स्क्रीन पर अंगुली रखते ही मोबाइल पर आ जाएगी अपराधी की पूरी कुंडली, इंदौर के पांच हजार अपराधियों के फिंगर प्रिंट जोड़े

इंदौर पुलिस और यहां के सिटीजन कॉप फाउंडेशन ने ऐसा सिस्टम विकसित किया है जो अपराध नियंत्रण के लिए, मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसमें सिर्फ एक छोटी सी थंब इंप्रेशन मशीन होगी, जिसे स्मार्टफोन एप से जोड़ा जा सकेगा। चेकिंग के दौरान किसी भी संदिग्ध का फिंगर प्रिंट यदि पुलिस के पास पहले से मौजूद डाटा से मेल खाता है तो उसकी सारी जानकारी चंद सेकंड में स्क्रीन पर आ जाएगी।

मौजूदा फिंगर प्रिंट मैचिंग की प्रक्रिया लंबी है और बड़े सेटअप की भी जरूरत पड़ती है, लेकिन इंदौर पुलिस द्वारा विकसित “फिंगर प्रिंट बेस क्रिमिनल रिकॉर्ड डाटा फेचिंग सिस्टम” को कहीं भी ले जाया जा सकेगा। बस मोबाइल नेटवर्क होना चाहिए। किसी भी संदिग्ध के फिंगर प्रिंट का मिलान करने के लिए लगभग तीन-चार हजार की एक थंब इंप्रेशन मशीन को केबल के जरिए स्मार्टफोन से जोड़ना होगा।

फिंगर प्रिंट लेते ही उसकी जानकारी मुख्य सर्वर पर मौजूद डाटा तक पहुंचेगी। इस जानकारी का यदि किसी अपराधी से मिलान होता है तो उसके अपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नाम-पते, फोटो, मोबाइल नंबर आदि सहित मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी। यह सिस्टम तीन महीने में विकसित किया गया है।

जोड़ सकते हैं प्रदेश के 6 लाख अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटा

इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र बताते हैं कि इसका सबसे बड़ा फायदा गली चौराहों पर चेकिंग के दौरान मिलेगा। संदिग्ध की तुरंत धरपकड़ की जा सकेगी। हम स्थाई वारंटियों, जिलाबदर, ड्रग पेडलर, ड्रग एडिक्ट, जेल से छूटने वालों, करीबी जिलों के वाहन चोरों का डाटा एकत्र कर रहे हैं।

जल्द ही हमारे पास 10 हजार बदमाशों का रिकॉर्ड होगा। एप विकसित करने वाले इंदौर के सिटीजन कॉप फाउंडेशन प्रमुख राकेश जैन कहते हैं कि फिलहाल हमने करीब 5000 फिंगर प्रिंट जोड़े हैं। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के पास मौजूद डाटा जोड़ दें तो 6-7 लाख अपराधियों की कुंडली सिर्फ एक फिंगरप्रिंट से सामने आ जाएगी।

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