एक रुपए मांग-मांग कर यह निर्दलीय प्रत्याशी कर रहा है सियासी चक्रव्यूह तोड़ने का दावा, जमानिया विधानसभा से ठोकेंगे ताल
जमानिया विधानसभा के गहमर गांव के रहने वाले अखंड गहमरी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में चुनाव लड़ने का मन बनाया है.
उत्तर प्रदेश में इन दिनों विधानसभा चुनाव चल रहा है. जनपद गाजीपुर (Ghazipur) का चुनाव अंतिम चरण 7 मार्च को होना है, जिसको लेकर नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. इस नामांकन में जहां राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. वहीं, निर्दल प्रत्याशी भी चुनाव में अपनी सहभागिता निभाकर लोकतंत्र के महापर्व में साफ सुथरी सरकार देने का वादा कर रहे हैं. ऐसा ही एक प्रत्याशी जो अपने इलाके में इन दिनों सहयोग के रूप में 1 रुपए (One Rupee) की मांग कर रहा है. उसका कहना है कि यह 1 रुपया नहीं बल्कि लोगों का आशीर्वाद रहेगा. जो शून्य से शिखर की ओर लक्ष्य भेदने में सहयोग करेगा.
जमानिया विधानसभा के गहमर गांव के रहने वाले अखंड गहमरी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में चुनाव लड़ने का मन बनाया है. इस चुनाव के लिए लोगों से वोट और आशीर्वाद के स्वरूप में 1 रुपए की मांग शुरू की है, जिसके लिए उन्होंने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से 1 रुपए आशीर्वाद स्वरुप देने की अपील की है, जिसके लिए उन्होंने अपना फोन पे और गूगल पे नंबर भेज लोगों से साझा किया है.
बदलाव के लिए चुनाव लड़ने का फैसला
अखंड गहमरी बताते हैं कि आज तकनीकी युग में भी न सिर्फ बिजली, पानी, महंगाई, गरीबी, भ्रष्टाचार जैसे पुराने मुद्दे को तड़का लगाकर वादों की थाली में परोसा जा रहा है. बल्कि शक्ति प्रदर्शन और हैलीकॉप्टर की प्रदर्शनी के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. आज के आधुनिक युग में कोई प्रत्याशी अपने क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों से जोड़कर रोजगार सृजन एवं क्षेत्रीय विकास का महत्वपूर्ण पर्यटन सेक्टर की, पर्यावरण की, स्व-रोजगार की, खेल की, संस्कृति व साहित्य की, स्वास्थ्य की बातें नहीं कर रहा है. उनके द्वारा क्षेत्र का विकास कैसे हो यह नहीं सोच रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि, जब हम केवल बातें बनायेंगे तो खर्च तो बढ़ेगा ही. आज जमानियां विधानसभा में 150 के लगभग छोटे बड़े गांव हैं. यदि हम एक गाड़ी भी लेकर हर जगह अपनी बातें दमदारी से रखें, हर बूथ पर एक सहयोगी बैठावे तब मेरी समझ से उसका 10 प्रतिशत भी खर्च नहीं होगा, जितना चुनाव आयोग कहता है. इस लिए सीमित संसाधन और तकनीकी विकास के मुद्दे पर मैंने जन सहयोग से चुनाव लड़ने का फैसला किया, जो बदलाव की दिशा में एक कदम एक रूपए से होगा.
अखंड गहमरी की बात करें तो पूर्व में पत्रकारिता से एक लंबे समय तक जुड़े रहे. उसके बाद उन्होंने अपने साहित्य सेवा व लेखन की तरफ रुख किया. जहां उन्हें विद्यवाचस्पति की उपाधि भी मिली और वह दो बार महामहिम राज्यपाल से अपने कार्यों के लिए सम्मानित भी हुए. मौजूदा समय में स्वरोजगार करते हुए अपनी बेबाक बातें करने और सोशल मीडिया के माध्यम से से भी अपनी बातें बेबाकी लिखने के लिए जाने जाते हैं.