वजन घटाने से जुड़े भ्रम और उनकी सच्चाई …. हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा- करते रहें पसंदीदा एक्टिविटी, मनपसंद खाना खाकर भी घटा सकते हैं वेट

लोग अपना वजन घटाने को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। इसके लिए वे तरह तरह के नुस्खे करते हैं। शाम 6 बजे के बाद कुछ भी न खाने पीने का नियम रखने, जिम में भरपूर पसीना बहाने की बात हो या फैट वाली खाने की चीजों से तौबा करने की- वजन घटाने के लिए अक्सर ऐसी सलाह दी जाती है। खुद को फिट रखने की चाह रखने वाले इन पर अमल भी करते हैं। लेकिन उम्मीदों के मुताबिक उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हो पाता।

ब्रिटिश हेल्थ एक्सपर्ट और ‘लूज वेट विदाउट लूजिंग योर माइंड’ के लेखक ग्रीम टॉमलिंसन कहते हैं कि वजन घटाने और खानपान के तरीकों को बदलने के लिए डाइट संबंधी इन मिथकों का पालन करने की कतई जरूरत नहीं है। ये सिर्फ डाइट करने वालों को भ्रमित और हताश करते हैं। टॉमलिंसन ने वेट लॉस को लेकर चले आ रहे मिथक और उनके सच के बारे में भी बताया है, पढ़िए…

सब का शरीर एक जैसा नहीं होता। हर किसी की शारीरिक जरूरतें अलग अलग होती हैं। ज्यादा कैलोरी खाकर अगर सक्रिय हैं तो भी वजन घटा सकते हैं।
सब का शरीर एक जैसा नहीं होता। हर किसी की शारीरिक जरूरतें अलग अलग होती हैं। ज्यादा कैलोरी खाकर अगर सक्रिय हैं तो भी वजन घटा सकते हैं।

मिथक-1: वेइंग मशीन गलत नहीं होती।
सच:
 मशीन पर वजन मांसपेशियों, पानी, खाना और कपड़ों को मिलाकर होता है। इनमें दैनिक या साप्ताहिक आधार पर बदलाव संभव है। कार्बोहाइड्रेट व नमक से शरीर में पानी का वजन नाटकीय रूप से बदलता है। वास्तविक बदलाव के लिए पुरानी तस्वीरों से खुद की तुलना करें।

मिथक-2: कार्बोहाइड्रेट से बचें, फैट घटेगा ।
सच:
 बैलेंस्ड डाइट में कार्बोहाइड्रेट जरूरी है। प्रोटीन, कार्ब्स और वसा साथ खा सकते हैं, जब तक कि कुल कैलोरी सेवन, कैलोरी बर्न से कम हो। वजन के अनुपात में रोजाना 1 ग्राम प्रोटीन खाना, फैट घटाने में मददगार है। क्योंकि प्रोटीन पाचन के दौरान शरीर ज्यादा कैलोरी बर्न करता है।

खुद को हेल्दी रखने के लिए खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
खुद को हेल्दी रखने के लिए खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

मिथक-3: फैट खाने से आप मोटे होते हैं।
सच: 
फैट खाकर भी वजन घटा सकते हैं। हमारा ध्यान कैलोरी पर होना चाहिए। हालांकि कार्बोहाइड्रेट वाली बैलेंस्ड डाइट की तुलना में हाई फैट वाली डाइट प्रोटीन और कैलोरी की मात्रा कंट्रोल करना थोड़ा ज्यादा मुश्किल बना सकती है।

मिथक-4: जिम जाने से ही वजन घटेगा।
सच: 
जिम वेट मैनेजमेंट का पर्याय बन गया है, जबकि कोई भी पसंदीदा गतिविधि वजन घटाने में मदद कर सकती है। क्योंकि इससे हम लक्ष्य पर बने रहते हैं। यहां तक कि पैदल चलना भी कैलोरी घटाने में योगदान देता है। महत्वपूर्ण यह है कि शुरुआत करें। पहले 15 मिनट करें, फिर धीरे-धीरे गतिविधि का समय बढ़ाते जाएं।

इन दिनों बॉडी फिट दिखाने का ट्रेंड है। इसके चलते लोग बिना सोचे समझे बहुत सी अफवाहों को भी सच मानकर उन पर अमल करने लगते हैं।
इन दिनों बॉडी फिट दिखाने का ट्रेंड है। इसके चलते लोग बिना सोचे समझे बहुत सी अफवाहों को भी सच मानकर उन पर अमल करने लगते हैं।

मिथक-5: शाम 6 बजे के बाद न खाएं।
सच: 
मेटाबॉलिज्म रुकता नहीं है। न ही दिन के वक्त के मुताबिक बदलता है। शाम 6 बजे बाद भी खा सकते हैं, अगर यह दिनभर की कुल कैलोरी से ज्यादा नहीं है। शाम के खाने में स्नैक्स ज्यादा खाते हैं तो फिर इसे घटाना होगा। कम कैलोरी वाले विकल्प चुनकर इस आदत को कंट्रोल कर सकते हैं। हालांकि नतीजे तत्काल नहीं दिखेंगे।

मिथक-6: वीगन होना सेहत के लिए अच्छा।
अगर आप ताजा, उच्च गुणवत्ता वाले एनिमल विटामिन और मिनरल्स वाली डाइट ले रहे हैं, जिसमें प्लांट बेस्ड भी शामिल हैं, तो वीगन होने पर डाइट से महत्वपूर्ण पोषक तत्व खत्म हो जाएंगे। इसके बजाय रोजाना फल-सब्जियों के 7-10 हिस्से बढ़ाएं तो समय के साथ ज्यादा फायदा मिलेगा।

मिथक-7: रोजाना 800 कैलोरी इनटेक से फायदा।
इस नियम पर लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल है, बीमारी का जोखिम भी है। सभी का शरीर अलग है, इसलिए जरूरतें भी अलग हैं। ज्यादा कैलोरी खाकर अगर सक्रिय हैं तो भी वजन घटा सकते हैं।

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