फेक फॉलोअर्स खरीद कर भौकाल टाइट कर रहे नेताजी ?

फेक फॉलोअर्स खरीद कर भौकाल टाइट कर रहे नेताजी

– सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स का बाजार: 80 पैसे में फर्जी, 1.50 रूपए में ले लो सच्चा फॉलोअर्स

…………….बता रहा कैसे करें नेताजी के फर्जी और असली फॉलोअर्स की पहचान

चुनावी माहौल में सिर्फ सभाओं में ही भीड़ जुटाने के लिए नेता जी जोर नहीं लगा रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया में अपने समर्थकों का लंबा-चौड़ा रेला दिखाने के लिए फॉलोअर्स की खरीद- फरोख्त कर रहे हैं। यानी नेताजी सोशल मीडिया में अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए फॉलोअर्स खरीदने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। फिर चाहे नेता बड़ा हो या छोटा, हर कोई अपने कद के हिसाब से रूपया फेंक कर भारी भरकम माहौल बनाने में व्यस्त है। दरअसल इस बात का खुलासा ऐसे भी हुआ कि कई एक्सपर्ट से बात करने के बाद उनके मुताबिक पत्रिका रिपोर्टर ने कई दिनों तक प्रदेश के कई कद्दावर नेता के सोशल मीडिया प्रोफाइल का विश्लेषण किया उसके बाद ये तथ्य निकलकर सामने आए।

– 70 से 75 पैसे प्रति फॉलोअर्स रेट।
– ऐसे फॉलोअर्स का सौदा सीधे सर्वर से।
– ऐसे फॉलोअर्स डेड होते हैं यानी वो एक्टिव नहीं होते।
– बॉट फॉलोअर्स पूरे विश्व में कहीं के भी हो सकते हैं।
– ऐसे फॉलोअर्स सिर्फ भीड़ बढ़ाने के काम आते हैं।

ऑर्गेनिक फॉलोअर्स

– 1 से 1.50 रूपए प्रति फॉलोअर्स रेट।
– एरिया और पसंद के हिसाब से तय होते हैं दाम।
– ऐसे फॉलोअर्स एक्टिव होते हैं।
– ऑर्गेनिक फॉलोअर्स कैंपेन चलाकर लाए जाते हैं।
– जितना बड़ा एरिया चुनेंगे प्रति फॉलोअर्स दाम उतना कम होगा।

ऐसे करिए नेताजी के फर्जी फॉलोअर्स की पहचान

सोशल मीडिया में भौकाल जमाने वाले नेताजी की असली और नकली फॉलोअर्स की पहचान करना बेहद आसान है। अगर किसी नेता के लाखों की तादाद में फॉलोअर्स दिखे तो ज्यादा प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि वो नकली भी हो सकते हैं। उनकी पहचान ऐसे करिए कि अगर लाखों फॉलोअर्स के बावजूद उनकी पोस्ट में 10 से 20 लाइक और नाम मात्र के ही शेयर आ रहे हों तो समझ जाइए की यहां फर्जी फॉलोअर्स का सौदा किया गया है।

बता दें फॉलोअर्स बढा़ने का ज्यादातर खेल सोशल मीडिया कंपनी बड़े शहर जैसे दिल्ली, पुणे और हैदराबाद से ही खेल रही है। क्योंकि छोटे शहरों में कुछ महीनों के लिए ऑफिस सेटअप करना भारी काम है। इसलिए अपने मुख्य ऑफिस से ही ये काम कर लेती हैं। सर्वे और ग्राउंड कैंपेन पर टीम को लोकेशन में उतारती हैं।

मंत्री के 53 हजार फॉलोअर्स लेकिन दिनभर में 5 लाइक

– प्रदेश के एक मंत्री के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म करीब 53 हजार फॉलोअर्स हैं। उनकी सोशल गतिविधि को पत्रिका रिपोर्टर ने कई दिनों तक देखा। जिसमें ये मंत्री सोशल मीडिया में रोजाना 5 से 10 पोस्ट करते हैं लेकिन हैरानी की बात ये है कि उनके किसी भी पोस्ट में शेयर तो छोड़ दीजिए 15 से ज्यादा लाइक नहीं आते हैं। क्योंकि यहां बॉट फॉलोअर्स की बाढ़ है।

नेता जी के 2 लाख फॉलोअर्स लेकिन मात्र 8 लाइक

– प्रदेश के एक दिग्गज नेताजी के कहने को तो 2 लाख के करीब फॉलोअर्स हैं लेकिन सब बॉट फॉलोअर्स हैं। क्योंकि नेताजी ने 14 सितंबर को 3:16 मिनट में एक पोस्ट साझा किया जिसे मात्र 8 लोगों ने लाइक किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि 2 लाख फॉलोअर्स की भीड़ कहा गायब है।

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