अंग्रेजी सिखाकर अरबपति बनने वाले दो दोस्तों की कहानी … 2009 में 3 लोग चलाते थे ग्रामरली, अब 3 करोड़ यूजर्स; नेटवर्थ 18 हजार करोड़ रुपए

ब्लूमबर्ग बिलियेनर्स इंडेक्स के अनुसार, ग्रामरली के दो संस्थापकों मैक्स लिट्विन और एलेक्स शेवचेंको की नेट वर्थ आज करीब 2.4 अरब डॉलर (करीब 18 हजार करोड़ रुपए) है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक इस समय फंडिग राउंड में हिस्सा लेने वाले बैंकर्स के पास 23 फीसदी हिस्सेदारी है। व्याकरण सुधारने की ऑनलाइन सेवा देने वाली ग्रामरली के प्रमुख हैं ब्रैड हूवर। वह चाहते हैं कि दुनिया बेहतर अंग्रेजी लिखे। इसी के साथ उन्हें ग्रामरली का आइडिया आया। साल 2009 में 3 लोगों की टीम के साथ इसे शुरू किया।

हूवर ने अपने या ग्रामरली के तीसरे सह-संथापक दिमित्रो लीडर के बारे में बताने से इनकार किया। आज कंपनी में 600 से अधिक लोग सेवा दे रहे हैं। दुनियाभर में के 3 करोड़ से अधिक यूजर्स रोजाना ग्रामरली का उपयोग करते हैं। ग्रामरली पहले से ही दुनिया में सबसे बड़े यूनिकॉर्न में से एक है।

पिछले नवंबर में कंपनी ने ब्लैकरॉक इंक और बैली गिफोर्ड सहित कई निवेशकों से 20 करोड़ डॉलर(करीब 1500 करोड़ रुपए) जुटाने में कामयाब रही थी। इस समय कंपनी का मूल्य 13 अरब डॉलर (करीब 97 हजार करोड़ रुपए) है।

साल 2019 में इसकी फंडिंग 2 अरब डॉलर (करीब 15000 करोड़ रुपए) से अधिक थी। ऐसा कुछ महीने पहले ही था, जब कोविड 19 की वजह से लाखों कर्मचारियों को विस्थापित कर दिया गया था और उन्हें घर से सहकर्मियों के लिए टाइप करने के लिए छोड़ दिया गया था। लिट्विन कहते हैं कि शुरुआती दिनों में ग्राहक सेवा को प्राथमिकता दी थी। साल 2014 से कंपनी को कामयाबी मिलनी शुरू हो गई।

कीव में दोस्त बने थे शेवचेंको और लिट्विन
1990 के दशक के अंत में कीव के इंटरनेशनल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का अध्ययन करते हुए शेवचेंको और लिट्विन दोस्त बन गए। ग्रामरली का विचार पिछली कंपनी से आया था, जिसे उन्होंने साहित्यिक चोरी को रोकने में मदद करने के लिए बनाया था।

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