13 सालों में यूपी में 38% दागी पहुंचे संसद-विधानसभा

पारदर्शिता के दावों के बीच राजनीतिक दलों की दागियों व धन्नासेठों से मुहब्बत जारी है। 2004 से 2017 तक यूपी में हुए लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव के नतीजों के विश्लेषण

लखनऊ
पारदर्शिता के दावों के बीच राजनीतिक दलों की दागियों व धन्नासेठों से मुहब्बत जारी है। 2004 से 2017 तक यूपी में हुए लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव के नतीजों के विश्लेषण के आधार पर असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने यह निष्कर्ष दिया है। इस अवधि में यूपी से संसद व विधानसभा पहुंचने वाले 38% माननीयों की पृष्ठभूमि आपराधिक है। इसमें 23% पर हत्या, दंगा, हत्या के प्रयास, रेप जैसे गंभीर अपराधों के मुकदमे हैं। वहीं, बार-बार चुने जाने वाले सांसदों-विधायकों की संपत्ति में कई गुना इजाफा हुआ है। एडीआर के फाउंडर मेंबर त्रिलोचन शास्त्री और यूपी इलेक्शन वॉच के संयोजक संजय सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 2004 से 2017 के बीच हुए लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 19971 उम्मीदवारों व 1443 सांसदों/विधायकों की पृष्ठभूमि का विश्लेषण रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार एसपी के 42%, बीजेपी के 37%, बीएसपी के 34%, कांग्रेस के 35% और आरएलडी से चुनकर आए 21% प्रतिनिधियों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। विधानसभावार देखें तो 2017 में सर्वाधिक 45% दागी चुनकर आए थे जबकि 2007 और 2012 में यह आंकड़ा 35% रहा।

बीएसपी ने चुने सबसे अधिक करोड़पति, बीजेपी से सर्वाधिक जीते
13 सालों में लोकसभा-विधानसभा के चुनावों में बीएसपी ने 59% करोड़पतियों को टिकट दिया। एसपी ने 55%, बीजेपी ने 52 और कांग्रेस ने 42% करोड़पतियों को तरजीह दी। हालांकि जीतने वालों के आंकड़े देखे तो बीजेपी के 73% सांसद/विधायक करोड़पति रहे हैं। एसपी में यह दर 58%, बीएसपी में 42% और कांग्रेस में 52% रही।

जीतने वालों का रुतबा और आय दोनों ही बढ़ी
2004 से अब तक 235 सांसदों का शपथपत्र पलटने से पता चला कि सांसदों की औसत संपत्ति 6.08 करोड़ रुपये है। पिछले तीन चुनावों में लगातार निर्वाचित होने वाले पांच सांसदों की माली हैसियत भी खूब बढ़ी है। मसलन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति 2004 के 55.38 लाख से करीब 16 गुना बढ़कर 2014 में 9.40 करोड़ रुपये से अधिक हो गई। एसपी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की संपत्ति 13 गुना बढ़ी है जबकि यूपीए संयोजक सोनिया गांधी की संपत्ति में लगभग 10 गुना का इजाफा हुआ है। बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की संपत्ति भी पांच गुनी हुई है।
चुनाव सुधार पर सम्मेलन आज से

चुनाव व राजनीतिक सुधारों पर एडीआर व इलेक्शन वॉच का दो दिवसीय सम्मेलन शनिवार व रविवार को बीकेटी स्थित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान में होगा। इसका उद्घाटन केंद्रीय उपचुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा करेंगे। अलग-अलग सत्रों में चुनाव सुधार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की भूमिका, न्यायपालिका की भूमिका, चुनावी बॉन्ड व वित्तीय अपारदर्शिता, स्थानीय व शहरी शासन, युवा व वोटर अवेयरनेस जैसे मुद्दों पर विचार विमर्श होगा।

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