भारत में हेट स्पीच …. खतरनाक स्तर पर पहुंची नफरत की जुबान, मुस्लिमों के साथ रोहिंग्याओं की तरह बर्ताव करने का आह्वान

भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हेट स्पीच के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले दिनों धर्म संसद में इसी तर्ज पर भाषण हुए। यहां के एक मंदिर में पुलिस अफसर पहुंचे और संतों को नफरत की इस भाषा का इस्तेमाल बंद करने की चेतावनी दी। इसके कुछ दिन पहले कुछ संतों ने मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए थे। उनके नरसंहार की बातें की गईं थीं। और उनके साथ वही सलूक करने को कहा गया जो म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ होता है।

इस संत समागम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो देशभर में गुस्से की लहर फैल गई। इसका आयोजन यती नरसिंहानंद ने किया था। वे भड़काऊ भाषणों के लिए पहले ही बदनाम रहे हैं। अब वो कहते हैं- ये पक्षपात है। इसके साथ ही बाकी संत और पुलिस अफसर हंस पड़ते हैं।

गाजियाबाद के दसना देवी मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा।
गाजियाबाद के दसना देवी मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा।

कट्टरपंथ का फैलता जहर
कट्टरपंथी अब हिंसा फैलाने वाली हरकतें कर रहे हैं। सांप्रदायिकता और नफरत फैलाने वाली बातें कही जा रही हैं। ये लोग भारत के सेक्युलर स्टेट की इमेज को हिंदू स्टेट में बदलना चाहते हैं। इन मामलों को कहीं न कहीं सियासी दल और कानूनी एजेंसियां भी बढ़ावा दे रही हैं।

जब संतों ने हथियार उठाने की बात कही तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के बड़े नेता चुप रहे। उपराष्ट्रपति ने जरूर कहा कि लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काना देश के खिलाफ अपराध है। उन्होंने भी हरिद्वार धर्म संसद में दिए भड़काऊ भाषणों का जिक्र नहीं किया। मोदी की पार्टी के जूनियर लीडर्स ने इस धर्म संसद में शिरकत की थी। इसमें शामिल संतों के साथ उनके फोटो भी हैं।

दसना देवी मंदिर में लगा एक पोस्टर। इसमें नरसिंहानंद ने हिंदुओं से पांच बच्चे पैदा करने को कहा है।
दसना देवी मंदिर में लगा एक पोस्टर। इसमें नरसिंहानंद ने हिंदुओं से पांच बच्चे पैदा करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज क्या कहते हैं…
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस फाली नरीमन इन हरकतों का विरोध करते हैं। नरीमन ने कहा- ये लोग नफरत की जुबान बोल रहे हैं। वास्तव में ये एक पूरे समुदाय के नरसंहार की मांग कर रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी कुछ ठोस नजर नहीं आता। बदकिस्मती से सत्ताधारी न सिर्फ इन मामलों पर चुप हैं, बल्कि एक तरह से इन भाषणों को समर्थन दे रहे हैं।

नरसिंहानंद जब वॉर्निंग के बाद भी नहीं माने तो उन्हें गिरफ्तार किया गया। उनके वकील उत्तम सिंह चौहान ने कहा- उनका भाषण तो हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिम धर्मगुरुओं के भाषणों का रिएक्शन था। भाजपा ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

दसना देवी के इस मंदिर में लगे बैनर में साफ कहा गया है कि यहां मुस्लिम नहीं आ सकते, यह हिंदू धर्मस्थल है।
दसना देवी के इस मंदिर में लगे बैनर में साफ कहा गया है कि यहां मुस्लिम नहीं आ सकते, यह हिंदू धर्मस्थल है।

रिएक्शन भी कैसी
विश्व हिंदू परिषद के विनोद बंसल कहते हैं, ‘क्या प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को हर छोटे मुद्दे पर बोलने की जरूरत है। आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सेक्युलर ग्रुप्स हमेशा इस तरह के मुद्दों को हाईलाइट करते हैं। ये तब नहीं बोलते, जब हिंदू देवी-देवताओं पर हमले होते हैं।

हेट स्पीच वहां तनाव बढ़ा रही हैं, जहां छोटी घटनाएं भी कम्युनल शक्ल अख्तियार कर लेती हैं। संतों का एजेंडा इसी तरह के ग्रुप्स को हवा दे रहा है। ये लोग गाय का अपमान करने वालों को मारते हैं, ट्रेन से निकालकर कपल्स के साथ मारपीट करते हैं। इस आरोप में कि मुस्लिम शख्स हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर ले जा रहा है। धर्मांतरण का आरोप लगाकर धार्मिक कार्यक्रमों में घुस जाते हैं।’

2020 के इस फोटो में कुछ लोग महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तस्वीर पर माला चढ़ा रहे हैं।
2020 के इस फोटो में कुछ लोग महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तस्वीर पर माला चढ़ा रहे हैं।

मानवाधिकार संगठनों की नजर
हालिया हफ्तों में ग्लोबल ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन्स का ध्यान भी इन हरकतों की तरफ गया है। कुछ पूर्व सुरक्षा अधिकारी भी चेतावनी दे रहे हैं कि कट्टरपंथियों की हरकतें नए खतरनाक हालात पैदा कर रही हैं। वे दक्षिणपंथी सोशल मीडिया के जरिए नफरत बढ़ा रहे हैं और सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचा रही है। एक छोटा विवाद बड़ी शक्ल ले सकता है, फिर इसे रोकना मुश्किल हो जाएगा।

‘जेनोसाइड वॉच’ नामक नॉन प्रॉफिट ग्रुप के फाउंडर ग्रेगरी स्टैंटन ने 1990 के दशक में रवांडा को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस की ब्रीफिंग में भारत में इसी तरह के खतरे और नरसंहार को लेकर आगाह किया है। एक इंटरव्यू में ग्रेगरी ने म्यांमार की मिसाल दी और चेताया कि सोशल मीडिया के जरिए नफरत कैसे फैलती है और भारत में तो सेना की जगह भीड़ कार्रवाई करती है। भारत को यह सिलसिला रोकना होगा। क्योंकि, अगर भीड़ ने फैसले करने शुरू कर दिए तो हालात बेहद भयावह हो जाएंगे।

30 जनवरी को नई दिल्ली में महात्मा गांधी के स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
30 जनवरी को नई दिल्ली में महात्मा गांधी के स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

धर्म युद्ध
नरसिंहानंद उत्तर प्रदेश के दसना देवी मंदिर के पुजारी हैं, वो लोगों से कहते हैं कि वो धर्म युद्ध के लिए तैयार रहें। एक बार उन्होंने कहा था- हिंदू मेरे शेर हैं और वो हथियारों का महत्व जानते हैं। ठीक वैसे ही जैसे एक समर्पित पत्नी अपने पति का महत्व जानती है। इस मंदिर में मुस्लिमों की एंट्री बैन है। नरसिंहानंद का गुस्सा भारत के बंटवारे से भी जुड़ा है। इसमें हजारों लोग मारे गए और मजहब के आधार पर पाकिस्तान बना। भारत को धर्म निरपेक्ष यानी सेक्युलर देश बना दिया गया। धर्म संसद में महात्मा गांधी के हत्यारों की तारीफ की गई। इसमें महिला संत पूजा शकुन पांडे भी शामिल थीं। अब गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ करने वालों की तादाद भी बढ़ रही है।

मोदी ने दशकों तक आरएसएस के लिए काम किया। यह दक्षिणपंथी संगठन है। गोडसे इसी संगठन के थे। इसके कार्यकर्ता वोटरों को जुटा रहे हैं ताकि जनाधार बढ़ाया जा सके और सियासी जीत दर्ज की जा सके। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब सांप्रदायिक घटनाएं हुईं थीं और इनमें कई लोगों की मौत हुई थी।

2002 में एक ट्रेन में आग लगा दी गई थी और इसमें 59 हिंदू श्रद्धालु मारे गए थे। हालांकि, आग कैसे लगी, इस पर विवाद है, लेकिन भीड़ ने मुस्लिमों पर हमला कर दिया और करीब एक हजार लोग मारे गए। कई को जिंदा जला दिया गया।

स्वामी अमृतानंद हरिद्वार धर्म संसद के आयोजकों में से एक हैं। वे यहां की गई भाषणबाजी का बचाव करते हैं।
स्वामी अमृतानंद हरिद्वार धर्म संसद के आयोजकों में से एक हैं। वे यहां की गई भाषणबाजी का बचाव करते हैं।

हिंदूवादी हैं मोदी
मोदी विपक्ष और अधिकार संगठनों के निशाने पर रहे हैं। हालांकि, वो इन आरोपों को खारिज करते हैं। वो 2014 में इकोनॉमिक ग्रोथ का वादा करके सत्ता में आए। हालांकि, वो अक्सर हिंदू फर्स्ट का एजेंडा लेकर चलते नजर आते हैं और इससे सांप्रदायिकता को बढ़ावा मिलता है। 2017 में मोदी ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंप दी। योगी पर पहले ही हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप हैं। योगी ने शादी के लिए धर्म बदलने पर कानूनी तौर पर रोक लगा दी। इसे वो लव जिहाद कहते हैं। उनका संगठन मोरल पुलिसिंग कर रहा है। दूसरे मजहब में शादी करने वालों को धमकाया जा रहा है। गाय का अपमान करने वालों को सजा दे रहा है।

पिछले दिनों एक ग्रुप ने नई दिल्ली में एक मीटिंग की। इसमें देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही गई और मंच के पीछे योगी का पोस्टर लगा था। आदित्यनाथ के दफ्तर ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उनका इस मीटिंग से कोई वास्ता नहीं।

हरिद्वार मेले के आयोजक प्रदीप झा भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाए जाने के विचार का समर्थन करते हैं।
हरिद्वार मेले के आयोजक प्रदीप झा भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाए जाने के विचार का समर्थन करते हैं।

कट्टरपंथी हावी हो रहे हैं
हिंदू राष्ट्रवाद पर अध्यन करने वाले लेखक धीरेंद्र के. झा कहते हैं कि भारतीय राजनीति पर अब कट्टरपंथी हावी हो रहे हैं। झा के मुताबिक- अगर इसे नहीं रोका गया तो इसके क्या नतीजे होंगे? इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते और मैं तो इसकी कल्पना करने की हिम्मत भी नहीं कर सकता।

हरिद्वार जैसी जगह पर धर्म संसद का आयोजन एक रणनीति के तहत किया गया, क्योंकि यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। सबसे बड़े धार्मिक समागम का आयोजन करने वाले प्रदीप झा कहते हैं कि वो भी हिंदू राष्ट्र को मानते हैं। इसके लिए हिंसा नहीं होनी चाहिए, बल्कि मुस्लिमों को फिर से हिंदू धर्म अपना लेना चाहिए। झा ने कहा- हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए धैर्य और शांति की जरूरत है। इसके अलावा दूसरों से हमारा कोई मतभेद भी नहीं है।

नरसिंहानंद का विचार अलग है। उनके मुताबिक, देश के 15% मुसलमान एक दशक में इस देश को मुस्लिम राष्ट्र में बदल देंगे। इससे निपटने के लिए वो समर्थकों से कहते हैं कि मरने के लिए तैयार रहो। वो तालिबान और इस्लामिक स्टेट को रोल मॉडल मानते हैं। 2020 में नरसिंहानंद सीएए बिल के समर्थन में उतरे थे और उन्होंने हिंसा का समर्थन किया था। इसे आखिरी जंग करार दिया था। आंदोलनकारियों को जिहादी बताया था और उन्हें खत्म करने की मांग की थी। बाद में दिल्ली में दंगे हुए और 50 लोग मारे गए।

हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन एक रणनीति के तहत किया गया। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।
हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन एक रणनीति के तहत किया गया। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।

नरसिंहानंद को पिता कट्टरपंथी मानते
नरसिंहानंद के 82 साल के पिता राजेश्वर दयाल त्यागी अपने बेटे को कट्टरपंथी नहीं मानते। उनके मुताबिक, वो बहुत होनहार छात्र थे और उन्हें मॉस्को में फूड टेक्नोलॉजी पर रिसर्च के लिए स्कॉलरशिप भी मिली थी। वहां उन्होंने हिंदू छात्रों के लिए शाकाहारी भोजनालय भी खोला था, ये अब भी चल रहा है। 1996 में वे भारत लौटे और कंम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू किया। इसके बाद बेटी और पत्नी को छोड़कर संन्यासी हो गए। दयाल कहते हैं- मुझे उनकी भाषा से दुख होता है, गुस्सा आता है। किसी के भी खिलाफ इस तरह की भाषा का उपयोग गलत है।

नरसिंहानंद ने एक वर्चुअल इवेंट में कहा था- ये संविधान एक अरब हिंदुओं को खत्म कर देगा। जो भी इस सिस्टम, सुप्रीम कोर्ट और इन नेताओं पर भरोसा रखता है। वो सब मारे जाएंगे। जब पुलिस उनके एक सहयोगी को गिरफ्तार करने पहुंची तो उन्होंने अफसर को ही धमकी दे दी। कहा- तुम सब मारे जाओगे। पुलिस ने उन्हें 15 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया। उनके एक सहयोगी स्वामी अमृतानंद कहते हैं- उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा था। हम भी वही कर रहे हैं जो अमेरिका और ब्रिटेन कर रहे हैं। हथियारों की बात गलत नहीं है। 10 या 12 साल में भारत में भी बड़ी जंग होने वाली है।

तस्वीर पिछले साल अप्रैल की है। हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने के लिए हजारों लोग जुटे थे।
तस्वीर पिछले साल अप्रैल की है। हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने के लिए हजारों लोग जुटे थे।

नरसिंहानंद को रिहा करने की मांग
पिछले महीने के आखिर में उत्तर प्रदेश में एक आयोजन हुआ। यहां भी हिंदू राष्ट्र की बात के साथ नरसिंहानंद को रिहा करने की मांग हुई। पांडे कहती हैं- हमें खुद की हिफाजत के लिए तैयार रहना होगा। हरिद्वार पुलिस यूपी में हुए धार्मिक आयोजन को दूसरी धर्म संसद की तरह नहीं देखती। यहां के सीनियर पुलिस अफसर राकेंद्र सिंह कठैत कहते हैं- नरसिंहानंद जेल में हैं क्योंकि उन्होंने इसी शहर में दोबारा कट्टरपंथी भाषण दिया था। शकुन पांडे को चेतावनी दी गई है। अब अगर वो कोलकाता जाकर कुछ कहती हैं तो उसे यहां के भड़काऊ भाषण से नहीं जोड़ा जा सकता।

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