भरतपुर गेट, अर्जुनपुरा, हनुमान टीला, जगन्नाथपुरी, गऊघाट, मनोहरपुर, बैरागपुरा, राधानगर, बदरीनगर, महाविद्या कॉलोनी, कृष्णा नगर प्रथम, कृष्णानगर द्वितीय, कोयला गली, दम्पियर नगर और जयसिंह पुरा हैं। यह एरिया श्री कृष्ण जन्मस्थान के 10 किलोमीटर का क्षेत्र है।

श्री कृष्ण जन्मस्थान ,शाही ईदगाह विवाद को लेकर सुर्ख़ियों में है मथुरा

वर्तमान में मथुरा श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह को लेकर सुर्ख़ियों में है। श्री कृष्ण विराजमान द्वारा अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर जिला जज की अदालत में याचिका दाखिल की गई थी। जिसके बाद 9 अन्य लोगों ने भी कोर्ट में याचिका दाखिल की। सभी दस मामलों पर वर्तमान में कोर्ट सुनवाई कर रहा है। वहीँ 6 दिसंबर को अखिल भारत हिन्दू महासभा ने शाही ईदगाह पर बाल गोपाल को विराजमान कर जलाभिषेक की घोषणा की थी जिसके बाद डीएम ने इस तरह के किसी भी आयोजन पर रोक लगाते हुए धारा 144 लगा दी और भारी पुलिस बल तैनात क्र दिया था। इससे पहले 1 दिसंबर को उपमुख्यमंत्री केशब प्रसाद मौर्या ने भी एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा था अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है मथुरा की तैयारी है। इस ट्वीट के बाद राजनितिक हलचल तेज हो गयी थी और विपक्ष भाजपा पर हमलावर। वहीँ 9 दिसंबर को भाजपा के राजयसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने राजयसभा में उपासना स्थल कानून 1991 को रद्द करने की मांग करते हुए बयान दिया था की यह कानून भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण के बीच भेदभाव पैदा करता है जबकि दोनों भगवान विष्णु के अवतार हैं। इसके बाद अब 15 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियांन ने श्री कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा छेड़कर राजनितिक हवा दे दी।

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