मैं टैक्स देता हूं, बजट से मेरी उम्मीदें … 5 लाख तक की कमाई और कोरोना के इलाज पर हुआ खर्च इनकम टैक्स फ्री हो, ऐसी कुल 6 उम्मीदें

32 साल के अनिरुद्ध दिल्ली की एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते हैं। सालाना करीब 8 लाख रुपए का पैकेज है। दिल के मरीज उनके पिता का पिछले दिनों कोरोना से निधन हो गया। इससे पहले अस्पताल में उनके इलाज पर करीब 4 लाख रुपए खर्च हो गए थे।

इधर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को कोरोना काल का दूसरा बजट पेश करेंगी। हमने जब अनिरुद्ध से पूछा कि बजट से वे क्या उम्मीद लगाए बैठे हैं, तो जवाब मिला- पहली तो यह कि 5 लाख रुपए की इनकम, टैक्स फ्री हो जाए और दूसरी कि पापा के इलाज पर जो पैसा खर्च हुआ, उस पर टैक्स न लगे।

आपने ये सारी बातें पढ़ लीं। आप भी तो कुछ ऐसा ही सोच रहे होंगे ना?
तो हमने इसे और बेहतर तरीके से समझने के लिए तीन एक्सपर्ट्स से बात की। इस बातचीत में कुल मिलाकर ये समझ में आया कि आम टैक्सपेयर को बजट से मोटे तौर पर 6 तरह की उम्मीदें हैं। अब चलते हैं बारी-बारी…

1. कोरोना के इलाज पर किए खर्च पर न देना पड़े इनकम टैक्स

27 जनवरी 2020 को केरल में कोरोना का पहला केस मिलने के बाद से अब तक देश में 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना हो चुका है। इनमें करीब 4 लाख 91 हजार की मौत हो चुकी है। और ये तो सरकारी आंकड़ा है।

अमेरिकन मैगजीन ‘द इकोनोमिस्ट’ का दावा है कि भारत में सरकारी आंकड़ों में कोरोना से मरने वालों की संख्या 900% कम है। वहीं साइंस मैगजीन ‘नेचर’ ने दावा किया है कि भारत में कोरोना से 32 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। बीमा कंपनियों को रेगुलेट करने वाली संस्था IRDA के आंकड़ों की स्टडी से पता चलता है कि निजी अस्पतालों ने कोरोना के दौरान भर्ती मरीजों से औसत से तीन गुना ज्यादा बिल वसूले।

इस हिसाब-किताब के मद्देनजर एक्सपर्ट्स कह रहे कि ऐसे में सरकार कोरोना के इलाज में हुए खर्च को टैक्स फ्री कर सकती है। यानी अगर आपने अपने या किसी कोरोना पॉजिटिव फैमिली मेंबर के इलाज पर जो भी खर्च किया है, वह रकम आपकी कुल टैक्सबेल इनकम से घट जाएगी।

एक नजीर: मान लीजिए आपकी सालाना कमाई 10 लाख रुपए है। इनकम टैक्स के मौजूदा नियमों के मुताबिक इसमें से 2.5 लाख रुपए पर टैक्स नहीं लगता है। यानी आपकी टैक्सेबल इनकम 7.5 लाख रुपए बची।वहीं अगर आपने कोरोना के इलाज पर 3 लाख रुपए खर्च किए हैं और सरकार इस खर्च को टैक्स फ्री कर देती तो आपकी टैक्सेबल इनकम 7.5 लाख – 3.0 लाख = 4.5 लाख रुपए हुई।

  • अभी कुछ बीमारियों के इलाज पर टैक्स छूट है, पर कोरोना शामिल नहीं इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80DDB के तहत कोरोना को छोड़कर कुछ गंभीर बीमारियों के इलाज में हुए खर्च पर इनकम टैक्स छूट मिलती है। इनमें इनकम टैक्स देने वालों के माता-पिता, बच्चे, पत्नी और भाई-बहन शामिल हैं, लेकिन भाई-बहन ऐसे हों, जो कमाते न हों, यानी आप पर डिपेंडेंट हों। आम तौर पर यह छूट 40 हजार रुपए होती है। सीनियर सिटीजन के मामले में यह कटौती 1 लाख रुपए तक हो सकती है। पर मेडिकल सर्टिफिकेट हो तो ही। फिलहाल इन 9 बीमारियों पर हुए खर्च पर छूट
  • मोटर न्यूरॉन डिजीज
  • रीनल फेलियर
  • कैंसर
  • एड्स
  • हेमेटोलॉजिकल
  • अटैक्सिया
  • डिमेंशिया अफेसिया
  • डिस्टोनिया मस्कुलोरम डिफॉर्मेंस
  • पार्किंसंस

2. इनकम टैक्स स्लैब में दोगुनी हो सकती है छूट की लिमिट

इस बार पुराने टैक्स ढांचे में बदलाव संभव है। अभी आपको 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स नहीं देना होता। अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख – 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होता है।

इसमें भी एक पेंच है… सरकार 2.5 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 5% की दर से इनकम टैक्स तो वसूलती है, पर इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।

मतलब यह कि अगर किसी की सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए तक है, तो उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन अगर आपकी कमाई 5 लाख 10 हजार रुपए हुए तो आपको 10 हजार रुपए पर टैक्स देने के बजाय 5.10 लाख – 2.5 लाख = 2.60 लाख पर टैक्स देना होता है।

अब एक्सपर्ट्स कह रहे कि इस बार 2.5 लाख की लिमिट को 5 लाख किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो आपकी सालाना इनकम 5 लाख तक होने पर आपको कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना होगा।

वहीं, इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करके टैक्स छूट को 5 लाख रुपए करने पर आपको सिर्फ 10 हजार रुपए पर टैक्स देना होगा।

इसके अलावा अभी 2.50 लाख से ज्यादा इनकम वालों को ITR फाइल करना जरूरी होता है। इसके बाद ये लिमिट 5 लाख हो जाएगी।

  • चलिए अब इनकम टैक्स के मौजूदा स्लैब को नीचे दिए ग्राफिक्स से जानते हैं…
  • फिलहाल इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।

3. सेक्शन 80C की टैक्स छूट लिमिट 1.5 लाख से 3 लाख रु. हो सकती है
सरकार इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर सकती है। आसान भाषा में इसे ऐसे समझें…अभी आप सेक्शन 80C के माध्यम से अपनी कुल टैक्सेबल इनकम से 1.5 लाख रुपए तक कम कर सकते हैं। इसे बढ़ाकर 3 लाख किया जा सकता है।

इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत अभी EPF, PPF, इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम, म्‍यूचुअल फंड, सुकन्‍या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग सर्टिफ‍िकेट, 5 साल की FD, नेशनल पेंशन सिस्‍टम और सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम में एक वित्‍त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए निवेश पर टैक्‍स छूट ले सकते हैं।

इसके अलावा इसमें एक व्‍यक्ति अपने दो बच्‍चों की स्‍कूल फीस, होम लोन पेमेंट, इंश्‍योरेंस प्रीमियम जैसे खर्च के बदले भी टैक्‍स में छूट ले सकता है।

4. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट 25 हजार से बढ़कर 50 हजार संभव
सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स छूट को भी सरकार बढ़ा सकती है। इसके तहत मिलने वाली छूट को दाेगुना किया जा सकता है। अभी 80D के तहत पति-पत्नी और बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए सालाना 25 हजार रुपए तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है। इसे बढ़ाकर 50 हजार किया जा सकता है।

इसके अलावा अभी इसमें आश्रित माता-पिता के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर 25 हजार से 50 हजार रुपए (यदि पेरेंट्स सीनियर सिटीजन हैं) तक की छूट मिलती है। इसे भी दोगुना किया जा सकता है।

अब 80D की छूट को इस ग्राफिक्स से समझते हैं…

5. होम लोन के ब्याज पर 2 की जगह 3 लाख रुपए की टैक्स छूट

होम लोन के लिए चुकाए गए ब्याज पर अभी 2 लाख रुपए की छूट मिल रही है, इस बार इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया जा सकता है। यह छूट इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24B के तहत मिलती है। सेक्शन 24B के तहत होम लोन के ब्याज पर डिडक्शन का लाभ घर पर कब्जा लेने के बाद मिलता है। यानी जब घर पूरी तरह तैयार होकर आपको मिल जाता है तभी इस छूट का फायदा ले सकेंगे। इसका फायदा सिर्फ आवासीय संपत्ति के निर्माण या खरीदने पर ही मिलता है।

6. सेविंग्स अकाउंट से मिले ब्याज पर दोगुनी हो सकती है छूट की लिमिट

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत बैंक/को-ऑपरेटिव सोसायटी/पोस्ट ऑफिस के सेविंग्स अकाउंट के मामले में ब्याज से सालाना 10 हजार रुपए तक की ब्याज से आय टैक्स फ्री है। इससे ज्यादा ब्याज मिलने पर बैंक इस पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यानी TDS काटता है। इसे बढ़ाकर 15-20 हजार रुपए किया जा सकता है। हालांकि सीनियर सिटीजन के लिए ये छूट 50 हजार रुपए है।

अब आखिर में इनकम टैक्स पर कुछ नॉलेज हो जाए…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *