Karkardooma Court : रेप के मामले में कोर्ट ने कहा- यदि आरोपी और पीड़िता शादीशुदा हैं तो शादी का झांसा देकर दुष्कर्म कैसे हो सकता है

कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि आरोपी के शादीशुदा होने की बात महिला को भी यह बात पता थी. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि यदि दोनों शादीशुदा थे तो शादी का झांसा देकर दुष्कर्म कैसे हो सकता है.

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां एक महिला ने अपने परिचित शख्स पर दुष्कर्म (Rape) का आरोप लगाया था. इस दौरान महिला ने बताया था कि उस व्यक्ति ने उससे शादी करने की बात कही थी. इसलिए वह उसके शादी के झांसे में आ गई और उसने आरोपी द्वारा शारीरिक संबंध बनाए जाने का विरोध नहीं किया। फिलहाल मामले की सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि महिला और आरोपी पहले से ही शादीशुदा हैं. वहीं, इस बात की जानकारी महिला को भी थी. हालांकि कोर्च ने प्रथमदृष्टया इस मामले पर गौर करते हुए कहा कि यदि दोनों पक्ष शादीशुदा थे तो शादी का झांसा देकर दुष्कर्म कैसे हो सकता है.

दरअसल, मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दिल्ली के कड़कड़डूमा स्थित एडिशनल जज दीपाली शर्मा की कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है, वहीं, कोर्ट ने इस मामले में आरोपी शख्स की अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) याचिका को मंजूर कर लिया है. इस दौरान कोर्ट ने आरोपी को 35 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतने ही रुपए के जमानती बॉड के आधार पर जमानत दे दी गई है.

पीड़िता ने झूठ बोलने का लगाए थे आरोप

बता दें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान एजब पीड़िता ने कहा कि आरोपी ने उससे कहा था कि उसकी पत्नी कैंसर की बीमारी से पीड़ित है, इसलिए वह आरोपी के इस झांसे में आ गई कि वह उससे शादी करेगा, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जब पीड़िता खुद शादीशुदा है, तब वह आरोपी से शादी कैसे कर सकती थी. कोर्ट ने बताया कि लीगल तौर पर पहले तो दोनों को शादी करने के लिए अपने-अपने जीवन साथी से अलग होना अनिवार्य था. वहीं, ये दो परिचित लोगों के बीच शारीरिक संबंध बनाने का मामला है. मगर शादी के झांसे जैसी बात इस पर नजर नहीं आ रही। फिलहाल कोर्ट ने कहा कि अंतिम फैसला मामले पर सुनवाई पूरी होने के बाद ही आ सकता है.

जानिए क्या था मामला?

गौरतलब हैं कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले पर कोर्ट ने बचाव पक्ष की उस दलील पर विचार किया जिसमें बताया गया कि पीड़िता 45 साल की महिला 2 बच्चों की मां है और कानूनी तौर पर वह शादीशुदा है. वहीं, बचाव पक्ष के एडवोकेट का कहना था कि जब आरोपी और पीड़िता दोनों शादीशुदा हैं तो इस मामले में शादी के झांसे की बात कैसे की जा सकती है. इस बात पर बचाव पक्ष का कहना था कि पीड़िता को इस बात की जानकारी थी कि आरोपी विवाहित है और अपनी पत्नी के साथ रहता है. हालांकि इन सबके बावजूद उसका आरोपी के इस झांसे में आना कहां तक उचित है कि वह उससे शादी करेगा.

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