कसौटी पर कलेक्टर:52 जिलों के लिए 99 IAS कतार में, DPC के बाद 117 हो जाएंगे
राज्य प्रशासनिक सेवा के मुख्य तौर पर अलग-अलग बैच के 18 अधिकारियों को आईएएस अवॉर्ड करने के लिए 20 दिसंबर को इंदौर में डीपीसी होने जा रही है। इसके बाद जिलों के कलेक्टर बनने की कतार 99 से बढ़कर 117 आईएएस अधिकारियों की हो जाएगी। यानी हर जिले के लिए औसत दो अधिकारियों की दावेदारी है। इसका कारण है कि साल 2009 से लेकर 2013 के दौरान आईएएस अधिकारियों की लंबी बैच है। पहले जो बैच औसतन 10 अधिकारियों की होती थी, वह अब बढ़कर 31 तक की हो गई है।
सबसे बड़ी बैच अभी साल 2012 की, 18 अधिकारियों के पदोन्नत होने के बाद सबसे बड़ी बैच 2013 की होगी
- साल 2007 में कुल 12 और साल 2008 में कुल 20 अधिकारी हैं।
- साल 2009 में 11 सीधी आईएएस और 14 पदोन्नत वाले कुल 25 आईएएस।
- साल 2010 में 11 सीधी भर्ती और 13 पदोन्नत वाले कुल 24 आईएएस।
- साल 2011 में 8 सीधी भर्ती और 16 पदोन्नत वाले कुल 24 आईएएस।
- साल 2012 में 15 सीधी भर्ती के और 16 पदोन्नत वाले कुल 31 आईएएस।
- साल 2013 में 16 सीधी भर्ती वाले और 9 पदोन्नत, कुल 25
(इसमें अभी पदोन्नत वाले 18 में से कम से कम 12 अधिकारी और जुड़ेंगे और यह बैच सबसे बड़ी करीब 35 अधिकारियों की हो जाएगी।)
इंदौर के 4 अधिकारी कर रहे कलेक्टर बनने का इंतजार
पदोन्नति के बाद साल 2012 बैच पाने वाले आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय, 2013 बैच के सीधी भर्ती वाले रजनी सिंह व राघवेंद्र सिंह के साथ आईएएस अवॉर्ड हो चुके एडीएम पवन जैन कलेक्टर बनने का इंतजार कर रहे हैं। डीपीसी में इंदौर में पदस्थ 1999 बैच के डॉ. अभय बेडेकर, अजय देव शर्मा के साथ ही 2000 बैच की राखी सहाय भी पदोन्नत होकर आईएएस हो जाएंगी। वहीं सीधी भर्ती के साल 2014 बैच के ऋषव गुप्ता के साथ नेहा मीणा और भव्या मित्तल अभी अगले साल कलेक्टर की दावेदारी में आ जाएंगे।