फूड टेस्टिंग लैब पर हाई कोर्ट का आदेश … इंदौर सहित जबलपुर और ग्वालियर में एक साल में लैब शुरू करने को कहा

हाई कोर्ट ने इंदौर सहित जबलपुर और ग्वालियर में एक साल में फूड टेस्टिंग लैब शुरू करने के आदेश दिए हैं। शासन तीनों स्थानों पर जमीन आवंटन प्रक्रिया कर चुका है। इंदौर में लैब की बिल्डिंग का निर्माण 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इस लैब के बनने से इंदौर के सैंपल भोपाल नहीं भेजना पड़ेंगे। यहीं टेस्टिंग होने से जांच रिपोर्ट 10 से 15 दिन में मिल जाएगी। अभी डेढ़ से दो महीने में रिपोर्ट मिलती है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई पर यह आदेश दिये हैं।

क्या है याचिका
दायर याचिका में जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा की युगल पीठ ने इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर कलेक्टर को आदेश से चार महीने बाद हाई कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के समक्ष टेस्टिंग लैब की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करना होगी।

याचिका में बताया है कि 2017 में दायर याचिका में उज्जैन में लैब शुरू की मांग की गई थी, लेकिन उसे लेकर कोई आदेश नहीं किया गया। याचिका दायर होने के बाद इंदौर के तलावली चांदा में लैब के लिए जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन काम की रफ्तार धीमी है। हालांकि शासन ने लैब का 80 फीसदी काम पूरा होने की जानकारी दी है। मशीनों के इंस्टॉल होते ही नमूनों की जांच शुरू करने का दावा किया गया है।

कोर्ट के आदेश पर इस साल लैब शुरू होने की उम्मीद जागी

जनवरी 2016 में इंदौर जबकि अक्टूबर 2019 में जबलपुर-ग्वालियर में लैब के लिए जमीन आवंटित की गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद इस वर्ष में तीनों ही स्थानों पर फूड टेस्टिंग लैब शुरू हो जाएगी। इसलिए लैब जरूरी दूषित खाद्य सामग्री की जांच के लिए प्रदेश में एकमात्र फूड टेस्टिंग लैबोरेट्री भोपाल में है। जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई के बाद जब्त सामग्री जांच के लिए भोपाल भेजी जाती है।

करीब एक महीने में सामग्री की रिपोर्ट आती है। जब तक रिपोर्ट आती तब तक तो वह सामग्री दुकानदार बेच चुका होता है। इस परेशानी से निजात के लिए प्रदेश के सभी जिलों में भी फूड टेस्टिंग लैब खोलने की मांग को लेकर दायर जनहित पर यह आदेश दिए गए हैं।

इंदौर की लेब बनकर है तैयार

लम्बे समय से खाद्य और औषधि विभाग की तलावली चांदा में 10 हजार वर्गफीट जमीन पर 4.33 करोड़ में बनाई जा रही जो की वर्तमान में 80 % तक तैयार हो चुकिया है तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने चार मंजिला बनाए जाने वाले इस भवन का भूमिपूजन किया था, इस लैब के बनने से इंदौर के सैंपल सागर या भोपाल नहीं भेजना पड़ेंगे। यहीं टेस्टिंग होने से जांच रिपोर्ट 10 से 15 दिन में मिल जाएगी। अभी डेढ़ से दो महीने में रिपोर्ट मिलती है।

केमिकल टेस्टिंग के अलावा बायोलॉजिकल जांच होगी
यहां खाद्य पदार्थों व औषधियों की गुणवत्ता जांची जाएगी। खाद्य पदार्थों में केमिकल टेस्टिंग के अलावा माइक्रो बायोलॉजिकल जांच और उपकरणीय परीक्षण होंगेे। एनएबीएल की मान्यता रहेगी। प्रयोगशालाओं में डिजिटल पीएच मीटर, एचपीएलसी गैस क्रोमोटोग्राफ आदि की व्यवस्था रहेगी।

लैब बनने से खाद्य प्रदार्थों की जांच में तेजी आएगी
नई प्रयोगशाला शुरू होने से मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच में तेज आएगी। वहीं विषैले खाद्य पदार्थों, सिंथेटिक खाद्य पदार्थों की जांच, सब्जियों में कलर, हैवी मेटल, पेस्टिसाइड और अप्राकृतिक केमिकलों से फलों को पकाने की जांच आधुनिकतम मशीनों से की जाएगी

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