हर शहर की एक थीम होगी …? स्मार्ट सिटी के बाद अब देश में 8 न्यू सिटी; यहां स्कूल, अस्पताल और बाजार पैदल आ सकेंगे
इंदौर, देवास और ग्वालियर में जमीन का चयन, तीनों का प्रोजेक्ट बनाकर केंद्र को भेजेगी मप्र सरकार…
स्मार्ट सिटी के बाद अब केंद्र सरकार न्यू सिटी के नाम से शहरों के विकास का एक नया प्रोजेक्ट लेकर आ रही है। पहले चरण में देश भर में 8 न्यू सिटी बनना है। मप्र सरकार ने इंदौर के पास पीथमपुर (धार), देवास मे एयरोसिटी और ग्वालियर के विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के पास तीन न्यू सिटी के लिए जगह का चयन कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिली सहमति के बाद अब नगरीय विकास विभाग इसकी विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज रहा है। किस शहर के पास न्यू सिटी बसेगी, इसपर अंतिम फैसला केंद्र सरकार ही लेगी। हो सकता है केंद्र मप्र के तीनों शहर का चयन हो जाए।
विभाग के अफसरों का कहना है कि तीनों शहर का प्रस्ताव तीन अलग-अलग थीम को लेकर बनाया जायेगा। थीम को लेकर नगरीय विकास विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और अन्य अधिकारी इसी महीने के अंत तक बैठक करेंगे। जल्द इसपर निर्णय होगा।
जनसंख्या और रोजगार का दबाव
मध्यप्रदेश में नए शहरों का चुनाव वहां पर रोजगार के लिए दूसरे इलाकों से पलायन कर आने वाली आबादी और उपलब्ध साधन को देखकर किया गया है। इन शहरों में रोजमर्रा की सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए वाहन चलाने की जरूरत नहीं होगी। स्कूल, अस्पताल, पार्क, बाजार आदि इतनी दूरी पर होंगे कि आप पैदल आ-जा सकेंगे।
पैसा कहां से आएगा… 1000 करोड़ केंद्र देगा, बाकी खर्च राज्यों को उठाना पड़ेगा
लुटियंस की दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहरों को ध्यान में रखते हुए बनने वाली एक न्यू सिटी के विकास पर 1000 करोड़ रु. खर्च होंगे। दरअसल, 15 वें वित्त आयोग ने मिनिस्टरी ऑफ अर्बन डेवलपमेंट को 8000 करोड़ रुपए का बजट देश में आठ शहर विकसित करने के लिए स्वीकृत किया था।
जिसका उद्देश्य यह था कि देश में जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए नए शहर बसाए जाए। इसके तहत केंद्र ने सभी राज्यों से प्रस्ताव मांगा है। सभी राज्यों के प्रस्ताव से 8 शहर चुने जाएंगे। हर एक शहर के विकास के लिए केंद्र सरकार 1000 करोड़ का अनुदान देगी, जबकि बाकी का खर्च राज्य सरकार को उठाना पड़ेगा।
इंदौर में आबादी का दबाव, देवास में उद्योगों का फैलाव
इंदौर मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी है और यहां आबादी का दबाव बढ़ता जा रहा है। न्यू सिटी डेवलप करके उसे कम किया जा सकता है। इसी तरह इंदौर के पास होने के कारण देवास में भी उद्योग बढ़ते जा रहे हैं और वहां भी नए सिरे से डेवलपमेंट की जरूरत महसूस हो रही है। दिल्ली के पास होने के कारण ग्वालियर को एक मैग्नेट सिटी की तरह डेवलप किया जा रहा है।
स्मार्ट सिटी : भोपाल, इंदौर और जबलपुर में 95% काम पूरा, जल्द घोषित होंगे स्मार्ट
मध्य प्रदेश के 7 शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चल रहा है। सरकार का दावा है कि इनमें से भोपाल इंदौर और जबलपुर में 95 फीसदी प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। अगले कुछ महीनों में इन तीन शहरों को स्मार्ट घोषित किया जा सकता है।
प्रदेश के सातों शहरों के लिए कुल 4,203 करोड़ से अधिक की राशि जारी की गई है, जिसमें से 3,795 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार भोपाल स्मार्ट सिटी ने 95 प्रतिशत प्रोजेक्ट्स पूरे कर लिए हैं। सरकार ने भोपाल को 990 करोड़ दिए थे, जिसमें से 987.61 करोड़ खर्च हो चुके हैं। इंदौर ने 90 फीसदी प्रोजेक्ट पूरे करने में 885.45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।