36 सरकारी आवास व डिग्री कॉलेज के डिस्मेंटल का 7100 रुपए में दिया ठेका

सीएम तक पहुंची शिकायत, मटेरियल 20 लाख से ज्यादा का …

मेहगांव में 28 करोड़ से बनने वाले सीएम राइज स्कूल के लिए सिंचाई विभाग, पुलिस सहित गैर आवासीय 36 क्वाटरों को किया जाएगा ध्वस्त

भिण्ड. बच्चों के भविष्य के लिए जिस जगह सीएम राइज स्कूल खड़ा होगा, वहां बने पुराने आवासों के डिस्मेंटल में पुलिस हाउसिंग बार्ड पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मामले की शिकायत विभाग के अलावा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ(ईओडब्ल्यू) और मुख्यमंत्री तक पहुंची है। पीडब्ल्यूडी विभाग के मूल्यांकन पर जर्जर हो चुके क्वाटर, सरकारी डिग्री कॉलेज के ध्वस्तीकरण की बोली 7100 रुपए में की है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि करीब 40 हजार वर्गफीट जगह में 20 लाख से अधिक मटेरियल लगा है।

यहां बता दें मिहोना निवासी सुधीर चतुर्वेदी सहित 16 दिसंबर को 7 ठेकेदार मेहगांव में सिंचाई विभाग के 19, 5 गैर आवासीय, 10 शिक्षा विभाग के आवासीय और 2 गैर आवासीय क्वॉटरों के साथ सरकारी डिग्री कॉलेज के पुराने भवन को डिस्मेंटल करने की बोली लगाई थी। पुलिस हाउसिंग बोर्ड के परियोजना यंत्री जेपी सोना के समक्ष बोली 3600 रुपए से शुरू हुई। ठेकेदार चतुर्वेदी ने बताया उन्होंने 4 लाख रुपए तक बोली लगाई थी, लेकिन बोली स्वीकार नहीं की।

उसके बाद किसी व्यवधान के कारण वे बाहर गए। पांच मिनट पश्चात जब लौटे तो बोली खत्म कर डिस्मेंटल का ठेका महज 7 हजार 100 रुपए में बल्ले चौधरी को दे दिया।

36 आवास, डिग्री कॉलेज का मटेरियल

क्वॉटरों में 40 हजार फीट पत्थर है।

करीब दस टन लोहे के पुराने गाटर व खिड़की, दरबाजा हैं।

ग्राउंड फिगर में 5 लाख पुरानी ईंट निकलेगी।

200 ट्रॉली के करीब खंडा निकलेंगे।

सरकारी डिग्री कॉलेज में 60 क्विंटल गाटर लगे हैं।

मेरी बोली को अस्वीकार करके दूसरे ठेकेदार को मात्र 7100 में डिस्मेंटल का ठेका देकर सरकारी सामग्री में भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

सुधीर चतुर्वेदी, शिकायतकर्ता

आवास पुराने हो चुके हैं, उनमें अधिक सामान नहीं है। मामूली सामान है, जिसका हमने मूल्यांकन किया था।

केके शर्मा, ईई, पीडब्ल्यूडी भिण्ड

ठेकेदार द्वारा गलत शिकायत की जा रही है। पीडब्ल्यूडी ने मूल्यांकन करके दिया है, उसी के आधार पर बोली लगाकर ठेका जारी किया है।

जेपी सोना, परियोजना यंत्री, पुलिस हाउसिंग बोर्ड ग्वालियर

लाखों का है मेटेरियल

शुक्रवार को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भी इस मामले की शिकायत हुई है। सरकारी कोष में ठेकेदार द्वारा 7100 रुपए जमा किए जाएंगे। वहीं पुराने आवासों को तोड़ने का खर्चा और मुनाफा ठेकेदार द्वारा मटेरियल बेचकर लिया जाएगा। बता दें 40 हजार वर्गफीट जगह में 36 क्वॉटर व कॉलेज का भवन बना है। उसमें 10 लाख रुपए का लोहा, पत्थर, ईट लगे हैं।

ठेकेदार का आरोप है कि कुल 7 ठेकेदार आए थे, जिसमें 5 ठेकेदारों को तीस-तीस हजार रुपए के चेक दे दिए। एक को अपसेंट दर्शा दिया, वहीं ठेकेदार बल्ले चौधरी ने ठेका लिया है।

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