बाहुबली के बेटे की योगी को चुनौती … बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय बोले- BJP की जेब में संवैधानिक संस्थाएं, फिर भी गोरखपुर में हारेंगे योगी
यूपी में 2022 विधान सभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी दल ब्राह्मण वोटर को साधने में लगे हैं। पूर्वांचल में ब्राह्मण चेहरे की बात करें तो नाम आता है विनय शंकर तिवारी और उनके पिता हरिशंकर तिवारी का। पूर्वांचल की लड़ाई में खासकर गोरखपुर और आसपास के जिलों की मुख्य राजनीतिक लड़ाई CM योगी और विनय शंकर तिवारी के बीच बताई जा रही है। पूर्वांचल के 80 से ज्यादा ब्राह्मण संगठन सपा को समर्थन देने जा रहे हैं। इसके सूत्रधार खुद विनय शंकर तिवारी हैं।
ऐसे में पूर्वांचल का ब्राह्मण वोटर किधर जा रहा है और योगी के खिलाफ क्या तैयारियां हैं। ऐसे कई सवालों के जवाब विधायक विनय शंकर तिवारी ने ….. से बातचीत में दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा की जेब में हैं।
सवाल : पूर्वांचल और खासकर गोरखपुर का चुनाव आपके परिवार और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच है। आप इसको कैसे देखते हैं?
जवाब : योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जो प्रत्याशी होगा, वह लड़ाई उसके और उनके बीच है। समाजवादी पार्टी ने हमको वहां से प्रत्याशी नहीं बनाया है। मुझे तो चिल्लूपार से प्रत्याशी बनाया गया है। हालांकि, जब प्रत्याशी वहां घोषित हो जाएगा तो स्पष्ट होगा कि चुनाव सीधा है और समाजवादी पार्टी वहां से चुनाव जीतने जा रही है।
सवाल : आपने कभी अखिलेश यादव से कहा नहीं कि वहां से किस प्रत्याशी को लड़ाना चाहिए?
जवाब : (हंसते हुए )यह बातें हमारे और उनके बीच की है। मीडिया के सामने अगर हम वह बातें करे तो सही नहीं होगा। अगर उन्होंने पूछा होगा तो हमने जरूर कुछ बताया होगा। यह मीडिया के सामने चर्चा का विषय नहीं हैं।
सवाल : पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी से घोषित कई टिकटों पर कहा जा रहा है कि समीकरण ठीक नहीं है?
जवाब : पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी एकतरफा जीत की तरफ बढ़ रही है। वह कोई भी जिला हो, गोरखपुर में पार्टी नौ की नौ सीट जीतने जा रही है। 10 को यह तय हो जाएगा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री हो गए।

सवाल : आपके चुनाव की क्या तैयारी है?
जवाब : अपार जनसमर्थन है। हमको सभी का प्रेम और सहयोग मिल रहा है। सर्वसमाज का सहयोग मिल रहा है। जीत में कहीं कोई समस्या नहीं है। जनता हमको तीन मार्च को आशीर्वाद देगी और 10 मार्च को उसका परिणाम आएगा।
सवाल : 2 साल से यूपी में यह चर्चा है कि ब्राह्मण भारतीय जनता पार्टी से नाराज हैं?
जवाब : ब्राह्मण नाराज क्यों न हो। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में उनकी एक बड़ी भूमिका थी। ऐसा कहा कि ब्राह्मणों ने ही सरकार बनाने का काम किया गया। सरकार बनने के बाद सबसे पहले ऊंचाहार में उनका नरसंहार किया गया। लखनऊ में विवेक तिवारी और गोरखपुर में विवेक शुक्ला की हत्या की गई।
सवाल : जब ब्राह्मणों की हत्याएं हुई तो कोई बड़ा ब्राह्मण चेहरा विरोध करता नहीं दिखा?
जवाब : नहीं, आपने ध्यान नहीं दिया तब। हम लोगों ने उन घटनाओं के बाद लखनऊ में जीपीओ पर धरना दिया। लक्ष्मण मेला मैदान में भी धरना दिया था। गोरखपुर में भी हमने धरना दिया था। खुशी दुबे की रिहाई के लिए मुख्यमंत्री और अपर प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा था। यह अन्याय किया जा रहा है कि वो बेटी, जिसकी शादी 2 दिन पहले हुई थी, जिसका कोई अपराध नहीं है। उसको जेल में तीन साल से बंद कर रखा है। बिकरू कांड के आरोपित की गाड़ी को पंक्चर और खराब दिखाकर पलटा देना और गोली से मार देना। यह गलत व्यवस्था है। एनकाउंटर एक दुर्घटना होती है। सरकार की पॉलिसी नहीं हो सकती। सरकार ने इसको पॉलिसी बनाकर ठोको नीति बना दी।

सवाल : एक अपराधी से इतनी हमदर्दी कैसे हो सकती है?
जवाब : जब तक न्यायालय साबित न करे, हम और आप किसी को अपराधी नहीं कह सकते हैं। इसके लिए न्यायालय है। इसके लिए संविधान ने व्यवस्था दी है। न्यायपालिका की स्थापना की है। व्यक्ति को दोष मुक्त होने का अधिकार है लेकिन सरकार यह अधिकार छीन रही है।
सवाल : रैलियों पर रोक भाजपा नहीं, बल्कि चुनाव आयोग ने लगाई है?
जवाब : भारतीय जनता पार्टी यह कहती है कि राम मंदिर हम बना रहे हैं। उसका फैसला तो सुप्रीम कोर्ट ने दिया। अब तो बस यह कहना बाकी रह गया कि हमने सुप्रीम कोर्ट से कहकर फैसला दिलवाया है। चुनाव आयोग या बाकी जितनी भी संवैधानिक संस्थाएं हैं, आज भारतीय जनता पार्टी की जेब में हैं।
सवाल : आप सीधे आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी की जेब में है।
जवाब : सभी संवैधानिक संस्थाएं भारतीय जनता पार्टी की जेब में हैं। केवल एक संस्था की बात हम नहीं कर रहे हैं। लोक सेवा आयोग से लेकर सब जगह यही स्थिति है। लोक सेवा आयोग से कोई चयनित होता था तो उसके घर पत्र चला जाता था। आज आयोग से कोई चयनित होता है तो उसके लिए प्रेस वार्ता की जाती है। लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। प्रचार के लिए पैसा खर्च किया जाता है। बीजेपी के लोग अब उस संस्था पर भी अपना कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं।
आखिर सवाल : पूर्वांचल के 80 से ज्यादा ब्राह्मण संगठन समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन देने जा रहे हैं। इसके सूत्रधार आप हैं।
जवाब : बात को टालते हुए…जब होगा तो बिना आपके तो कोई काम होगा नहीं। जब भी कोई काम होगा तो आपकी उपस्थिति होगी। जब होगी तो आप हमसे बेहतर जान जाएंगे।
आइए जानते हैं मठ और हाता है क्या?
- असल में तिवारी का हाता को हाता के नाम से जाना जाता है। ये पूर्व मंत्री बाहुबली हरिशंकर तिवारी का घर है। यहां आते ही लोगों का पहला अभिवादन होता है- बम-बम शंकर, जय-जय हरिशंकर। सरकार चाहे जिसकी रहे तिवारी का दबदबा बरकरार रहा है। हाता और मठ के बीच अदावत भी जगजाहिर है।
- मठ… वो जगह जहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी रहते हैं। सीएम बनने से पहले योगी गोरखपुर के सांसद थे। मठ में रहते थे। यहां से पूर्वांचल की सियासत के लिए अपना फरमान सुनाते थे। आजादी के बाद से अबतक गोरखपुर की कमान मठ में ही है