सियासत को बड़ा ‘रोजगार’ दे रहे बेरोजगार … सबसे बड़ा मुद्दा- बेरोजगारी; हर चुनाव में लाखों नौकरियों का वादा…देते कम, दोहराते ज्यादा हैं सियासी दल
प्रदेश में बह रही सियासी बयार में बेरोजगारी के बवंडर फिर से उठने लगे हैं। सूबे के बेरोजगार फिर से राजनीतिक दलों के चहेते बन गए हैं, उनसे लाखों की संख्या में रोजगार देने के वादे किए जा रहे हैं। इलेक्शन में सियासत की बड़ी खुराक और राजनेताओं का बड़ा रोजगार बन गए हैं बेरोजगार, जिनके पास 99.35 लाख वोट हैं।
पंजाब की जनता ने दैनिक भास्कर के सर्वे में बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बताया था। पड़ताल में सामने आया- सूबे में कुल 2.14 करोड़ वोटरों में 99.35 लाख (46%) 18 से 40 आयु वर्ग के हैं। पंजाब में 22 लाख युवा बेरोजगार हैं। सरकार के अधिकृत पंजाब घर-घर रोजगार पोर्टल पर 19,464 रोजगार बताए गए हैं। इनमें 10,552 सरकारी और 8912 प्राइवेट हैं। 13,38,603 युवा रोजगार के लिए पंजीकृत हैं। इन्हें नौकरी मिली है, उनका वेतन भी 8-10 हजार रुपए है। लोग जमीनें बेचकर विदेश जा रहे हैं। 15 लाख लोग कनाडा, अमेरिका, जापान, इग्लैंड, न्यूजीलैंड जा चुके हैं। फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह कुलार कहते हैं- सरकार इंडस्ट्री डेवलप कर दे तभी रोजगार के वादे पूरे कर सकती है। हर साल बेरोजगारों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
बेरोजगारी दिखा रही 3 सर्वे रिपोर्ट
- 1. सीएमआईई : मार्च,2016 में बरोजगारी दर 2.6% तो अप्रैल में 1.8% थी, जो 5 साल में सबसे निचले स्तर पर रही। जनवरी-22 की बेरोजगारी दर 9% है।
- 2. केंद्रीय सर्वेक्षण : राज्य में बेरोजगारी की दर 7.4% है। केंद्रीय बेरोजगारी दर 4.8% बताई गई है। हरियाणा की बेरोजगारी दर 6.9% कर दी है, जबकि पंजाब मात्र 7.8% से 7.4% तक ही पहुंचा है। पंजाब में हायर सेकेंडरी पास की बेरोजगारी दर 15.8% तो डिप्लोमा सर्टीफिकेट की बेरोजगारी दर 16.4 और पोस्ट ग्रैजुएट की दर 14.1% है।
- 3. सेंटर फॉर रिसर्च इन रूरल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट : पंजाब में इस समय 22 लाख बेरोजगार युवा हैं।