150 एनकाउंटर कर चुके अमिताभ यश ADG लॉ एंड ऑर्डर !

150 एनकाउंटर कर चुके अमिताभ यश ADG लॉ एंड ऑर्डर …
यूपी STF की कमान भी संभालेंगे, प्रशांत कुमार के DGP बनने के बाद पद खाली था
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं। अमिताभ के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अफसर थे। 

यूपी STF के चीफ अमिताभ यश को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। शुक्रवार को शासन ने इसका आदेश जारी किया। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के डीजीपी बनने के बाद यह पद खाली था। यूपी पुलिस में तेज तर्रार छवि रखने वाले IPS अमिताभ यश ने ददुआ से लेकर ठोकिया तक के एनकाउंटर में अहम भूमिका निभाई। हाल में विकास दुबे से लेकर अतीक अहमद का किला ढहाने में अहम योगदान रहा है।

यूपी में माफिया राज खत्म करने में STF में रहते हुए अमिताभ यश ने कई अपराधियों को जेल पहुंचाया। अमिताभ यश के नाम 150 से ज्यादा अपराधियों का एनकाउंटर करने का रिकॉर्ड है। 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं। अमिताभ के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अफसर थे।

अब आपको अमिताभ यश की कहानी पढ़वाते हैं…

अमिताभ यश साल 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं।
अमिताभ यश साल 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं।

आईआईटी कानपुर से एमएससी, पत्नी IFS
अमिताभ यश ने दिल्‍ली के सेंट स्‍टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है। वह सबसे पहले संतकबीरनगर के कप्तान बने थे। इसके साथ ही कानपुर, हरदोई, नोएडा, बाराबंकी, महराजगंज, सहारनपुर, सीतापुर समेत कई जिलों में कप्तान रहे हैं। 11 अप्रैल 1971 को जन्मे अमिताभ ने आईआईटी कानपुर (IIT) से एमएससी पढ़ाई पूरी की है। वह अपने पहले ही प्रयास में आईपीएस बने थे। अमिताभ यश की पत्नी रेणु सिंह भारतीय वन सेवा की अधिकारी हैं। वह नेशनल जूलॉजिकल पार्क (NZP) नई दिल्ली की निदेशक रह चुकी हैं।

थाने में ही पढ़ाई, कुख्यात डाकुओं का किया सफाया
अमिताभ यश के पिता डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे। बताते हैं कि पिता की तैनाती के चलते अमिताभ यश के बचपन का एक बड़ा समय थाना परिसर में बने पुलिस आवासों में बीता। जाहिर है, इस दौरान उन्हें पुलिस के काम को काफी नजदीक से देखने का मौका मिला। उनका ज्यादातर बचपन थाने में ही बीता। थाना परिसर में रहते अमिताभ, बचपन से ही फोर्स से काफी लगाव महसूस करने लगे थे। उसी दौर में उनके मन में पुलिस अफसर बनने की इच्छा घर कर गई।

हालांकि, बताया जाता है कि उनके पिता उनके पुलिस डिपार्टमेंट जॉइन करने को लेकर बहुत उत्सुक नहीं थे। हालांकि, जब अमिताभ पुलिस सर्विस में ही आए। तब पिता ने उन्हें पुलिस के काम की बारीकियां सिखाईं। अमिताभ यश के ससुर भी आईपीएस अधिकारी रहे हैं।

अमिताभ को साल 2007 में मायावती सरकार में एसटीएफ में बतौर एसएसपी शामिल किया गया था।
अमिताभ को साल 2007 में मायावती सरकार में एसटीएफ में बतौर एसएसपी शामिल किया गया था।

2007 में मिली एसटीएफ की कमान
आईपीएस अमिताभ यश के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। वह ठोकिया और ददुआ जैसे यूपी के कुख्यात डाकुओं के सफाए के लिए जाने जाते हैं। अमिताभ को साल 2007 में मायावती सरकार में एसटीएफ में बतौर एसएसपी शामिल किया गया था। उस दौर में बुंदेलखंड इलाके में ददुआ का काफी आतंक था। एसटीएफ में आने के बाद अमिताभ यश ने ददुआ के खिलाफ अभियान छेड़ दिया था। ददुआ के सफाए के बाद उन्होंने ठोकिया के खिलाफ अभियान चलाया। उसे भी एक मुठभेड़ में मार गिराया गया।

अमिताभ यश का कहना है कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की कर्तव्य के जज्बे से भरा हर पुलिस कर्मी सुपर कॉप है। अमिताभ के निर्देशन में बीहड़ में तैनाती के दौरान एसटीएफ टीमों ने लगभग 18 गिरोहों का सफाया किया। साथ ही फिरौती के लिए अपहरण करने वाले 100 से अधिक अपराधियों को मार गिराया। एसटीएफ और एसएसपी के सवा दो साल के कार्यकाल में 65 से अधिक अपराधियों का सफाया किया था।

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