रिश्वतखोर अफसरों को रंगेहाथ पकड़वा रहे गांव के युवा ?
खेत का सीमांकन, बंटाकन, नामांतरण हो या अन्य किसी सरकारी विभाग से जुड़ा काम। नौजवानों को अफसर-कर्मचारियों द्वारा सरकारी काम के बदले रिश्वत मांगना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा है। 28 से लेकर 38 साल तक के युवक अधेड़ उम्र के अफसर-कर्मचारियों को रिश्वत मांगने पर रंगेहाथ पकड़वा रहे हैं।
लोकायुक्त संगठन द्वारा इस साल 25 अफसर, कर्मचारियों को घूसखोरी में रंगेहाथ पकड़ा गया है। इनमें से 18 मामले ऐसे हैं जिनमें पीड़ित नौजवान हैं। 200 किमी इंदौर जाकर अफसरों के घूस मांगने की शिकायत ना केवल कर रहे हैं बल्कि उन्हें दफ्तर में ट्रेप भी करवा रहे हैं।
दो हजार रुपए की डिमांड हो या एक लाख तक की, पीड़ित अपने गाड़ी कमाई का एक रुपया भी घूस के रूप में देने को तैयार नहीं हैं। लोकायुक्त एसपी डॉ. राजेश सहाय के मुताबिक जो भी पीड़ित आ रहे हैं वह कहते हैं माता-पिता, भाई ने मेहनत करके पैसा कमाया, ऐसे रिश्वत के रूपए उन्हें कैसे दे दें। हम उनकी व्यथा सुनकर पूरी मदद करने का प्रयास करते हैं।
केस-1 : पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बदले रिश्वत मांग रहा था
दिनेश ने सरकारी डॉक्टर को 50 हजार की रिश्वत लेते पकड़वाया। डॉ. अर्पित नायक पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के बदले रिश्वत मांग रहा था। पहले दिनेश ने कहा कि कि अभी-अभी डॉक्टर बने हो, नौजवान हो। तुमको रिश्वत चाहिए।
केस-2 : भोजन का पैसा जारी करने मांगी रिश्वत
पिंकी पवार (39) निवासी अंजड़(बड़वानी) का स्व सहायता समूह स्कूली बच्चों को भोजन मुहैया कराता है। स्टार स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की जागृति और सौजन्य जोशी फंड के बदले रिश्वत मांग रही थीं। जिन्हें पकड़ लिया गया।
केस-3 : फर्जी शिकायत को दबाने के बदले घूस मांगी
27 साल के गोरेलाल की मां फुलाबाई गांव की सरपंच हैं। उनकी शिकायत उप सरपंच ने सीईओ से की थी। शिकायत को दबाने सीईओ काशीराम कानूड़े ने 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। गोरेलाल ने उनको रंगेहाथ पकड़वाया।
केस-4 : आरक्षक ने समन तामिल कराने 10 हजार मांगे इसलिए पकड़वाया
30 साल की रजनी जाटव के पति का निधन हो गया। दंपत्ति का एक बेटा है, जिसे दादा-दादी के द्वारा मां को नहीं दिया जा रहा था। रजनी ने इसकी शिकायत इंदौर कलेक्टर से की। एसडीएम ने समन जारी किया तो बाणगंगा थाने गया। आरक्षक हरिसिंह गुर्जर ने तामिल कराने के बदले रजनी से 10 हजार रुपए मांगे। आखिर में उसे ट्रैप कराया।