ग्वालियर में अपराध यहां सबसे ज्यादा केस …?
Crime capital of Gwalior: उपनगर मुरार… ग्वालियर की अपराध राजधानी, यहां सबसे ज्यादा केस
इलाका ग्वालियर की क्राइम कैपिटल है…ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्याेंकि सबसे ज्यादा अपराध अगर ग्वालियर में होते हैं तो वह मुरार इलाका है।
बातों पर हत्या, जानलेवा हमले जैसे मामले सामने आते हैं। इतना ही नहीं यहां सट्टा, जुआ भी अपराध की वजह है। तिघरा रोड इसी थाने की हद में आती है, जहां सड़क हादसे होते हैं। आत्महत्या भी इस इलाके में मुरार इलाके से अधिक होती हैं।
महाराजपुरा: यहां अपराध के पीछे सबसे बड़ी वजह जमीन है, यहां जमीनों की धोखाधड़ी, दूसरों की जमीनों कब्जे के लिए अपराध होता है। हाल ही में मासूम बालिका को गोली लगी थी, हत्या जैसा सनसनीखेज अपराध जमीन के विवाद में यहां होता है। गोलीबारी, लूट, चोरी और अपहरण जैसे अपराध भी यहां अधिक होते हैं। नेशनल हाइवे 719 यहां से गुजर रहा है, भारी वाहनों की वजह से सड़क हादसे, चालकों के साथ लूट, ठगी की घटनाएं होती हैं। महिला अपराध भी यहां अधिक होता है।
बहोड़ापुर: यहां चोरियां अधिक होती हैं, इसके अलावा नकली माल का कारोबार यहां दूसरे थानों की तुलना में सबसे ज्यादा होता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि बहोड़ापुर का ट्रांसपोर्ट नगर इलाका नकली माल बनाने का गढ़ है। दो सुसाइड पाइंट…पहला सागरताल और दूसरा किला- जहां आत्महत्या की घटना सबसे ज्यादा होती हैं। सड़क हादसे यहां अधिक होते हैं, नशे में मोबाइल, पर्स छीनने की घटनाएं जनकगंज के बाद यहां ज्यादा होती हैं। यहां कुछ संवेदनशील इलाके ऐसे हैं, जहां बीच-बीच में दो वर्गों में तनाव की घटनाएं सामने आती हैं।
थाटीपुर: यहां पड़ोसियों से विवाद, एससीएसटी एक्ट के मामले अधिक रहते हैं। इसके अलावा घरेलू हिंसा, चोरी, दुष्कर्म, छेड़छाड़ जैसी घटनाएं भी अधिक होती हैं। यहां बालिकाओं के गुम होने के मामले अधिक होते हैं।
शहर के सबसे प्रमुख इलाके का थाना कोतवाली, सबसे कम अपराध यहां
शहर का सबसे प्रमुख व्यापारिक इलाका लश्कर माना जाता है, इसमें भी महाराज बाड़ा और सराफा बाजार सहित आसपास के बाजार प्रमुख व्यापारिक केंद्र हैं। यह कोतवाली थाने की हद में आते हैं, यहां तिघरा के बाद सबसे कम अपराध होता है। यहां 1 जनवरी से 20 दिसंबर के बीच 257 आपराधिक घटनाएं हुई हैं, जबकि तिघरा थाना क्षेत्र में इस अवधि में 144 आपराधिक घटनाएं हुईं। इसकी वजह है, तिघरा शहर से बिलकुल अलग है, यहां आपराधिक घटनाएं कम होती हैं।
इन थानाें के भी आंकड़े देखिए, कहां कितना हुआ अपराध:
ग्वालियर- 749
गोला का मंदिर- 696
झांसी रोड- 647
हजीरा- 641
यूनिवर्सिटी- 594
कंपू- 592
माधोगंज- 590
पड़ाव- 582
पुरानी छावनी- 543
इंदरगंज- 532
सिरोल- 386
महिला थाना- 345
गिरवाई- 343