CCI ने Google के खिलाफ दिए जांच के आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला?
सीसीआई का यह आदेश डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (Digital News Publishers Association) द्वारा दायर एक शिकायत पर आया है. इसमें अल्फाबेट इंक, गूगल एलएलसी, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और गूगल आयरलैंड लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की गई थी.
आईटी कंपनी गूगल (Google) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर यानी कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) द्वारा की गई है. सीसीआई ने सर्ज इंजन गूगल (Google) के खिलाफ बाजार में मजबूत स्थिति के कथित दुरुपयोग के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं. सीसीआई ने 21 पन्नों के आदेश में कहा कि सुचारू रूप से काम कर रहे लोकतंत्र में समाचार मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है.’
सीसीआई ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि डिजिटल कंपनी सभी हितधारकों के बीच आय का उचित वितरण निर्धारित करने की प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग न करे.’ आयोग ने आदेश में कहा कि उसका विचार है कि गूगल ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 (Competition Act 2002) की धारा-4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है, जो बाजार में मजबूत स्थिति के दुरुपयोग से संबंधित है.
गूगल से आता है सबसे ज्यादा ट्रैफिक
यह आदेश डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (Digital News Publishers Association) द्वारा दायर एक शिकायत पर आया है. इसमें अल्फाबेट इंक, गूगल एलएलसी, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और गूगल आयरलैंड लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की गई थी. एसोसिएशन ने कहा कि समाचार वेबसाइटों (News Websites) पर अधिकांश ट्रैफिक ऑनलाइन सर्च इंजन (50 प्रतिशत से अधिक) से आता है. गूगल सभी सर्च इंजनों में सबसे प्रमुख सर्च इंजन है. यह न्यूज पब्लिशर्स और न्यूज रीडर के बीच बेहतर समन्वय बनाने का काम करता है.
IREL के खिलाफ भी दिए थे जांच के आदेश
गूगल अपने एल्गोरिदम के जरिए यह तय करता है कि कौन सी न्यूज वेबसाइट सर्च के माध्यम से खोजी जाती है. इसके अलावा, गूगल डिजिटल एडवरटाइजिंग स्पेस में प्रमुख स्टेकहोल्डर है और यह पब्लिशर्स द्वारा बनाई गई सामग्री के लिए भुगतान की जाने वाली राशि का एकतरफा निर्णय करता है. गौरतलब है कि इससे पहले, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनी आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड के खिलाफ विस्तृत जांच का आदेश दिए थे. खनन और खनिजों का उत्पादन करने वाली कंपनी आईआरईएल पर अपनी दबदबे की स्थिति का कथित तौर पर दुरुपयोग करने का आरोप लगा था.