UP पुलिस की कस्टडी में हुई मौतों की पड़ताल … किसी ने 2 फीट ऊंची टोटी से फांसी लगाकर जान दी, तो किसी की मौत पुलिस कस्टडी के बाद अस्पताल में हुई
लखीमपुर खीरी के 3 पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है। बीती 23 जनवरी को पुलिस हिरासत में 16 साल के राहुल की मौत हुई थी। तब राहुल की मां सीता देवी ने कहा था, ‘पुलिस ने मेरे बेटे को बेरहमी से पीटा। वो रोता-गिड़गिड़ाता रहा, पर पुलिस ने उसे बुरी तरह मारा जिससे उसकी मौत हो गई।’ पुलिस की कस्टडी में राहुल की मौत का मामला इकलौता नहीं है। यूपी में ऐसे दर्जनों केस आ चुके हैं। ऐसे में यहां हम आपको ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
कहानी उन 5 मौतों की जिनमें पुलिस की सबसे ज्यादा किरकिरी हुई…
घटना 1ः पुलिस के थर्ड डिग्री टार्चर से हालत बिगड़ी, अस्पताल में मौत
17 जनवरी को लखीमपुर खीरी में राहुल के चाचा ने उस पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाया था। 2 दिन बाद 19 जनवरी को पुलिस उसके घर पहुंची और उसे पकड़कर मारना शुरू कर दिया और खींच कर चौकी ले आई। पुलिस ने राहुल की मां से उसे दो-चार घंटों में छोड़ने को कहा था। पर जब वो दोबारा चौकी पहुंची तो वो दर्द से तड़प रहा था। पूछताछ में पुलिस को कुछ मिला नहीं था तो पुलिस ने उसे मां के साथ जाने दिया।
परिवार के आरोप: राहुल जब घर आया तो उसने बेरहमी से मारपीट और थर्ड डिग्री के टॉर्चर की बात बताई, जिसके चलते वो ठीक से बैठ तक नहीं पा रहा था। उसकी पीठ पर भी निशान बने थे। कुछ देर बाद हालत बिगड़ने लगी तो अस्पताल ले गए। इलाज के वक्त 23 जनवरी को राहुल की मौत हो गई।
पुलिस की थियरी: पूछताछ के लिए राहुल को थाने लाए थे। उसके बाद सकुशल उसे छोड़ दिया गया था।
थियरी पर सवाल: सकुशल छोड़ दिया तो पीठ पर ये निशान कहां से आए?

घटना 2: थाने की दो फीट ऊंची टोटी से फांसी लगाकर अल्ताफ की मौत
कासगंज में 8 नवम्बर 2021 को 21 साल का अल्ताफ एक मकान में टाइल लगाने का काम कर रहा था। वहां से एक लड़की लापता हो गई। लड़की के परिवार वालों ने आरोप अल्ताफ पर लगाया। पुलिस पूछताछ के लिए उसे थाने ले गई। 9 नवम्बर की शाम खबर आई। अल्ताफ नहीं रहा।
परिवार के आरोप: अल्ताफ के पिता ने कहा ‘पुलिस उसे शक के आधार पर थाने ले गई। वहां पुलिस वालों ने उसे फांसी लगा दी’।
पुलिस की थियरी: अल्ताफ वाशरूम गया। अपनी हुडी में लगी डोरी निकाली। 2 फीट ऊंची टोटी में बांधकर फांसी लगा ली।
थियरी पर सवालः 2 फीट ऊंची टोटी से 5 फुट 6 इंच लम्बा अल्ताफ फांसी कैसे लगा सकता है?

घटना 3: लॉकडाउन में 1 घंटे बाद तक सब्जी बेच रहा था, पुलिस ले गई, फिर घर नहीं लौट सका
21 मई 2021, कोरोना पीक पर था। कई पाबंदियां थीं। एक ये भी कि 3 बजे के बाद सामन बेच नहीं सकते। 18 साल का फैजल 4 बजे बांगरमऊ के एक लोकल मार्केट में सब्जी बेच रहा था। उसी दिन शाम को उसकी मौत हो गई।
परिवार का आरोप: उसे 3 बजे के बाद सब्जी बेचते देख 2 पुलिसवाले बाइक पर बैठा कर थाने ले गए। वहां उसे इतना मारा कि उसकी हालत और बिगड़ गई। अस्पताल में भर्ती कराया। वहां मौत हो गई।
पुलिस की थियरी: फैजल को थाने लाया गया। उसकी तबीयत बिगड़ी। पुलिसवाले अस्पताल ले गए। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत गई।
थियरी पर सवालः परिवार के हिसाब से फैजल एकदम स्वस्थ था। सब्जी बेचने का काम कर रहा था। क्या पुलिस को देखते ही उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि मौत हो गई? घटना की CCTV फुटेज भी पुलिस नहीं दे पाई।

घटना 4: लॉकअप गेट पर शर्ट से फांसी लगाने से मौत
28 जुलाई 2021, हमीरपुर में लड़की भगाने का केस था। पुलिस पूछताछ के लिए 22 साल के संजय को पकड़ लाई। बैरक में बंद कर दिया। रात 1 बजे संजय की मौत हो गई।
परिवार का आरोप: परिवार का आरोप है कि संजय की मौत में पुलिस का हाथ है।
पुलिस की थियरी: बाथरूम के बहाने हवालात से संजय बाहर आया। अपनी शर्ट निकालकर गले में बांधा फिर गेट पर चढ़ा और गेट से लटक कर फांसी लगा ली। पुलिस ने युवक का शव रातों-रात थाने से निकाल कर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचा दिया। हवालात का कैमरा भी गड़बड़ था इसलिए वीडियो नहीं दिखा सके। सामने ऑफिस था। वहां कैमरा चेक किया गया। वो भी खराब निकला।
थियरी पर सवालः पहला सवाल ये कि हवालात के बाहर का और सामने ऑफिस का CCTV घटना के बाद एक साथ ही कैसे खराब हो गया?
दूसरा सवाल, जिस वक्त संजय फांसी लगा रहा था तब नाईट ऑफिसर्स, गार्ड सब थे पर किसी ने उसे रोका नहीं?
तीसरा सवाल, कोतवाल ऋषिदेव ने बताया घटना रात 1 बजे हुई और सीओ रवि प्रकाश ने कहा घटना सुबह 4 बजे हुई है। फांसी के दो अलग टाइम कैसे?

घटना 5: रात 1 बजे पुलिस बिजनेसमैन को थाने लाई, हालत बिगड़ी और मौत
5 अक्टूबर 2019 को पीपरपुर थाना क्षेत्र के परसोइया गांव के पास बाइक सवार बदमाशों ने कार सवार बैंक कर्मियों पर फायरिंग कर 26 लाख रुपए लूट लिए। घटना के खुलासे में लगी पुलिस और एसओजी टीम रात 1 बजे, 45 साल के बिजनेसमैन सत्य प्रकाश शुक्ला के घर पहुंची। लूट का पैसा बरामद करने के लिए घर में कई जगहों पर खुदाई शुरू कर दी। पैसा जब पुलिस को नहीं मिला तो पुलिस सत्य प्रकाश शुक्ला और उनके बेटे को हिरासत में लेकर थाने पहुंची। 6 अक्टूबर को सत्य प्रकाश की मौत हो गई।
परिवार का आरोप: सत्य प्रकाश के बेटे ने कहा ‘पुलिस टीम में करीब 10 से 12 लोग थे, इन्होंने पापा की रास्ते में ही पिटाई शुरू कर दी थी। थाने ले जाकर भी टॉर्चर किया जिससे उनकी मौत हो गई’।
पुलिस की थियरी: थाने में सत्यप्रकाश की तबियत खराब हुई। अस्पताल ले गए।
थियरी पर सवालः पुलिस ने बताया कि खराब हालत में अस्पताल ले गए। बाद में मौत हो गई। जबकि डॉक्टर ने कहा ‘जब पुलिस वाले सत्यप्रकाश को लेकर आए तो उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी’।

ये 5 घटनाएं थीं। यूपी देशभर में फिलहाल हिरासत में मौत मामले में सबसे आगे है। इस साल नहीं पिछले 7 साल से। आंकड़े देखिए…


अंत में हम पुलिस कस्टडी में किसी भी आरोपी या दोषी को टॉर्चर करने को लेकर बनाए नियम भी बता रहे हैं। इसे सुप्रीम ने कोर्ट बताया था…
- हिरासत में हुई मौत को 24 घंटे के अंदर NHRC को रिपोर्ट करना जरुरी है। इसके अलावा पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करना कंपल्सरी है।
- हर पुलिस स्टेशन में CCTV कैमरा लगाए जाएंगे। CCTV कैमरा नाइट विजन होंगे। सभी फुटेज को 18 महीने तक सेफ रखना कंपलसरी है।
- हर जिले में मानवाधिकार कोर्ट होगा, किसी के साथ मारपीट होती है तो वो राज्य या जिला मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकता है।
- जब भी पुलिस किसी गवाह के बयान ले तो उसकी भी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए।
- पुलिस हिरासत में अगर कोई बीमार पड़ जाता है या उसे कोई परेशानी होती है तो उसे रिकॉर्ड किया जाएगा।