फेसबुक का आज 18वां जन्मदिन … जुकरबर्ग ने दोस्तों के साथ शुरू किया सफर, फेसमास की वेबसाइट बनाई; आज 1.92 अरब यूजर्स; जानिए फेसबुक के बनने की रोचक कहानी

आज फेसबुक का जन्मदिन है। इसी के साथ आज फेसबुक को 18 साल हो गए हैं। फेसबुक का जन्मदिन हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है। हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मार्क जुकरबर्ग ने अपने कुछ दोस्तों के साथ 2004 में फेसबुक को बनाया था। जिस समय इसे लॉन्च किया गया था तब उसका नाम ‘द फेसबुक’ था, जिसे बाद में फेसबुक कर दिया गया। फेसबुक से पहले जुकरबर्ग ने फेसमास नाम से एक वेबसाइट 28 अक्टूबर, 2003 को लॉन्च की थी। इसका उद्देश्य कॉलेज और स्कूल के स्टूडेंट को आपस में जोड़े रखना था, ताकि उनसे संपर्क हमेशा के लिए बना रहे।

जुकरबर्ग ने सबसे पहले इसमें कुछ लड़के और लड़कियों की तस्वीरें डाली थीं। इसके जरिए उन्होंने बताया था कि यहां दो लोगों में से कौन कितना हॉट है, हालांकि बाद में उन लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि ये उनकी प्राइवेसी के खिलाफ है, क्योंकि ये तस्वीरें उनके बिना इजाजत के डाली गई हैं। हालांकि, कहा जाता है कि फेसमास ने ही मार्क जुकरबर्ग को फेसबुक बनाने का रास्ता दिखाया था।

वहीं, साल 2004 के आखिर तक फेसबुक के 1 अरब यूजर्स हो गए थे। फेसबुक के पॉपुलर होने के बाद कई निवेशकों ने इस पर निवेश किया। फेसबुक के संस्थापक और CEO मार्क जुकरबर्ग महज 23 साल की उम्र में ही अरबपति बन गए थे।

पिता की किताब बनी ताकत
मार्क जुकरबर्ग को बचपन से ही कंप्‍यूटर पर काम करने का शौक था। वह अक्‍सर अपना टाइम कंप्‍यूटर में प्रोग्रामिंग करते हुए बिताया करते थे। उसी दौरान उनके पिता ने उन्‍हें एक C++ की किताब दी। इसको पढ़ने के बाद मार्क का कंप्‍यूटर से और लगाव बढ़ गया। फिर वो प्रोग्रामिंग करने लगे और यहीं से उनके तरक्‍की की कहानी की शुरुआत होती है।

18 साल में पहली बार फेसबुक यूजर्स घटे
मेटा की ओर से जारी तिमाही रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने 2021 की चौथी तिमाही में पिछली तिमाही के आधार पर आधा मिलियन (करीब 5 लाख) ग्लोबल डेली यूजर्स को खो दिया है। 2004 के बाद उसके लिए ये पहला ऐसा मौका है जब उसके डेली एक्टिव यूजर्स (DAU) में गिरावट रही है। इस दौरान कंपनी के मुनाफे में भी गिरावट आई है। वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के लिए यूजर ग्रोथ भी ना के बराबर रही।

फेसबुक के डेली एक्टिव ग्लोबल यूजर्स की संख्या एक तिमाही पहले 1.930 अरब थी, जो अब 1.929 अरब रह गई है। इसके अलावा, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे दूसरे मेटा ऐप्स में भी यूजर की वृद्धि काफी कम रही।

2021 में फेसबुक से जुड़े 3 विवाद

1. महामारी से जुड़ी गलत पोस्ट को वायरल किया
कंपनी ने कोविड-19 महामारी और वैक्सीनेशन से जुड़ी कई फेक प्रोफाइल को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रमोट किया। इसके चलते बीते साल इन प्रोफाइल के 3 लाख 70 हजार फॉलोअर्स बन गए।

फेसबुक से जुड़ी इस रिसर्च को न्यूजगार्ड ने किया है। ये ऐसा आर्गनाइजेशन है जो इंटरनेट पर आने वाले फेक न्यूज, हेट स्पीच, भड़काऊ कंटेंट पर नजर रखता है। ये 20 अकाउंट, पेज और ग्रुप को ट्रैक कर रहा था। फेसबुक ने अपने अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जिन ग्रुप को बढ़ावा दिया उनमें ऐक्सपेरिमैंट के नाम पर बच्चों की हत्या करने की बात की जा रही थी।

2. फेसबुक के ट्रेड टूल से हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग
फेसबुक व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हॉगेन ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को दिए बयान में नया खुलासा करते हुए कहा कि यदि आप आज भी फेसबुक पर अरबी में ‘खादीमा’ या ‘मेड्स’ सर्च करते हैं तो अफ्रीकियों और दक्षिण एशियाई महिलाओं की उम्र और उनकी फोटोज कीमत के साथ लिस्टेड दिखती हैं। इन्हें कोई भी यूजर्स अपने पसंद के हिसाब से हायर कर सकता है।

एसोसिएटेड प्रेस को फेसबुक ने बताया है कि मिडिल ईस्ट में विदेशी मजदूरों के साथ शोषण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हम इस समस्या को गंभीरता से ले रहे हैं। हम अपने प्लेटफॉर्म पर मानव तस्करी की समस्या से कई साल से जूझ रहे हैं।

3. भारत में ‘फेकबुक’ की शक्ल ले चुका फेसबुक
हॉगेन ने एक दूसरे खुलासे में बताया है कि भारत में यह प्लेटफॉर्म ‘फेकबुक’ (फर्जी सामग्री की पुस्तक) की शक्ल लेता जा रहा है। इस समूह में ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ भी शामिल है। इसके लिए हॉगेन ने इन रिपोर्टों-अध्ययनों के दस्तावेज जुटाए हैं। इनके आधार पर वे लगातार फेसबुक की कार्य-संस्कृति, अंदरूनी खामियों आदि से जुड़े खुलासे कर रही हैं। उनकी ओर से सार्वजनिक किए गए ‘फेसबुक पेपर्स’ के मुताबिक भारत में फर्जी अकाउंट्स से झूठी खबरों के जरिए चुनावों को प्रभावित किया जा रहा है।

दुनिया के 70 से ज्यादा शहरों में फेसबुक के ऑफिस हैं। फेसबुक में काम करने वालों की बात करें, तो इसमें करीब 45 हजार फुलटाईम कर्मचारी हैं। करीब 14 करोड़ लोग फेसबुक के जरिए अपने ग्राहकों से जुड़ते हैं।

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