पलायन’ भूलेंगे या योगी याद दिलाएंगे ‘दंगा’ ….
शामली और मुजफ्फरनगर में सीएम की जनसभा आज, सहारनपुर मंडल से मिल रही दो चुनौती….
चुनावी माहौल में सीएम योगी वेस्ट यूपी के दो अहम जिलों शामली व मु़जफ्फरनग में आज पार्टी प्रत्याशियों का प्रचार करेंगे। महत्वपूर्ण ये है कि दोनों जनसभाओं में क्या वह कैराना पलायन और मुजफ्फरनगर दंगों के मुद्दे दोहराएंगे? शामली व थानाभवन में संबोधन के दौरान उन्हें चौसाना की हजारों बीघा सार्वजनिक भूमि पर भू माफिया के अवैध कब्जे का मामला भी जहन में जरूर रखना होगा। जिसको लेकर 26 साल से धरनारत मास्टर विजय सिंह ने उनके मुकाबले ही चुनावी मैदान में कूदने का फैसला लिया।
दंगों के बाद से भाजपा काटती रही है सत्ता की फसल
2013 के सांप्रदायिक दंगों के बाद वेस्ट यूपी से चली ध्रुवीकरण की हवा में भाजपा ने देश की सत्ता का शिखर छू लिया था। यूपी में 2014 व 2019 का लोकसभा चुनाव रहा हाे या इस बीच हुआ 2017 का विधानसभा चुनाव। पश्चिम की मिट्टी से ही न केवल भाजपाई सत्ता का बीज अंकुरित हुआ बल्कि फसल को खाद पानी भी यहीं से मिला। 2022 के लिए एक बार फिर भाजपा पश्चिम से वही आस लगाई बैठी है।
इस बार सियासी हालात पहले से थोड़ा जुदा हैं। चुनाव पूर्व सपा व रालोद के बीच हुए गठबंधन ने दंगों की धरा की आब-ओ-हवा का रुख थोड़ा बदल दिया। गठबंधन ने ध्रुवीकरण के दो ध्रुवुओं को एक-दूसरे के थोड़ा करीब किया। हांलाकि गृहमंत्री अमित शाह ने पहले कैराना में आकर पलायन तथा फिर मुजफ्फरनगर पहुंचकर दंगों के मुद्दों को पुरजोर हवा देने की कोशिश की।
शामली-मुजफ्फरनगर में पलायन-दंगे का मुद्दा गौण
भाजपा शामली और मुजफ्फरनगर में पलायन तथा दंगे का मुद्दा भले ही फिर से उठा रही है, लेकिन दोनों जनपदों की आंतरिक सियासत में में ये मुद्दे गौण दिख रहे हैं। 2016 में तत्कालीन सांसद बाबू हुकुम सिंह ने कैराना में पलायन का मुद्दा उठाया था। लेकिन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कैराना के लोगों ने सपा प्रत्याशी नाहिद हसन को जिताकर इस मुद्दे की हवा निकाल दी थी।
इस बार पलायन को हवा दिये जाने के बावजूद यह मामला कैराना में कुछ बढ़ता नजर नहीं आ रहा। 2013 के दंगों के बाद अधिकतर मुकदमों के फैसले होने तथा उसमें किसी को भी सजा न होने एवं सपा-रालोद के सियासी गठबंधन ने भी दंगों की कड़ुवाहट कम करने का काम किया। इस बीच भाजपा दंगे की कई सियासी फसल काट ही चुकी है।
गोरखपुर में योगी की होगी कर्मयोागी से सियासी टक्कर
सीएम योगी आदित्यनाथ आज शामली की थाना भवन विधानसभा क्षेत्र के एल्पाईन इंटरनेश्नल स्कूल में जब लोगों को संबोधित करेंगे तो उन्हें यह याद रखना होगा कि उसी विधानसभा क्षेत्र के चौसाना गांव की चार हजार बीघा सार्वजनिक कृषि योग्य भूमि पर भू-माफिया के कब्जे का मामला चर्चाओं में है। बेहतर होगा कि वह अपने संबोधन में साफ करें कि 2019 में शामली जनसभा के दौरान भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराने के लिए 26 साल से धरनारत चौसाना निवासी मास्टर विजय सिंह को दिए गए।
उनके आवाश्वसन पर आज तक आखिर अमल क्यों नहीं हुआ। वह भी तब उनके आदेश पर उनकी ही सरकार के अधिकारी की जांच में उक्त भूमि पर अवैध कब्जा साबित हो चुका है। भू-माफिया पर कार्रवाई में ढिलाई के चलते ही आंदालनकारी मास्टर विजय सिंह ने आहत होकर गोरखपुर से योगी के सामने ही चुनावी शंखनाद फूंकने का ऐलान किया है।
योगी को मंडल के जिले सहारनपुर निवासी आजाद समाज पार्टी मुखिया चंद्रशेखर आजाद भी गोरखपुर में चुनौती दे रहे हैं। योगी आज मुजफ्फरनगर की चरथावल विधानसभा क्षेत्र के बिरालसी में पार्टी प्रत्याशी सपना कश्यप के समर्थन में जनसभा करेंगे।