भोपाल … शहर का क्राइम पैटर्न … निशातपुरा-कोतवाली में चोरियां, टीटी नगर, जहांगीराबाद में हमले के केस ज्यादा, हबीबगंज में बढ़ गई घरेलू हिंसा

यूं तो हर शहर की पुलिस अपने जिले के क्राइम पैटर्न को बारीकी से समझती है, लेकिन भोपाल में शुरू हुए पुलिस कमिश्नर सिस्टम में पहली बार इसका एसीपी जोन वार विश्लेषण हुआ है। शहर के 12 एसीपी जोन का 1 जनवरी से लेकर 31 जनवरी का क्राइम पैटर्न निकलने पर सामने आया है कि भोपाल में संपत्ति संबंधी अपराध ज्यादा होते हैं। टीटी नगर और जहांगीराबाद संभाग में बॉडी ऑफेंडर्स (हमला करने वाले) ज्यादा सक्रिय रहते हैं।

क्राइम विश्लेषण करने के बाद पुलिस अब दोनों तरह के अपराध करने वालों से निपटने की तैयारी में है। भोपाल सीपी मकरंद देऊस्कर ने बताया कि जिन क्षेत्रों में मारपीट जैसे अपराध ज्यादा होते हैं, वहां एसीपी-डीसीपी कोर्ट का काम बढ़ाया जाएगा। जबकि संपत्ति संबंधी अपराध करने वालों के लिए क्राइम वर्क (बेसिक पुलिसिंग) का रास्ता अपनाया जा रहा है।

डीसीपी जोन-1 बॉडी ऑफेंस और घरेलू हिंसा ज्यादा

एसीपी टीटी नगर
इस संभाग में टीटी नगर, कमला नगर और रातीबड़ थाने आते हैं। खासकर टीटी नगर और कमला नगर में बॉडी ऑफेंस यानी मारपीट जैसे अपराध ज्यादा होते हैं।
वजह: क्षेत्र में 5 से ज्यादा स्लम एरिया हैं। ज्यादातर वारदात नशे के कारण।

एसीपी हबीबगंज
हबीबगंज, शाहपुरा और अशोका गार्डन इस संभाग में आते हैं। यहां संपत्ति संबंधी अपराधों का औसत कम है, लेकिन घरेलू हिंसा की शिकायतें ज्यादा आती हैं।
वजह: स्लम एरिया ज्यादा हैं। शाम को ज्यादातर घरेलू हिंसा के मामले आते हैं।

एसीपी जहांगीराबाद
इस संभाग में जहांगीराबाद, ऐशबाग और बजरिया थाना क्षेत्र आते हैं। बॉडी ऑफेंस की संख्या यहां पिछले साल के मुकाबले घटी भले ही हो, फिर भी मारपीट के अब तक 44 मामले सामने आ चुके हैं।
वजह: घनी आबादी वाले क्षेत्र ज्यादा हैं। मारपीट भी दोपहर के बाद ही ज्यादा हुई है।

डीसीपी जोन-2 संपत्ति संबंधी अपराध ज्यादा

एसीपी एमपी नगर
इस संभाग में एमपी नगर और अयोध्या नगर थाने हैं। अयोध्या नगर में संपत्ति संबंधी और एमपी नगर थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी के अपराध आए दिन होते हैं।
वजह: व्यवसायिक गतिविधियां ज्यादा हैं

एसीपी गोविंदपुरा
इस संभाग में गोविंदपुरा, अवधपुरी और पिपलानी थाने आते हैं। यहां ज्यादा अपराध संपत्ति संबंधी होते हैं।
वजह: खुले क्षेत्र ज्यादा हैं, जिनमें नई कॉलोनियां भी बसती जा रही हैं।

एसीपी मिसरोद
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इस संभाग में मिसरोद, बागसेवनिया और कटारा हिल्स थाने हैं। चोरी की वारदात ज्यादा होती है।
वजह: ज्यादा कॉलोनियों के कारण संपत्ति संबंधी अपराधी इस क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं।

डीसीपी जोन-3 चोरियां और बॉडी ऑफेंस बढ़े

एसीपी शाहजहांनाबाद​​​​​​​
संभाग में कोहेफिजा, शाहजहांनाबाद और टीला जमालपुरा थाना है। कोहेफिजा में चोरियां तो शाहजहांनाबाद में एक महीने में ही छह जानलेवा हमले हुए हैं।
वजह: कोहेफिजा में बड़ी कॉलोनियां ज्यादा हैं, जबकि शाहजहांनाबाद में स्लम एरिया।

एसीपी हनुमानगंज
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संभाग में हनुमानगंज, मंगलवारा और गौतमनगर थाना है। कभी इस संभाग में वाहन चोरियों का ग्राफ ज्यादा था, लेकिन अब घर-दुकानों में चोरियां दोगुनी बढ़ी हैं।
वजह: रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, व्यापारिक प्रतिष्ठान होने से संपत्ति संबंधी अपराध ज्यादा

एसीपी कोतवाली
तलैया और कोतवाली थाने इस संभाग में हैं। यहां संपत्ति संबंधी अपराध ज्यादा हैं। तलैया में वाहन चोरी का ग्राफ बढ़ा है।
वजह: कोतवाली थाना क्षेत्र में व्यापारिक प्रतिष्ठान ज्यादा हैं। इसलिए यहां फ्लोटिंग पॉपुलेशन ज्यादा रहती है, जिससे वाहन चोरी या दुकानों में चोरी होती हैं।

डीसीपी जोन-4 चोरियों की वारदातें बढ़ गईं

एसीपी निशातपुरा
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निशातपुरा, छोला मंदिर और गांधी नगर इस संभाग में हैं। घर-दुकानों में चोरियों में दोगुना इजाफा हुआ है।
वजह: नई कॉलोनियां डेवलप हो रही हैं, पूरा क्षेत्र हाइवे या बायपास के करीब है।

एसीपी चूना भट्‌टी
कोलार और चूना भट्टी क्षेत्र में घर-दुकानों में चोरी थोड़ी बढ़ी हैं, लेकिन वाहन चोरी में छह गुना तक इजाफा हुआ है।
वजह: कोलार क्षेत्र 45 वर्ग किमी में फैला है, करीब 5 लाख आबादी यहां बसी है।

एसीपी बैरागढ़
इस संभाग में बैरागढ़ और खजूरी सड़क थाने हैं। बैरागढ़ में वाहन चोरियां घटी हैं। खजूरी सड़क में सड़क हादसे ज्यादा होते हैं।
वजह: हाइवे होने के कारण खजूरी सड़क में हादसे ज्यादा होते हैं।

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