कोरोना के सबसे संक्रमित इलाकों से ग्राउंड रिपोर्ट …… इंदौर के महालक्ष्मी नगर से भोपाल के कोलार तक; पता नहीं चल रहा किस घर में है संक्रमित
मध्यप्रदेश में कोरोना खतरनाक होता जा रहा है। 24 घंटे में राज्य में 300 से ज्यादा नए मरीज मिले हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 1 हजार के पार हो गई है। 55% मरीज सिर्फ इंदौर से हैं। कमोबेश ऐसे ही हालात भोपाल, ग्वालियर के हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कोरोना को लेकर चिंता जता चुके हैं।
…….. ने इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में हॉटस्पॉट एरिया से ग्राउंड रिपोर्ट की। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटीज ने यहां न तो फीवर सर्वे शुरू किया और न ही सैंपलिंग बढ़ाई। लोग भी लापरवाह बने हुए हैं। प्रशासन भले ही दावा करे, लेकिन मैदानी तैयारियों के नाम पर कुछ नहीं है।
भोपाल के 50% केस कोलार से
हम जब कोलार पहुंचे तो लोग दुकानों पर बिना मास्क मिले। दुकानदार तक मास्क नहीं लगाए थे। एक दुकानदार से मास्क के बारे में पूछा तो जवाब मिला अभी निकाला है। बिना मास्क बस ड्राइवर का जवाब था- अभी लगाता हूं। ज्यादातर के कुछ यही जवाब थे। राजधानी में आधे एक्टिव केस कोलार इलाके से ही हैं। दूसरी लहर में कोलार में 9 अप्रैल से प्रतिबंध लगाए गए थे।
अधिकतर संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री
भोपाल में विदेश से लौटे 19 संक्रमितों में से 7 कोलार से हैं। अधिकतर संक्रमितों की दिल्ली और मुंबई की ट्रैवल हिस्ट्री है। CRPF कैंप में 13 साल का बच्चा भी संक्रमित हुआ है। यहां दिल्ली से लौटे कुछ CRPF जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 24 साल का युवक भी संक्रमित मिला है। उसके संपर्क में आने से उसकी बहन और मां भी पॉजिटिव आ गई हैं।
इंदौर का हॉटस्पॉट महालक्ष्मी नगर
इंदौर में 6 हजार की आबादी वाला महालक्ष्मी नगर इन दिनों सबसे बड़ा कोरोना का हॉटस्पॉट है। यहां 30 से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां न तो फीवर सर्वे शुरू किया है और न ही सैंपलिंग। संक्रमितों के घरों के आसपास से आमजन की आवाजाही बेरोकटोक जारी है। यह स्थिति तब है, जब कलेक्टर मनीष सिंह, संक्रमण को नियंत्रित करने जरूरी पाबंदियां लागू करने का प्लान क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के साथ साझा कर चुके हैं।
हॉस्पॉट के सामने मेला… रोजाना 30 हजार से ज्यादा लोगों का आना-जाना
महालक्ष्मी नगर से करीब 700 मीटर दूर मेला लगा है। यहां रोजाना 30 हजार से ज्यादा लोग आना-जाना कर रहे हैं। मेले में न तो मास्क और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है। नतीजा, इलाके से जुड़ी दूसरी कॉलोनियों में भी संक्रमण का फैलाव का खतरा है।
ग्वालियर में 35 से ज्यादा एक्टिव मरीज, 10 से अधिक सिर्फ सिटी सेंटर में
ग्वालियर का सबसे पॉश इलाका सिटी सेंटर है। कोरोना के 35 से ज्यादा एक्टिव मरीजों में से 10 से अधिक इसी क्षेत्र के हैं। प्रशासन ने इसे हॉटस्पॉट माना है। संक्रमण को नियंत्रित करने क्षेत्र में फीवर सर्वे और संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की जांच कराई गई है। संक्रमितों के संपर्क में दूसरे स्वस्थ लोग न आएं, यह सुनिश्चित करने प्रशासन ने यहां न बैरिकेडिंग की है और न ही माइक्रो कंटेनमेंट। यही कारण है कि संक्रमित लोग बिना रोक-टोक के बाजार में आना-जाना कर रहे हैं।
मॉडल टाउन में एक ही परिवार में चार मरीज
सिटी सेंटर और उसके एक किलोमीटर के एरिया में एसपी ऑफिस, बलवंत नगर, मॉडल टाउन, मानिक विलास कॉलोनी ऐसी जगह हैं, जहां लगातार मरीज मिले हैं। मॉडल टाउन में एक ही परिवार के चार सदस्य संक्रमित हैं। यह सभी यूपी के मेरठ से लौटे हैं। इसके अलावा, बलवंत नगर में 47 वर्षीय NTPC का अधिकारी व उसकी 23 वर्षीय बेटी और 17 वर्षीय बेटा एक दिन पहले ही संक्रमित मिले हैं। यह सभी दिल्ली से आए हैं। दो दिन पहले इसी कॉलोनी की एक 45 वर्षीय महिला जो दिल्ली में मल्टी नेशनल कंपनी में कर्मचारी थी वह भी संक्रमित मिली है।
अधिकांश सफर के दौरान हुए संक्रमित
ग्वालियर में साल 2022 के पहले तीन दिन में ही 37 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 12 सिटी सेंटर के आसपास के एरिया से मिले हैं। इनमें एसपी ऑफिस में पदस्थ महिला प्रधान आरक्षक भी शामिल है। ग्वालियर में सिटी सेंटर हॉट स्पॉट बना हुआ है। इसके बाद दूसरा हॉट स्पॉट जनकगंज स्थित समाधिया कॉलोनी है। यहां भी 6 नए संक्रमित बीते तीन दिन में आ चुके हैं। संक्रमित आने वाले लोगों के घर या आसपास के इलाके को कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया जा रहा। उन्हें होम क्वारैंटाइन किया जा रहा है। घर के बाद कोविड का बोर्ड भी चस्पा नहीं किया जा रहा।
जबलपुर: हॉटस्पॉट वार्ड में स्टॉपर लगाया
जबलपुर के हॉटस्पॉट भवानी प्रसाद वार्ड में सबसे अधिक 29 केस एक्टिव हैं। बावजूद यहां सतर्कता नहीं बरती जा रही है। प्रशासन ने सिर्फ स्टॉपर लगा दिया है। स्थानीय लोगों को पता ही नहीं कि किस घर में कौन कोरोना संक्रमित है। लोग बेफिक्र होकर सड़कों पर घूम रहे हैं।
जबलपुर में 50 से ज्यादा एक्टिव केस हैं। 29 भवानी प्रसाद वार्ड से है। शहर का सबसे सघन और व्यापारिक इलाका होने के चलते यहां पूरे समय आवाजाही रहती है। कोविड के बढ़ते केस के बावजूद अभी कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया जा रहा है। पूर्व में प्रशासन संक्रमित के घर सहित अगल-बगल के घरों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए चेतावनी फ्लैक्स लगाती थी। बाद में इसे बदल कर संक्रमित के घर तक सीमित कर दिया गया। अब वो भी बंद कर दिया गया है। संक्रमितों की निगरानी के लिए व्यवस्था नहीं बनाई गई है। कोविड कमांड एंड कंट्रोल रूम से दो बार उनसे संपर्क साध कर हेल्थ के बारे में अपडेट लिया जाता है।