भारत में कोरोना के मामले 83 लाख के पार, पिछले 24 घंटे में सामने आए 46254 नए केस

भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 46254 नए मामले आने के बाद कुल मामलों की संख्या 83,13,877 हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 514 मरीजों की मौत के बाद कुल मौतों की संख्या 1,23,611 हो गई है। मंत्रालय के अनुसार, 7,618 की कमी के बाद सक्रिय मामले 5,33,787 रह गए। 53,357 नए डिस्चार्ज के बाद कुल ठीक हुए मामलों की संख्या 76,56,478 हुई।

दिल्ली, बंगाल,केरल और मणिपुर में कोरोना मामले बढ़े : केंद्र

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 3 अक्तूबर और 3 नवंबर के बीच केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं। इसी अवधि में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश ऐसे शीर्ष राज्यों में रहे जहां कोविड-19 के मामलों में गिरावट दर्ज की गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि पिछले सात हफ्ते से रोजाना कोविड-19 के औसतन मामलों और मौत की संख्या में गिरावट आने का सिलसिला लगातार जारी है। इस कारण से स्वास्थ्य तंत्र पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ा है, अस्पतालों पर दबाव कम हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में 16 सितंबर से 22 सितंबर के बीच रोजाना औसतन 90,346 मामले आए, लेकिन 28 अक्तूबर और तीन नवंबर के बीच रोजाना औसतन 45,884 मामले आए। भूषण ने कहा कि तीन अक्टूबर से तीन नवंबर के बीच पश्चिम बंगाल में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26,865 से बढ़कर 36,576, केरल में 77564 से बढ़कर 86,792, दिल्ली में 26,450 से बढ़कर 33,308 और मणिपुर में 2336 से बढ़कर 3568 हो गई।

मौत की दर घटी:
भूषण ने बताया कि 16 सितंबर से 22 सितंबर के बीच औसतन हर दिन 1165 लोगों की कोरोना से मौत हुई, जबकि 28 अक्तूबर और तीन नवंबर के बीच 513 मौतें हुईं। उन्होंने कहा कि संक्रमण की संख्या में गिरावट के बावजूद हमें जांच, संपर्क का पता लगाने और उपचार को लेकर नीति को जोर-शोर से बरकरार रखने की जरूरत है।

जांच सीमित करने के आरोप खारिज किए: 
एक निजी प्रयोगशाला ने आरोप लगाया था कि कुछ जिलों में सरकारी अधिकारी मामलों को कम दिखाने के लिए जांच को सीमित करने का प्रयास कर रहे हैं। इन आरोपों को खारिज करते हुए भूषण ने कहा कि जांच की संख्या में कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा मंगलवार को कुल 10,46,247 जांच की गई। पिछले छह-सात हफ्ते से देश में रोज करीब 11 लाख जांच की जा रही है। भारत के पास रोजाना 15 लाख से ज्यादा जांच करने की क्षमता है।

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