अब सत्य के प्रति आग्रह नहीं रहा, सुविधाजनक समझौते से चल रहे हैं कामकाज

गौरतलब है कि इंदौर के एक शख्स सुमन चौरसिया के पास लता द्वारा गाए लगभग सारे गीत हैं। अहमदाबाद में ग्रामोफोन सुनने वालों का एक क्लब है, जिसके सदस्य प्रतिदिन कुछ समय क्लब में गीत सुनते हैं। बहरहाल, कहने का मतलब यह है कि लोगों को विविध शौक होते हैं। कुछ लोग इनका लाभ भी उठाते हैं। एक शख्स थे पी.टी बरनम। पी.टी ने यह समझ लिया कि आम आदमी को मिरेकल की बड़ी उम्मीद होती है।

वह चाहता है कि किसी जादुई ढंग से उसकी सारी बीमारियां दूर हो जाएं और वह गरीबी दूर हो जाए, जिसकी कोख से ही सारी बीमारियां जन्म लेती हैं। मनुष्य की इसी इच्छा का लाभ उठाने के लिए जादू टोना और टोटकों का व्यवसाय चल पड़ता है। छोटे कस्बों की दीवारों पर कमजोरी दूर करने की दवा के विज्ञापन दिए होते हैं। इसी विषय पर आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ बनी थी।

रमेश सिप्पी की ‘शान’ में पानी पर चलने वाले बाबा का रोचक प्रसंग प्रस्तुत किया गया था। ज्ञातव्य है कि अनार्जित धन पाने की इच्छा पर कई घटनाएं घटी हैं और अफसाने रचे गए हैं। ‘बिलीव इट ऑर नॉट’ नामक रिकॉर्ड बुक में इस तरह की चीजें दर्ज हैं। इसी तरह एक ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड’ भी है। बहरहाल, सुमन चौरसिया ने जीवन भर की कमाई अपने ऑडियो संकलन में लगा दी है।

इसी तरह जयपुर के एक सज्जन ने आवारा पशुओं को चारा देना प्रारंभ किया। धीरे-धीरे जानवरों की संख्या इतनी बढ़ गई की उनकी पत्नी ही उन्हें छोड़कर चली गई। इस तरह की घटनाओं का विवरण देने वाली किताब का नाम है ‘स्कवॉयर पेग इन राउंड होल’। एक गोलाकार छेद वाले टेबल में चपटा खाना। गौरतलब है कि कभी-कभी गीत बनाने वाली कंपनी में दोष रह जाता है।

एक बार एक गायिका का गीत अन्य गायिका के नाम से बजाया गया। वहीं एक इनाम जीतने वाली प्रतियोगिता में कबीर का भजन मीरा के भजन के नाम से प्रतियोगी ने गाया और उसे पुरस्कार भी दिया गया। त्रुटि बताने वाले से क्षमा मांगी गई कि इस बात को वह प्रचारित नहीं करे अन्यथा कार्यक्रम बंद होगा और पुरस्कार जीतने वाले कमजोर आय वर्ग के लोगों के हाथ से एक अवसर निकल जाएगा।

दरअसल सत्य के प्रति आग्रह नहीं रहा, अब एक सुविधाजनक समझौते से कामकाज चल रहे हैं। पी टी बरनम ने एक बार एक सुनसान जगह पर जहां वृक्ष तो दूर जंगल घास भी नहीं होती थी वह जगह खरीदी। वे रात में वहां एक गड्ढा खोदता रहे। कुछ दिनों बाद उन्होंने गड्ढे में सूखी घास बिछाई। उस घास पर पानी में डुबोकर निकाले गए चने बिछा दिए। कुछ दिन तक वे चनों पर पानी डालते रहे।

उन्होंने खबरें जारी करवाईं की उस बियांबान पर एक मिरेकल घट सकता है। वहां भीड़ प्रायोजित की। भीगे हुए चने यथेष्ठ पानी पीकर फैले और उनके साथ एक पवित्र धार्मिक प्रतीक धरती पर बाहर आया। अब आराधना करने वालों ने जमीन के महंगे दाम देकर जमीन खरीदी। पी टी बरनम ने एक मरा हुआ जम्बो हाथी खरीदा और एक ट्रेन किराए पर ली। उस पर मरा हुआ हाथी रखा।

लाश सड़ न जाए इसलिए ऐसी दवाओं से मृत हाथी की देह को लंबे समय तक कायम रखा। वह मृत हाथी जगह-जगह प्रदर्शित किया गया, जिसे देखने के लिए टिकट खरीदे गए। उम्रदराज होने पर बरनम ने खबर जारी की कि ताउम्र उसने प्रचार किया, अजूबे रचे और धन कमाया। वह जानना चाहता है कि उसकी मृत्यु के बाद अखबार क्या लिखेंगे।

गोयाकी वह अपनी श्रद्धांजलि अपने जीवन काल में पढ़कर मरना चाहता है। तमाम प्रकाशकों ने एक तय दिन बरनम की श्रद्धांजलि का प्रकाशन किया। इसके कुछ दिन बाद पी टी बरनम की मृत्यु ऊब के कारण हुई परंतु मृत्यु का कारण हृदयाघात प्रचारित किया गया। अतः मनुष्य नामक पहेली अबूझ है लेकिन रहस्यमय बने रहना भी जरूरी है।

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