27 दिनों से किसानों की हिरासत में नोएडा प्राधिकरण ….. 150 से ज्यादा कमरों वाली बिल्डिंग में सभी गेटों पर किसानों ने लगाए ताले, दूसरी जगहों से बैठ रहे अफसर
नोएडा में अपनी मांगों को लेकर किसानों ने प्राधिकरण की बिल्डिंग को अपने कब्जे में ले लिया है। या यूं कहें कि नोएडा विकास प्राधिकरण 27 दिनों से किसानों की हिरासत में है। किसानों ने प्राधिकरण के सभी गेटों पर ताले लगा दिए हैं। कोई भी अधिकारी या कर्मचारी प्राधिकरण के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है। अधिकारी दूसरे कार्यालयों में बैठकर काम कर रहे हैं।
उधर, किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं। उनका आमरण अनशन भी जारी है। अब तक 22 किसानों की तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सेक्टर-6 में डाला है किसानों ने डेरा
किसानों ने जहां डेरा डाला हुआ है, वह सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण का मुख्य प्रशासनिक खंड का कार्यालय है। इस कार्यालय में चेयरमैन, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, सभी श्रेणियों के संपत्ति के ओएसडी, सर्किल-10, सर्किल-1, नियोजन विभाग के अलावा प्राधिकरण का लॉ सेक्शन भी है। इन सभी का कार्य पिछले 27 दिनों से प्रभावित है। अधिकारी अंदर प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। इनका खामियाजा शहर वासियों को उठाना पड़ा है।
प्रतिदिन आते हैं 15 सौ से 2 हजार आवंटी
प्रशासनिक खंड कार्यालय में अपने कार्यों के सिलसिले में 1,500 से करीब 2,000 आवंटी आते हैं। किसानों ने पूरी तरीके से प्राधिकरण को लॉकडाउन कर रखा है। ऐसे में इनका कार्य बाधित हो रहा है। हालांकि, अधिकांश कार्य ऑनलाइन हैं, लेकिन यह सभी कार्य प्रशासनिक खंड से ही होते हैं। इसलिए इन में देरी होती जा रही है।
यह होते हैं कार्य
- मॉर्गेज परमिशन
- प्रॉपर्टी का ट्रांसफर ऑफ मेमोरेंडम
- नक्शा स्वीकृति
- त्रिपक्षीय रजिस्ट्री के लिए आवंटि के हस्ताक्षर
- संपत्ति की खरीद-फरोख्त से संबंधित एनओसी लेना
- इसके अलावा शहर का नियोजन
- नीतियां निर्धारण
- नोएडा शहर के लिए सभी बड़े प्रकार के फैसले
नोट- इसमें से अधिकांश कार्य ऑनलाइन भी हैं, लेकिन प्रशासनिक खंड का कार्यालय बंद होने के चलते इनमें देरी होती है।
मुख्य की जगह इन कार्यालयों से कर रहे अधिकारी कार्य
- सेक्टर-5 जल खंड ऑफिस
- सेक्टर-19 सिविल मेंटेनेंस ऑफिस
- सेक्टर-39 हॉर्टिकल्चर और इलेक्ट्रिकल एंड मेंटेनेंस ऑफिस
- सेक्टर-20 सर्किल ऑफिस
- आसपास की 40 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों को हो रहा नुकसान
सिर्फ प्राधिकरण प्रशासनिक खंड के कार्यालय ही नहीं बल्कि किसान मुख्य सड़क पर बैठे हैं। इससे इस सेक्टर में स्थित 40 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां भी प्रभावित हो रही हैं। गेट बंद होने के चलते कर्मचारियों को औद्योगिक परिसर तक पहुंचने में काफी दिक्कत होती है। इससे प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन मल्हन मुख्यमंत्री से पहले ही गुजारिश कर चुके हैं कि जल्द से जल्द धरने को समाप्त कराया जाए।
112 दिन से धरना, 15 वार्ताएं, फिर भी नहीं निकला हाल
किसान 112 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन को 4 महीना होने वाला है। इस बीच 15 से ज्यादा बार किसानों की वार्ता प्राधिकरण से, लखनऊ स्थित औद्योगिक विकास मंत्री के अलावा कई अन्य वार्ताएं हुईं, लेकिन सभी वार्ताएं विफल रहीं। किसान अपनी जिद पर अड़ा हुआ है तो वहीं प्राधिकरण मांगों पर सिर्फ आश्वासन ही दे रहा है। किसान चाहता है कि सभी मांगों को पहले बोर्ड में पास किया जाए। उसके बाद शासन स्तर पर रखा जाए। वहीं प्राधिकरण का मत है कि जो मांगें शासन से पूरी की जानी हैं, उनको सीधे शासन के पास भेजा जाए।
यह है किसानों की मांग
- 64.7 की दर से सभी किसानों को मुआवजा दिया जाए।
- गांव में नक्शा पास नीति समाप्त की जाए।
- गांव में 25 मीटर ऊंचाई तक छूट दी जाए।
‘किसान अस्तित्व बचाओ रैली’ निकाली जाएगी
प्रदर्शन कर रहे किसान आज दोपहर बाद ‘किसान अस्तित्व बचाओ रैली’ निकालेंगे। भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने बताया कि अब तक करीब 22 किसान जिला अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। वहीं मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्राधिकरण और प्रशासन को किसानों की ताकत का एहसास दिलाया जाएगा।