gwalior…. डीआरडीई की नई लैब …… 20 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए जाएंगे वॉच टावर और बाउंड्रीवॉल; 2022 में शुरू होगा निर्माण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीआरडीई) की नई बीएसएल-4 लैब के निर्माण की शुरुआत नए साल 2022 में हो जाएगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन दिल्ली (डीआरडीओ) ने प्रयोगशाला की बाउंड्रीवॉल के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है। पूरी लैब का निर्माण पर लगभग 300 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें अनुसंधान के लिए अधिकांश आधुनिक उपकरण अमेरिका व जर्मनी से मंगाए जाएंगे।
टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही जनवरी-फरवरी में बाउंड्रीवॉल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। नई लैब में वायुसेना बाउंड्री की तरह ही लगभग 400-500 मीटर की दूरी पर एक वॉच टावर निर्माण किया जाएगा, कुल लगभग 60 वॉच टावर परिसर के चारों ओर बनाए जाएंगे। लगभग 4-6 पंप हाउस व बाउंड्रीवॉल के ऊपर तार फेंसिंग भी की जाएगा।
ग्वालियर में बनने वाली बायोलॉजिकल सेफ्टी लैब-4 पहली नई आधुनिक लैब होगी, अब तक पुणे स्थित लैब देश की सबसे अधिक आधुनिक लैब थी। डीआरडीई में बनने वाली यह नई लैब अमेरिका, रुस व चीन की आधुनिक लैब के समकक्ष होगी। नई लैब में सभी तरह के वैक्टीरिया व वायरस पर अनुसंधान किया जा सकेगा। इस अनुसंधान की रिपोर्ट भी तत्परता से मिल सकेगी। नई लैब को थ्री लेयर सुरक्षा में बनाया जाएगा।
देश की सबसे आधुनिक लैब की थ्री लेयर में होगी सुरक्षा
- 60 वॉच टावर से रखेंगे निगरानी
- 400 मीटर की दूरी पर होंगे टावर