सीएम योगी का ‘चुनावी लोकार्पण’ ….. वैध पहचानपत्र वाले इन अवैध घुसपैठियों के चुनावी दखल को रोकने की रणनीति बना रही ATS

यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में वोटों की गणित बंगलादेशी और रोहिंग्या बिगाड़ सकते हैं। DGP मुकुल गोयल का कहना है कि अवैध तरीके से घुसपैठ करके प्रदेश भर में फैले इन विदेशियों के पास यहाँ के वोटर कार्ड, आधार कार्ड सहित वह सभी दस्तावेज हैं जो एक मतदाता के लिए जरूरी है। उनका कहना है कि इन्हें चुनाव में दखल देने से कैसे रोका जाए ATS इसकी रणनीति तैयार कर रही है।

DGP मुकुल गोयल ने गुरुवार को प्रेस वार्ता करके कानून व्यवस्था की दिशा में ATS की इस साल की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साल लखनऊ से 6 आतंकियों को गिरफ्तार कर बड़ी घटनाओं को रोका गया। यह आतंकी अलकायदा समर्थित संगठन से जुड़े थे। इसके अलावा अवैध धर्मांतरण गिरोह के 17 सदस्यों को गिरफ्तार करके सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के विदेशी फंडिंग को पकड़ा गया। इंडिया से प्री एक्टिवेट सिम कार्ड दूसरे देश मे भेजने वाले चाइनीज गिरोह के 18 सदस्यों को पकड़ा गया। यह गैंग क्रिप्टो करेंसी के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा था। अवैध शस्त्र फैक्टरी, टेलीफोन एक्सचेंज, मादक पदार्थों की तस्करी और जाली मुद्रा के कारोबारियों को भी बड़ी संख्या में पकड़ा गया है।

2 अरब से ज्यादा के आर्थिक अपराध की चल रही जांच

DGP ने बताया कि ATS ने प्रदेश में आर्थिक अपराध से जुड़े कई मामलों का खुलासा किया। इनमें 2 अरब से ज्यादा का आर्थिक भ्र्ष्टाचार पकड़ा गया जिसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) कर रही है। ATS थानों में आतंकवाद से जुड़े 12 मुकदमे दर्ज किए गए। ATS की कड़ी पैरवी के चलते 4 मामलों में 13 आरोपियों को कोर्ट से सजा सुनाई गई। ATS को और विस्तार देने के लिए सरकार ने 12 जिलों में इसकी यूनिट और ट्रेनिंग सेंटर बनाने के लिए जमीनें भी आवंटित की है।

झुग्गी झोपड़ी वाले बंगलादेशी और रोहिंग्या बने चुनौती

प्रेस कांफ्रेंस में DGP के साथ ADG कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार और IG ATS जीके गोस्वामी भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि UN कार्ड के जरिये अवैध तरीके से घुसपैठ कर चुके रोहिंग्या और बंगलादेशी पूरे प्रदेश में झुग्गियों में रह रहे हैं। इनकी पहचान करके इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही हैं। हालांकि केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से यूपी में केवल 780 रोहिंग्या नागरिकों के प्रवास करने का डेटा मिला है। लेकिन इनकी संख्या इससे कई गुना ज्यादा है।

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