ग्वालियर.. रिश्वतखोर सहायक सचिव पकड़ा ….. रिश्वत के 7 हजार रुपए जेब में रखते ही पकड़ाया, लोकायुक्त के अफसरों को देखकर कड़ाके की ठंड में आया पसीना
ग्वालियर के डबरा में पुट्टी ग्राम पंचायत के सहायक सचिव को लोकायुक्त ने 7 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। सहायक सचिव ने पंचायत के निर्माण कार्यो का मस्टर बनाने के एवज में 10 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। तीन हजार पहले ले चुका था। 7 हजार रुपए की दूसरी किश्त लेते ही उसे लोकायुक्त ने ट्रैप कर लिया।
घटना मंगलवार रात डबरा में पुट्टी गांव के सरपंच के घर की है। चार दिन पहले यह शिकायत सरपंच के पुत्र ने ग्वालियर लोकायुक्त एसपी से की थी। जिसके बाद रिकॉर्डिंग कर सहायक सचिव को जाल में फंसाया गया।
यह है पूरा मामला
लोकायुक्त ने मंगलवार रात ग्राम पंचायत पुट्टी के सहायक सचिव को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। सहायक सचिव सचिन पांडे सात हज़ार रुपए की रिश्वत लेने सरपंच के घर पहुंचा था। तभी लोकायुक्त की टीम ने उसकी कलाई थाम ली। डबरा जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पुट्टी के सहायक सचिव सचिन पांडे द्वारा सरपंच से पंचायत के निर्माण कार्यों के मस्टर बनाने को लेकर 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। सरपंच के काफी समझाने के बाद भी सहायक सचिव पांडे मान नहीं रहा था। सरपंच ने जब बात की तो सहायक सचिन ने दो किस्तों में रुपया देने की बात कही। जिसकी पहली किस्त के रूप वह 3 हजार रुपए कुछ दिन पहले ले चुका था।
दूसरी और फाइनल किस्त के सात हकार रुपय मंगलवार को देना तय हुआ था। पर सरपंच के बेटे जितेन्द्र बोहरे को यह भ्रष्टाचार मंजूर नहीं था। जिसकी शिकायत जितेंद्र बोहरे ने लोकायुक्त ग्वालियर एसपी से 24 दिसंबर को की थी। जिसके बाद आरोपी की बातचीत को बतौर सबूत रिकॉर्ड किया गया था। मंगलवार को लोकायुक्त टीम डबरा पहुंच गई और सहायक सचिव का इंतजार करने लगी। सहायक सचिव सचिन पांडे रिश्वत लेने सरपंच के विवेकानंद कॉलोनी स्थित घर पहुंच गया। जैसे ही उसने 7 हजार रुपए की रिश्वत लेकर रुपए जेब में रखे उसे लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया है।
भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर सस्पेंड करने के लिए लिखा
– यह पूरी कार्रवाई लोकायुक्त की टीम ने निरीक्षक ब्रजमोहन नरवरिया के नेतृत्व में की है। निरीक्षक नरवरिया का कहना है कि ग्राम पंचायत के सहायक सचिव सचिन पांडे को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही संबंधित विभाग को सस्पेंड करने के लिए लिखा गया है।