इंस्टाग्राम-फेसबुक पर उज्जैन के बदमाश को करते थे फालो, लूट के लिए खरीदी थी बाइक
पढ़ने आए थे शहर, बन गए लुटेरे …..
भिंड पुलिस ने मंगलवार की दोपहर बंदूक लूट की घटना का खुलासा किया। इस वारदात में पुलिस ने चार बदमाशों को दबोच लिया है। इसमें एक आदतन बदमाश है, जबकि तीन युवक कम उम्र के है। जिनमें दो युवक पढ़ाई करने के लिए गांव से भिंड शहर में आए थे। वे गलत संगत में आ गए और उन्हें गुंडा-बदमाश बनने का चसका लग गया। यह दोनों युवा 12वीं के छात्र है वे उज्जैन के कुख्यात बदमाश दुर्लभ कश्यप को इंस्टाग्राम और फेसबुक पर फॉलो करते थे।
लूट की वारदात के लिए 19 हजार में खरीदी थी पल्सर
पुलिस ने बंदूक लूट की घटना में विवेक गुर्जर निवासी रनूपुरा, पंकज गुर्जर निवासी कक्ष पुरा (ये दोनों ही छात्र है), रवि कुशवाह निवासी एमजेएस रोड, इसके अलावा आदतन बदमाश रामप्रीत बघेल को पकड़ लिया है। पुलिस के मुताबिक विवेक गुर्जर, पंकज गुर्जर और रवि कुशवाह पर्स और मोबाइल लूट की वारदात को करते थे। लूट की वारदात के बाद मोबाइल को रामप्रीत बघेल को बेच देते थे। रामप्रीत की मोबाइल शॉप की दुकान है जहां वो मोबाइल को औने-पौने दामों में खरीदकर उनके पार्ट्स को दूसरे मोबाइल शॉप पर बेच देता था। इस तरह मोबाइल और पर्स लूट की वारदात के बाद पंकज और विवेक ने 19 हजार रुपए में एक पल्सर बाइक खरीदी थी। इस बाइक पर बिना नंबर प्लेट लगाए वे शहर में लूट की वारदात को अंजाम देते थे।
राइफल लूट का रामप्रीत ने दिया था आइडिया
छोटी-छोटी वारदातों के बाद हजार-दो हजार की होनेवाली कमाई के बाद शातिर बदमाश रामप्रीत ने एक लाख कमाने का आइडिया बताया। रामप्रीत, इन तीनों युवकों को बताया कि एक वारदात में एक लाख की कमाई होगी और किसी को पता भी नहीं लगेगा। रामप्रीत ने बताया कि हर रोज यहां से शाम आठ से नौ बजे के बीच एक व्यक्ति रायफल (बंदूक) लेकर निकलता है। यह बंदूक को एक लाख में बिकवा दूंगा। इस घटना को अंजाम देने की चारों ने प्लानिंग की। इस वारदात में पंकज ने अपने मामा के गांव केशव गढ़ मड़ोरी के रहने वाले दोस्त को भी शामिल किया। इस तरह पांच लोग इस वारदात में शामिल हुए। इसके बाद इन सभी ने 22 नवंबर को रैकी की और 23 नवंबर को लूट की वारदात काे सिक्योरिटी गार्ड प्रमोद शर्मा निवासी रंजना नगर से जग राम नगर में अंजाम दिया। इसके बाद यह बंदूक को अंबाह- पोरसा में रहने वाले राम निवास को बेच दी थी।
पीली जैकेट की वजह से हुआ खुलासा
बंदूक लूट की घटना के बाद देहात थाना पुलिस और साइबर टीम सक्रिय हुई। करीब 33 दिन तक पुलिस ने पूरे मामले का बारीकी से अध्ययन किया। घटना स्थल के आस पास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। यहां पुलिस को पीली जैकेट पहने हुए युवक बार-बार दिखा। घटना के समय एक स्कूटी और एक पल्सर बाइक पर बैठे युवक दिखे। सीसीटीवी कैमरे में तीन युवक पल्सर पर थे जिनमें एक पीली जैकेट पहने था। पुलिस ने जब संदेही पंकज गुर्जर को उठाया तो पहले उसने घटना से अनजान बताया। जब पुलिस ने संदेही के घर दबिश दी तो पीली जैकेट मिल गई। इसके बाद लूट गिरोह का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने इस मामले में अब तक चार आरोपी दबोच लिए। पंकज का केसबगढ़ मड़ोरी का रहने वाला दोस्त जोकि दिल्ली में है उसको पकड़ने के लिए पुलिस पार्टी रवाना हो चुकी है। पुलिस ने अंबाह-पोरसा मुरैना में रहने वाले रामनिवास के घर से बंदूक भी बरामद कर ली।
महिला का पर्स भी लूटा था
बंदूक लूट की घटना बदमाशों ने रात करीब साढ़े बजे घटित की है। इससे पहले शाम करीब चार बजे बाइपास रोड से चतुर्वेदी नगर में रहने वाली मां-बेटी से पर्स लूटा था। आरोपियों से पुलिस ने पर्स और उसमें रखा माेबाइल भी बरामद कर लिया। बदमाशों से पुलिस को नकदी, रायफल और दस कारतूस भी मिले हैं।
कौन था कुख्यात बदमाश दुर्लभ कश्यप
कुख्यात बदमाश दुर्लभ कश्यप उज्जैन का रहने वाला था। यह बदमाश फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बेहद कम उम्र में सक्रिय हो गया था। पुलिस के मुताबिक दुर्लभ कश्यप 17 साल की उम्र से ही अपराध की दुनिया में कदम रख चुका था जोकि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता था। बताया जाता है कि इसकी गैंग में सौ से ज्यादा बदमाश शामिल थे। परंतु, अपने ही गैंग के सदस्यों से मुठभेड़ होने से एक साल पहले उसकी हत्या हो गई थी। पकड़े गए यह बदमाश भी इस कुख्यात बदमाश के फॉलो करते थे।