केंद्र के ‘नशामुक्त भारत’ का विजन हमें अमृत काल में हमारा संकल्प बनाना है- अमित शाह

नार्को समन्वय केंद्र ( NCORD) की शीर्षस्तरीय समिति की तीसरी बैठक
मादक पदार्थों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई

नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित ने कहा कि NCORD नशीले पदार्थो से सम्बंधित विषयों को नियंत्रित कर रहे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच प्रभावी समन्वय के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिसने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में बहुत अच्छे परिणाम दिखाए हैं। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में इस तीसरी बैठक के माध्यम से हमें यह सुनिश्चित करना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नशा-मुक्त भारत’ का जो विजन हमें दिया है इस अमृत काल में हमें उसे हमारा संकल्प बनाना है। गृह मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने मादक पदार्थों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। हमें देश में नशीले पदार्थों की आपूर्ति के नेटवर्क को ध्वस्त करना पर ज़ोर देना चाहिए।

केंद्र के ‘नशामुक्त भारत’ का विजन हमें अमृत काल में हमारा संकल्प बनाना है- अमित शाह

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नशे की समस्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ी चुनौती है, जिसको सभी के समन्वय से ही निपटा जा सकता है। शाह ने बताया कि वर्ष 2011 से 2014 और वर्ष 2018 से 2021 के दौरान अगर मादक पदार्थों की जब्ती का रिकॉर्ड देखें तो दिखाई देता है कि यह समस्या बढ़ रही है, लेकिन साथ ही ये भी पता चलता है कि सरकारी एजेंसियां अच्छा कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 से 2021 के बीच 1881 करोड़ रूपए मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए गए जो वर्ष 2011 से 2014 के बीच जब्त किए गए ड्रग्स (604 करोड़ रूपए) का तीन गुना है। वर्ष 2018 से 2021 के बीच लगभग 35 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई जबकि 2011 से 2014 के बीच लगभग 16 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी।

बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए और निर्देश दिए। शाह ने कहा NCORD मेकैनिज्म का गठन वर्ष 2019 में इस चार स्तरीय व्यवस्था को और सुदृढ़ किया, जैसे- शीर्ष स्तरीय एन-कॉर्ड समिति, कार्यकारी स्तरीय एन-कॉर्ड समिति, राज्यस्तरीय एन-कॉर्ड समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता, जिलास्तरीय एन-कॉर्ड समिति -जिलाधिकारी की अध्यक्षता में।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिए कि इसकी नोडल एजेंसी के तौर पर एनसीबी है और प्रत्येक स्तर पर NCORD बैठकों में जो भी निर्णय लिए जाते हैं उसके क्रियान्वयन के लिए समुचित प्रयास होने चाहिए। बैठकों में दिए गए दिशा निर्देशों की का पालन एक निर्धारित समयसीमा के अंदर सुनिश्चित करनी चाहिए।

अमित शाह ने सभी राज्यों को एडीजीए आइजी स्तर के पुलिस अधिकारियों के अधीन डेडीकेटेड एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन करने के निर्देश दिए जो राज्य दबव तक के सचिवालय का कार्य करें जिससे निर्णयों का समयसीमा के अंदर क्रियान्वयन हो सके।

अमित शाह ने निर्देश दिए कि नारकोटिक्स प्रशिक्षण मॉड्यूल, राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाए जिससे इसमें पुलिस CAPF कार्मियों, प्रॉसिक्यूटर्स और विभिन्न सिविल डिपार्टमेंट के लोगों को प्रशिक्षित किया जा सके। इसमें रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, फार्मास्यूटिकल डिपार्टमेंट, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, पोत मंत्रालय, NCRB, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भारतीय तटरक्षक बल, डीआरआई और डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट को शामिल किया जाए। शाह ने कहा कि 60-70% नारकोटिक्स ड्रग्स की तस्करीमुख्यत समुद्री मार्ग से होती है, इसलिए सभी तटीय राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों द्वारा विशेष रूप से प्रयास किए जाएं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने ड्रग्स की तस्करी को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नार्को कैनाइन पूल विकसित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारी एनएसजी के पास इसके लिए पर्याप्त अनुभव तथा क्षमता है और एनसीबी एनएसजीके साथ समन्वय कर एक नीति बनाए जिसके तहत राज्य पुलिस को भी आवश्यकतानुसार कैनाइन स्क्वॉड की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *