लकीर पीट रही STF, पेपर लीक करने वाला पता नहीं …. TET मामले में अब तक 38 गिरफ्तारियां, महीने भर में भी नतीजा सिफर
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) का पेपर 28 नवंबर को लीक हुआ। करीब 21 लाख अभ्यर्थी परेशान हुए। प्रदेश भर में 38 लोगों की गिरफ्तारियां हुईं। इस बात को 1 महीना बीत चुका है। केस की जांच कर रही यूपी STF यह पता नहीं लगा पाई है कि सबसे पहला पेपर किसने लीक किया था।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी से लीक हुआ पेपर
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय ने पेपर छापने का ठेका RSM फिनसर्व लिमिटेड के मालिक राय अनूप प्रसाद को दिया था, जो दिल्ली के बदरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित है। इस कंपनी ने खुद पेपर न छापकर नोएडा, दिल्ली और कोलकाता की पांच निजी प्रिंटिंग प्रेसों से पेपर छपवाया, जहां पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। सुरक्षा मानकों में अनदेखी की वजह से ही पेपर लीक हुआ और प्रदेश भर में 21 लाख अभ्यर्थी प्रभावित हुए।
पांचों प्रिंटिंग प्रेस संचालक पकड़ से बाहर
केस की जांच यूपी STF के निर्देशन में बनी एक SIT कर रही है। SIT ने 5 प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों को भी आरोपी बनाया है। अभी तक पांचों पकड़ से बाहर हैं। सूचना यह भी है कि प्रिंटिंग प्रेस भी पेपर आउट होने के बाद से बंद चल रही हैं।
ज्यादातर सॉल्वर, दलाल, छात्र पकड़े गए
यूपी पुलिस और STF ने पेपर लीक प्रकरण में अब तक 38 लोग पकड़े हैं। इसमें संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद को इसलिए गिरफ्तार किया है, क्योंकि उन्होंने पेपर का टेंडर देने और छापने में मानकों की अनदेखी की। बाकी लोग सॉल्वर, दलाल या छात्र हैं। इन सभी के पास व्हाट्सएप पर पेपर आया था। सबसे बड़ा सवाल यही है कि पहला पेपर लीक करने वाला कौन था? पुलिस अभी तक इसकी गुत्थी नहीं सुलझा पाई है।
एएसपी बोले-फरार प्रिंटिंग प्रेस मालिकों की गिरफ्तारी के किए जा रहे प्रयास
नोएडा STF के ASP राजकुमार मिश्रा ने बताया कि पिछले दिनों संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद को रिमांड पर लिया गया था। उनसे कुछ महत्वपूर्ण बातें पता चली हैं। उन इनपुट्स पर काम चल रहा है। फरार प्रिंटिंग प्रेस मालिकों की गिरफ्तारी के भी प्रयास किए जा रहे हैं