बिना एनओसी के राजस्व व वन भूमि पर रेत ठेकेदार ने बना दिया रास्ता
पूर्व में अवैध भंडारण पर उक्त स्थान पर लगाया गया था लाखों का जुर्माना….
अनूपपुर। जैतहरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत कोलमी के छुलकारी में रेत ठेकेदार के द्वारा सोननदी तक रेत का परिवहन करने के लिए शासकीय भूमि के साथ ही वन भूमि क्षेत्र में भी बिना किसी तरह की अनुमति लिए बगैर भारी मशीनरी लगा कर खुदाई करते हुए सडक़ बना डाली है। यहां रेत ठेकेदार ने मनमानी पूर्वक २०-२५ फीट उंचे मिट्टी के टीले को बीच से खनन करते हुए गहरी खाइनुमा सडक़ नदी तक पहुंचा दिया है। इसके लिए न तो पंचायत से और ना ही प्रशासन सहित खनिज विभाग से अनुमति ली गई है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत कोलमी के ग्राम छुलकारी में शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 536 पर रेत ठेकेदार एवं उसके कर्मचारियों द्वारा उत्खनन कर रास्ते का निर्माण बिना किसी अनुमति के कर लिया गया। इसी भूमि से लगी हुई वन भूमि भी इस रास्ते पर स्थित है। लेकिन वन विभाग से भी अनुमति नहीं ली गई। ग्राम पंचायत से भी ठेकेदार के द्वारा इस संबंध में अनापत्ति नहीं ली गई है। जबकि रेत ठेकेदार के द्वारा शासकीय भूमि तथा वन भूमि पर सडक़ निर्माण किए जाने के साथ ही बीच में स्थित वर्ष 2014 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा बैगा जनजाति एवं कोल समाज के भूमिहीन लोगों को आवंटित भूमि जिसे ना तो बेचा जा सकता है और ना ही किसी अन्य कार्य में इसका उपयोग किया जा सकता। ऐसे लगभग 5 भू स्वामियों से ठेकेदार के द्वारा रेत परिवहन किए जाने के लिए अनुबंध कर लिया गया है। जिस पर ठेकेदार द्वारा पोकलेन मशीन लगाकर रेत खदान जाने का रास्ता बना डाला है।
बॉक्स: नहीं है खदान स्वीकृत, पूर्व में अवैध भंडारण पर लगा था लाखों का जुर्माना
खनिज विभाग की जानकारी के अनुसार छुलकारी स्थित रेत खदान अभी तक स्वीकृत है। इससे पूर्व भी इसी अस्वीकृत रेत खदान पर पिछले वर्ष ग्राम पंचायत में ठेकेदार एवं उसके कर्मचारियों के द्वारा 90 घन मीटर रेत का अवैध रूप से भंडारण किया गया था। जिसपर ग्रामीणों की सूचना पर खनिज विभाग के द्वारा 9 लाख 63 हजार रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया गया था। छुलकारी में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन मामले में पत्रिका ने लगातार खबर प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया था, जिस पर बाद में खनिज विभाग की कार्रवाई के बाद यहां से रेत का कारोबार बंद हो गया था। लेकिन अब फिर से अवैध कार्य आरंभ हो गए हैं।
वर्सन:
छुलकारी में रेत खदान स्वीकृत नहीं है, फिर कैसे वहां के लिए रास्ता बनाया जा रहा है। कल ही टीम को भेजकर मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई कराती हूं।
आशालता वैद्य, जिला खनिज अधिकारी अनूपपुर।
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अभी तक सडक़ निर्माण के संबंध में राजस्व विभाग से किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली गई है। मेरे द्वारा कई बार ठेका कंपनी को सडक़ बनाने संबंधी दस्तावेजों की मांग की जा चुकी है। इसके बाद भी ठेकेदार उपलब्ध नहीं करा रहा है। जिसकी जानकारी मेरे द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गई है।
सचिन द्विवेदी, हल्का पटवारी कोलमी।
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पिछले वर्ष भी पंचायत से एनओसी नहीं लिया गया था। इस बार भी नहीं ली गई है।
सम्मेलाल राठौर, सचिव कोलमी।
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बॉक्स: नहीं है खदान स्वीकृत, पूर्व में अवैध भंडारण पर लगा था लाखों का जुर्माना
खनिज विभाग की जानकारी के अनुसार छुलकारी स्थित रेत खदान अभी तक स्वीकृत है। इससे पूर्व भी इसी अस्वीकृत रेत खदान पर पिछले वर्ष ग्राम पंचायत में ठेकेदार एवं उसके कर्मचारियों के द्वारा 90 घन मीटर रेत का अवैध रूप से भंडारण किया गया था। जिसपर ग्रामीणों की सूचना पर खनिज विभाग के द्वारा 9 लाख 63 हजार रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया गया था। छुलकारी में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन मामले में पत्रिका ने लगातार खबर प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया था, जिस पर बाद में खनिज विभाग की कार्रवाई के बाद यहां से रेत का कारोबार बंद हो गया था। लेकिन अब फिर से अवैध कार्य आरंभ हो गए हैं।
वर्सन:
छुलकारी में रेत खदान स्वीकृत नहीं है, फिर कैसे वहां के लिए रास्ता बनाया जा रहा है। कल ही टीम को भेजकर मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई कराती हूं।
आशालता वैद्य, जिला खनिज अधिकारी अनूपपुर।
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अभी तक सडक़ निर्माण के संबंध में राजस्व विभाग से किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली गई है। मेरे द्वारा कई बार ठेका कंपनी को सडक़ बनाने संबंधी दस्तावेजों की मांग की जा चुकी है। इसके बाद भी ठेकेदार उपलब्ध नहीं करा रहा है। जिसकी जानकारी मेरे द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गई है।
सचिन द्विवेदी, हल्का पटवारी कोलमी।
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पिछले वर्ष भी पंचायत से एनओसी नहीं लिया गया था। इस बार भी नहीं ली गई है।
सम्मेलाल राठौर, सचिव कोलमी।
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बिना एनओसी के राजस्व व वन भूमि पर रेत ठेकेदार ने बना दिया रास्ता