सरकारी कारतूसों से हुआ था ओवैसी पर हमला … सचिन से मिली प्रतिबंधित 9 mm की पिस्टल, बोला- पहली गोली चली तो औवेसी कार में गिर पड़े, सोचा मर गया
AIMIM के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर हमला सरकारी कारतूसों से किया गया। गुरुवार शाम हापुड़ जिले में छिजारसी टोल के पास ओवैसी को निशाना बनाते हुए चार राउंड फायर की गई। ओवैसी की गाड़ी में दो गोली लगीं। पुलिस ने मुख्य आरोपी सचिन शर्मा और उसके साथी शुभम को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मुख्य आरोपी सचिन के पास से 9 एमएम की पिस्टल बरामद की गई है। यह प्रतिबंधित बोर है। पुलिस और फोर्स के लिए इस बोर की पिस्टल उपलब्ध रहती हैं। अन्य किसी भी व्यक्ति को 9 एमएम की पिस्टल का लाइसेंस नहीं मिल सकता। पूरे मामले में जांच एजेंसियों ने तस्दीक शुरू कर दी है। हालांकि अभी अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
यह है पूरा मामला
असदुद्दीन ओवैसी 3 फरवरी को मेरठ में थे। जहां उन्होंने शहर विधानसभा में अपनी पार्टी के लिए डोर-टू-डोर जाकर वोट मांगे। इस दौरान मुख्यमंत्री के गर्मी वाले बयान पर भी वह निशाना साध बैठे। बसपा और सपा पर भी निशाना साधा। मेरठ शहर से औवैसी किठौर कस्बे में गए। वहां से वह हापुड़ होकर दिल्ली जा रहे थे। हापुड़ में पिलखुआ थाना क्षेत्र में छिजारसी टोल के पास कार सवार हमलावरों ने ओवैसी की गाड़ी पर फायरिंग कर दी। इसमें ओवैसी की गाड़ी में 3 गोली लगीं। पुलिस ने घेरेबंदी करते हुए दोनों हमलावर गिरफ्तार कर लिए।
मेरठ शहर से की गई रेकी
पुलिस ने मुख्य आरोपी सचिन शर्मा निवासी गांव दुरियाई थाना बादलपुर जिला गौतमबुद्धनगर और दूसरे आरोपी शुभम निवासी सापला बेगमपुल थाना नकुड़ जिला सहारनपुर को गिरफ्तार किया। शुक्रवार को दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। पुलिस ने सचिन के पास से 9 एमएम की पिस्टल बरामद की है, जबकि शुभम के पास से .32 बोर की पिस्टल बरामद की गई है।
सचिन ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि मैं हिंदूवादी बनना चाहता हूं। ओवैसी के बयानों से आघात पहुंचा। ढाई महीने से ओवैसी को मारने की प्लानिंग की गई। जहां भी ओवैसी जाते वहां सभा के आसपास रेकी की जाती। 3 फरवरी को मेरठ में गोलाकुआं पर रेकी गई। उसके बाद वह किठौर पहुंचे तो सचिन और शुभम ने अपनी अल्टो गाड़ी से पीछा किया। उसके बाद हापुड़ जिले में छिजारसी टोल के पास जब ओवैसी की गाड़ी की स्पीड कम हुई तब उनपर फायर किए।
पहली गोली चलते ही कार में नीचे गिर पड़े ओवैसी
पुलिस ने सचिन और शुभम से पूछताछ की तो पता चला कि पहले गोली सचिन ने चलाई। शुभम की .32 बोर की पिस्टल से एक गोली चली। बाकी गोली सचिन ने 9 एमएम की पिस्टल से चलाई। जैसे ही सचिन ने ओवैसी को निशाना बनाते हुए ओवैसी की कार पर पहली गोली चलाई तो ओवैसी ने देख लिया। अचानक ओवैसी अपनी गाड़ी की आगे की सीट पर नीचे की तरफ गिर गए। तभी सचिन ने कार में शीशों से नीचे की तरफ गोली चलाई।
सचिन बोला- हमने सोचा ओवैसी मर गया
मुख्य आरोपी सचिन और उसके साथी शुभम से पिलखुआ थाने में भी पूछताछ की गई। उसके बाद सीओ, एसपी ने भी बंद कमरे में पूछताछ की गई। एक उच्च अधिकारी ने अलग से पूछताछ की। सचिन ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि जब मैंने पहली गोली चलाई तो ओवैसी गाड़ी में नीचे की तरफ गिर गया। अचानक से हमने सोचा कि वह मर गया। बाद में गाड़ी में नीचे की तरफ भी गोली मारी गई। घटना बाद दोनों पुलिस से घिरता देखकर अलग-अलग भाग गए। पिस्टल को सड़क किनारे फेंक दिया था।
मेड इन जर्मनी की बताई गई बरामद पिस्टल
ओवैसी पर हमला करने के दोनों आरोपी जेल जा चुके हैं। मुख्य आरोपी सचिन भाजपा नेताओं के संपर्क में रहा। सचिन से 9 एमएम की पिस्टल बरामद होने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर प्रतिबंधित बोर की पिस्टल और 9 एमएम के कारतूस कहां से आए। जो पिस्टल बरामद हुई है, उस पर मेड इन जर्मनी लिखा है। यह सरकारी पिस्टल कहां से आई। इसको लेकर जांच शुरू कर दी गई। 9 एमएम के छह कारतूस भी बरामद किए हैं।
सरकारी कारतूस कैसे सचिन के साथ पहुंचे? बताया गया है कि मेरठ के एक युवक से पिस्टल और कारतूस खरीदे गए थे, जिसकी पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है। सचिन ने बताया कि मेरी दोस्ती शुभम से फेसबुक से हुई। इससे पहले सचिन हरिद्वार और गाजियाबाद के महंत के यहां भी जाता था, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद शुभम को साथ में लिया।