जीएसटी नियम 1 जनवरी से और सख्त ….

.सिर्फ माल की सप्लाई बताकर नहीं मिल सकेगी टैक्स क्रेडिट, सामान बेचने या पाने वाले का मंथली रिटर्न जरूरी…….

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने जीएसटी रिफंड से लेकर पेनाल्टी, टैक्स जमा करने संबंधी कई नियम कड़े कर दिए हैं, जो एक जनवरी से लागू हो जाएंगे। जीएसटी विशेषज्ञ मुकुल शर्मा के मुताबिक व्यापारी अब सिर्फ माल की सप्लाई दिखाकर टैक्स क्रेडिट नहीं ले सकेंगे।

क्रेडिट तब ही उनके जीएसटी खाते जीएसटीआर-2बी में आएगी, जब माल बेचने या पाने वाला भी मासिक रिटर्न भरकर इसकी जानकारी दे। जिन कारोबारियों ने जीएसटी नंबर आधार से लिंक नहीं कराया, उनके द्वारा क्लेम किए गए रिफंड की कार्रवाई रोक दी जाएगी। यदि किसी व्यवसायी का किसी कारण रजिस्ट्रेशन रद्द होता है तो ऐसी स्थिति में वह रजिस्टेशन बहाली के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा। इसके लिए उसे जीएसटी नंबर को आधार से लिंक कराना होगा।

8 पॉइंट्स में समझें- पेनाल्टी से लेकर सुविधा तक नए नियमों से क्या, किस तरह बदलेगा

1 जीएसटी विभाग को छापों में ज्यादा अधिकार मिले। विभाग अब दोषी और माल भेजने वाले व्यापारी के साथ-साथ उससे जुड़े हर व्यक्ति के खाते, प्रॉपर्टी अटैच कर सकेगा।

2. व्यापारी टैक्स भरने में विलंब करता है तो उसे टैक्स क्रेडिट और कैश दोनों से जमा की गई राशि पर पेनाल्टी देनी पड़ती थी, लेकिन अब सिर्फ नकद राशि पर ही पेनाल्टी लगेगी।

3 जीएसटीआर-3बी दो महीने तक नहीं भरने पर व्यापारी अगले महीने माल न तो मंगा पाएगा, न भेज पाएगा। उसका सप्लाई वाला रिटर्न फाॅर्म जीएसटीआर-1 जनरेट नहीं होगा।

4 कपड़ा और जूते-चप्पल निर्माताओं को कोई टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगी। क्योंकि अब कच्चे माल और तैयार उत्पाद दोनों पर टैक्स 12% कर दिया गया है।

5 जितना टैक्स जमा किया, टैक्स क्रेडिट भी उतनी मिलेगी। अभी आप सप्लाई के आधार कुल टैक्स क्रेडिट का 105% तक इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सकते थे।

6 माल के लिए व्यापारी हर महीने जीएसटीआर-1 फाइल करते हैं। इसके बाद जीएसटीआर-3बी में टैक्स भरते हैं। अब जीएसटीआर-1 भरते ही जीएसटीआर-3बी जनरेट होगा।

7 ई-वे बिल के जरिए माल लाने-ले जाने में गलती पर अब पेनाल्टी दोगुनी कर दी गई है। यानी ट्रक पकड़ा गया तो 200 रु. पेनाल्टी। कारोबारी इस पर अपील करता है तो पहले टैक्स का 10% राशि लगती थी, लेकिन अब ये पेनाल्टी 25% यानी 200 रु. का 25% (50 रु.) भरनी होगी।

8 रिफंड या आईटीसी क्लेम के लिए आधार वेरिफिकेशन अब जरूरी।

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