ये है अंग्रेजों के जमाने की कांग्रेस … पिछले 5 साल में कांग्रेस के पुराने चेहरों में से आधे भाजपा, तो आधे सपा-बसपा में हुए शामिल

फिल्म शोले में असरानी का वह डायलॉग तो याद होगा- हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं…आधे इधर आओ, आधे उधर जाओ, बाकी मेरे पीछे आओ। अंग्रेजों के जमाने में बनी इस फिल्म की तरह ही कांग्रेस का भी हाल है। उसके पुराने बड़े नेताओं में से आधे नेताओं ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। करीब आधे नेता सपा और बसपा में शामिल हो चुके हैं। बाकी बचे वेंटिलेटर के सहारे जिंदा कांग्रेस के साथ हैं।

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016 से 2020 के बीच हुए चुनावों के दौरान कांग्रेस ने 170 विधायक गंवा दिए। कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले तमाम चेहरे धीरे-धीरे कांग्रेस से छिटकते हुए भाजपा में चले गए। गिने-चुने नेताओं के सहारे आज प्रियंका गांधी कांग्रेस में फिर से प्राण फूंकने की कोशिश कर रही हैं।

साल 2014 के बाद शुरू हुआ कांग्रेस से पलायन

साल 2014 से शुरू हुआ कांग्रेस के नेताओं का पलायन का सिलसिला अब तक जारी है। 2014, 2017, 2019 के बाद अब 2022 में कई बड़े नेता अंग्रेजों के जमाने की कांग्रेस से अलग हो गए हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा के उत्तर प्रदेश प्रभारी बनने और अजय कुमार लल्लू के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद से ही लगभग 24 बड़े नेता कांग्रेस से नाता तोड़ चुके हैं।

भाजपा की लीडरशिप के ये चेहरे हैं पुराने कांग्रेसी

2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ीं।
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ीं।

रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस की पूर्व दिग्गज नेता 2016 में BJP में शामिल हुई थीं। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ीं। रीता ने इलाहाबाद की मेयर बनकर 1995 में राजनीति में एंट्री की थी। यूपीसीसी की पूर्व अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले दक्षिणपंथी बनने वालों में सबसे पहली नेता थीं।

जगदम्बिका पाल और नरेश सैनी
जगदम्बिका पाल और नरेश सैनी
  • शाहजहांपुर और आसपास के जिलों में अपनी अलग पहचान रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस के पुराने नेता जितिन प्रसाद। उनके पिता जितेन प्रसाद भी कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। पार्टी और कांग्रेस सरकारों में विभिन्न पदों पर रहे।
  • बेटे रोहित तिवारी को राजनीतिक तौर पर स्थापित करने के लिए 2017 यूपी चुनाव से पहले एनडी तिवारी भाजपा में शामिल हो गए थे। एनडी तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे थे।
  • 2014 में कांग्रेस के पुराने नेता पूर्व विधायक जगदंबिका पाल।
  • 2018 में कांग्रेस एमएलसी दिनेश सिंह।
  • 2019 में कांग्रेस की पुरानी नेता पूर्व सांसद रत्ना सिंह और अमेठी से सांसद रहे संजय सिंह।
  • सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से अदिति सिंह सदर विधानसभा सीट की विधायक रहीं।
  • रायबरेली से कांग्रेस के एमएलसी रहे दिनेश प्रताप सिंह। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरुद्ध भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी लड़ चुके हैं।

ये सपाई जो कभी कांग्रेसी थे

  • कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद राजाराम पाल।
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री, बदायूं से सांसद सलीम शेरवानी।
  • उन्नाव की सांसद अनु टंडन ने 2009 में लोकसभा चुनाव जीता।
  • हमीरपुर के राठ से 2012 में चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी।
  • महोबा में कांग्रेसी मनोज तिवारी, मनोज के पिता बाबूलाल तिवारी पांच बार कांग्रेस से विधायक रहे।
  • जालौन के उरई से विधायक रहे और प्रियंका गांधी की सलाहकार समिति के सदस्य रहे विनोद चतुर्वेदी। विनोद बुंदेलखंड में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे, तीन बार उन्हें कांग्रेस का जिलाध्यक्ष एक बार पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई। अब सपा में हैं।

चेहरे जो कांग्रेस की पहचान थे

राहुल गांधी के साथ पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी।
राहुल गांधी के साथ पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी।
  • पूर्व मुख्यमंत्री पं. कमलापति त्रिपाठी के बेटे एमएलसी राजेश पति त्रिपाठी और वाराणसी से कांग्रेस के ब्राह्मण नेता पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने टीएमसी से हाथ मिलाया।
  • युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नदीम अशरफ जायसी, पूर्व संगठन मंत्री सरबजीत सिंह मक्कड़, उन्नाव की पूर्व सांसद अनु टंडन, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष युवक डॉ. संतोष सिंह, पूर्व महामंत्री संजीव सिंह और मनरेगा के चेयरमैन रहे संजय दीक्षित ने भी कांग्रेस छोड़ दी।

वेस्ट यूपी के नेताओं ने चुनाव से पहले छोड़ी कांग्रेस

हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक ने उठाया सपा का झंडा।
हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक ने उठाया सपा का झंडा।
  • सहारनपुर बेहट से कांग्रेस के विधायक नरेश सैनी बीजेपी में गए।
  • कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद।
  • सहारनपुर देहात से विधायक मसूद अख्तर।
  • पूर्व गृहमंत्री सईदुज्जामां के बेटे सलमान सईद ने कांग्रेस छोड़ी, सईद को बीएसपी ने चरथावल से टिकट दिया है।
  • पंकज मलिक और उनके पिता हरेंद्र मलिक सपा में गए। पंकज मलिक को सपा ने चरथावल से टिकट दिया है। अलीगढ़ सांसद चौधरी बिजेद्र सिंह सपा में गए।
  • हापुड़ से चार बार के विधायक गजराज सिंह आरएलडी में शामिल हुए।

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