जनता जर्नादन: राजस्थान की तरह UP-Uttarakhand में रिपीट नहीं करती है सरकार

भाजपा के सामने मिथक तोडऩे की चुनौती

नई दिल्ली. देश के 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश (UP) और उत्तराखंड के मतदाता का मूड कमोबेश राजस्थान जैसा ही है। UP के मतदाताओं ने पिछले 4 चुनाव और उत्तराखंड में 3 चुनाव में किसी भी सत्ताधारी दल को सरकार रिपीट करने का मौका नहीं दिया है। अब इन दोनों राज्यों में भाजपा सत्ता में है और उसके सामने यह मिथक तोडऩे की चुनौती बनी हुई है।

नई दिल्ली

 January 03, 2022 10:02:07 pm

लोकतंत्र में जनता को जर्नादन माना जाता है और वह इसे हर चुनाव में अपने वोट से साबित भी कर रही है। सत्ताधारी दल की जरा सी चूक पर जनता चुनाव में उसे सबक सिखा देती है। राजस्थान की तरह यूपी और उत्तराखंड भी इसके बेहतरीन उदारहण है। पिछले करीब दो दशक के दौरान यूपी में जिस भी दल का मुख्यमंत्री रहा है, उसे विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
उत्तराखंड में भाजपा वापसी के लिए बेकरार है और इस चुनाव से पहले कई प्रयोग कर रही है। दरअसल, उत्तराखंड के गठन के बाद अब तक 4 चुनाव हो चुके हैं। 2002 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती थी, लेकिन अगले ही चुनाव में भाजपा सत्ता में आ गई। यही सिलसिला अगले दो चुनाव में भी जारी रहा।
UP में बनते-बिगड़ते समीकरण
यूपी की सियासत में राजनीतिक दलों में समीकरण बनते बिगड़ते रहे हैं। यही वजह है कि यहां बसपा-भाजपा, कांग्रेस-सपा-बसपा-जनता दल, सपा-बसपा की गठबंधन सरकारें रह चुकी है। हालांकि यह ज्यादा स्थाई साबित नहीं हुई।

राजस्थान में 1998 से 2018 तक हुए 5 चुनाव के दौरान एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की है।
UP के मुख्यमंत्री और चुनाव परिणाम
सीएम दल चुनाव वर्ष परिणाम
राजनाथ सिंह भाजपा 2002 भाजपा हारी
मुलायम सिंह सपा 2007 सपा हारी
मायावती बसपा 2012 बसपा हारी
अखिलेश यादव सपा 2017 सपा हारी

Uttarakhand के मुख्यमंत्री और चुनाव परिणाम
सीएम दल चुनाव वर्ष परिणाम

एनडी. तिवारी कांग्रेस 2007 कांग्रेस हारी
भुवन खंडूरी भाजपा 2012 भाजपा हारी
हरीश रावत कांग्रेस 2017 कांग्रेस हारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *