Delhi: कफ सीरप से बच्चों की मौत के मामले में दिल्ली सरकार ने लिया एक्शन, 3 डॉक्टर सस्पेंड; मेडिकल काउंसिल में भी शिकायत

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि कलावती सरन अस्पताल के तीनों डॉक्टरों की इस मामले में लापरवाही पाई गई है. मामले की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है.

दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक (Delhi Mohalla Clinic) में खांसी के सिरप की वजह से 16 बच्चे बीमार हो गए, वहीं 3 बच्चों की मौत हो गई (Children Death). जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. जिसके बाद केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने दिल्ली सरकार को निर्देश देते हुए कहा है इस सीरप को चार साल से कम उम्र के बच्चों को न दिया जाए. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए तीन डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है.

दरअसल केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय को निर्देश दिया है कि वह मोहल्ला क्लीनिकों, डिस्पेंसरियों को नोटिस जारी करे कि चार साल से कम उम्र के बच्चों को डेक्सट्रोमेथार्फन कफ सीरप (Dextromethorphan Cough Syrup) न दी जाए.

CDSCO की जांच में सीरप की गुणवत्ता नहीं पाई गई ठीक

डीजीएचएस द्वारा कहा गया है कि जांच में यह बात सामने आई है कि मोहल्ला क्लीनिक में बच्चों यह कफ सीरप दी गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि तबीयत बिगड़ने से 16 बच्चे कलावती सरन अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. उनमें से तीन की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सीरप की जांच की. इस जांच में सीरप की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई है.

मेडिकल काउंसिल में डॉक्टरों की शिकायत

वहीं मामले में दिल्ली सरकार ने तीन डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि कलावती सरन अस्पताल के तीनों डॉक्टरों की इस मामले में लापरवाही पायी गई है. मामले की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है. मंत्री ने बताया कि मेडिकल काउंसिल में भी डॉक्टरों की शिकायत की जा रही है.

कलावती सरन अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि इसी साल जुलाई में अचानक मोहल्ला क्लीनिकों से बच्चे उल्टी, बुखार और दस्त की समस्या के साथ अस्पताल की इमरजेंसी में आने लगे थे. वे हैरान थे कि अचानक हर दिन बच्चे बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे थे. इस दौरान तीन बच्चों की मौत भी हो गयी और 16 बच्चे भर्ती किए गए.

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