आगरा में 9 गांवों के लोग नहीं देंगे वोट … 10 सालों से पुल की मांग कर रहे हैं ग्रामीण, नहीं दूर हुई परेशानी, इस सीट से पूर्व राज्यपाल हैं भाजपा प्रत्याशी
आगरा की ग्रामीण विधानसभा में मौजूदा विधायक की अनदेखी का नुकसान पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को उठाना पड़ रहा है। चुनाव के मौसम में यहां की जनता विकास कार्यों के न होने पर लगातार चुनाव बहिष्कार की धमकी दे रही है। आगरा ग्रामीण विधानसभा सभा की मेहरा नाहरगंज ग्राम सभा के नूरपुर समेत 9 गांवों में 10 साल से यमुना पर अधूरे बने पुल के निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है और सांसद राजकुमार चाहर और विधायक हेमलता दिवाकर के गुमशुदा होने के बैनर लगा दिए हैं।
डौकी क्षेत्र के मेहरा नाहरगंज ग्राम सभा के नूरपुर में यमुना पर आधा पुल बना है और बाकी बीच में निर्माण कार्य रोक दिया गया था। गांव के लोगों की यमुना के पार खेती है। ग्रामीणों का कहना है की महिलाओं और बच्चों द्वारा यमुना पार करने के दौरान कई बार हादसे हो चुके हैं। टूंडला फिरोजाबाद जाने के लिए हमें फतेहाबाद होते हुए 50 किमी घूमकर जाना पड़ता है जबकि पुल होने से यह रास्ता ढाई से तीन किमी में पूरा हो जाएगा।
ग्रामीणों ने लगाए जनप्रतिनिधियों पर आरोप
नूरपुर निवासी प्रमोद कुमार और बीघाधर ने बताया की सांसद और विधायक चुनाव में सिर्फ वोट मांगने आये हैं और फिर कभी झांकने भी नहीं आये। कई बार लोगों ने शिकायत की है और सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया है। अब हमने तय कर लिया है की अगर चुनाव से पहले पुल बनने का काम नहीं शुरू हुआ तो चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा और किसी भी दल के नेता को प्रवेश तक नहीं करने दिया जाएगा।
वर्तमान के चलते भावी परेशान
आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से इस बार भाजपा ने पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को चुनाव मैदान में उतारा है। दलित बाहुल्य इस सीट पर खुद दलित होने के नाते वो जीत सुनिश्चित होने की बात कह रही हैं पर वर्तमान विधायक का क्षेत्र में भारी विरोध है और धनौली, ताजगंज, शमशाबाद रोड, रोहता, डौकी आदि क्षेत्रों में लोग उनके खिलाफ प्रदर्शन और चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं। विधायक के विरोध के चलते प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य लोगों को समझाने के भरसक प्रयास कर रही हैं।