बलिया…खंभों पर शो-पीस बन गए CCTV कैमरे … 5 साल पहले 7 लाख की लागत से लगे 20 कैमरे चलते नहीं, 53 जगहों पर और लगाने की तैयारी पूरी नहीं हुई

बलिया शहर की तीसरी आंख पर वर्षों से धूल की परत चढ़ी हुई है। ऐसे में नगर के मुख्य जगहों पर होने वाली चोरी की घटनाओं में शामिल बदमाश पुलिस के हाथ नहीं लग पाते। खराब पड़े उपकरणों को दुरुस्त कराने के लिए भी अब तक कोई पहल नहीं हो सकी है।

दरअसल, अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने में तकनीकी उपकरण काफी मददगार साबित हो रहे हैं। सर्विलांस ने बड़ी-बड़ी घटनाओं का खुलासा और शातिर अपराधियों तक पहुंचने में पुलिस की काफी मदद की है। इसी प्रकार सीसीटीवी फुटेज से भी कई बड़ी वारदातों की तह तक पुलिस पहुंच सकी है। यही वजह है कि शहर को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया।

एक दशक के अंदर शहर के मुख्य इलाकों और चौराहों पर 2 बार सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। पुलिस के प्रयास से लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी खराबा उपकरणों को दोबारा ठीक नहीं कराया जा सका। पहली बार साल 2013 में टीडी कॉलेज चौराहा, विशुनीपुर चौराहा और रेलवे स्टेशन के सामने सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। हालांकि कुछ दिनों बाद ही वह खराब हो गए।

7 लाख रुपए की लागत से लगभग 20 सीसीटीवी कैमरे लगे

इसके बाद वर्ष 2015 में दूसरी बार सीसीटीवी कैमरा लगवाया गया। करीब 7 लाख रुपए की लागत से लगभग 20 सीसीटीवी कैमरे लगे। इस बार इसका दायरा भी बढ़ा दिया गया। उत्तर तरफ टीडी कॉलेज चौराहा पर 4 और गड़वार मोड़ पर 3 कैमरे लगवाए गए। इसके लिए सिविल लाइन पुलिस चौकी में कंट्रोल रूम बनाया गया। इसी प्रकार सर्वाधिक भीड़-भाड़ वाले मुख्य बाजार में रेलवे स्टेशन के सामने, विशुनीपुर चौराहा और चौक क्षेत्र में चार-चार कैमरे लगवाए गए। निगरानी के लिए ओक्डेनगंज पुलिस चौकी में एलसीडी टीवी लगाकर कंट्रोल रूम बनाया गया। हालांकि कुछ महीनों से दोनों जगहों के कैमरे खराब हालत में पड़े हुए हैं।

सूत्रों की मानें तो जब तक दोनों जगहों पर उपकरण काम करते रहे तब तक शहर की निगरानी आसानी से 24 घंटे होती रही, लेकिन कैमरा लगाने के साथ ही ओक्डेनगंज पुलिस चौकी में टीवी लगाई गई। हालांकि कुछ महीने बाद ही कैमरों ने काम करना बंद कर दिया।

मुख्य चौराहों संग 53 जगह हुए थे चिन्हित

शहर में मुख्य चौराहों और सार्वजनिक जगहों के साथ ही दुकानों के सामने सीसीटीवी कैमरा लगवाने की योजना तैयार की गई थी। हालांकि यह प्रस्ताव तैयार कराने वाले पुलिस अधिकारियों के स्थानान्तरण के बाद योजना अधर में लटक गई। सूत्रों की मानें तो साल 2015 में शहर में 53 जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए चिन्हित किए गए थे।

विभागीय लोगों का कहना है, प्रस्तावित स्थानों में मुख्य सड़कों मसलन बलिया-बैरिया, बलिया-सिकन्दरपुर, बलिया-फेफना, बलिया-बांसडीह आदि जगहों को जाने वाली सड़कों पर लगाने की योजना थी। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि उक्त रास्तों से आने-जाने वाले लोग कैमरे की जद में आ सके। इसके अलावा मुख्य बाजार में दुकानों पर सड़क की ओर रुख कर भी कैमरा लगवाने के लिए दुकानदारों से बातचीत की गई थी, लेकिन यह योजना पूरी नहीं हो सकी।

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