मनीष गुप्ता हत्याकांड:5 दिनों में तिहाड़ जेल शिफ्ट हो जाएंगे आरोपी पुलिस वाले, 26 फरवरी को CBI कोर्ट में होगी पेशी

कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड में गोरखपुर जेल में बंद सभी हत्यारोपी 6 पुलिस वाले 5 दिनों के अंदर तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिए जाएंगे। वहीं, 26 फरवरी को सभी आरोपितों की दिल्ली CBI कोर्ट में पेशी होगी। इसके बाद से इस केस का ट्रायल शुरू होगा। दिल्ली कोर्ट ने पुलिस वालों को दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की जिम्मेदारी गोरखपुर जेल प्रशासन को दी है। जेलर प्रेम सागर शुक्ल ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आरोपित पुलिस वालों को कड़ी सुरक्षा के बीच जल्द ही दिल्ली की जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

वर्चअुल पेश हुए सभी पुलिस वाले
दरअसल, शनिवार को पहली बार दिल्ली के CBI कोर्ट में आरोपित पुलिस वालों की वर्चुअल पेशी हुई। इस दौरान मृतक मनीष गुप्ता के परिवार के सदस्यों के अलावा मामले की जांच करने वाली CBI टीम भी कोर्ट पहुंची थी। पीड़ित पक्ष मीनाक्षी गुप्ता के वकील केके शुक्ला ने बताया कि सुनवाई के दौरान सबसे पहले कोर्ट ने यह संशय खत्म कर दिया कि आरोपी पुलिस वाले गोरखपुर में नहीं बल्कि दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट होंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए कोर्ट ने गोरखपुर जेल प्रशासन को 5 दिनों के अंदर आरोपितों को दिल्ली शिफ्ट करने का आदेश दिया है।

दिल्ली ट्रायल का सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
जिसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को दिल्ली के CBI कोर्ट में होगी। इस दौरान सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। फिर मामले का ट्रायल शुरू होगा। दरअसल, इस मामले की जांच कर रही CBI ने लखनऊ के CBI कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। जबकि सभी 6 पुलिस वाले गोरखपुर जेल में बंद हैं। हालांकि CBI जांच से पहले ही मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर केस का ट्रायल दिल्ली में कराने की गुहार लगाई थी। जिसपर कोर्ट ने सहमति जताते हुए आदेश भी जारी कर दिया था।

इसके बाद दिल्ली की CBI कोर्ट ने चार्जशीट लखनऊ से दिल्ली तलब करते हुए केस की सुनवाई शुरू कर दी और अब आरोपितों को भी दिल्ली शिफ्ट करने का आदेश दिया है। वकील केके शुक्ला ने बताया कि दिल्ली में ट्रायल शुरू होने के बाद इस मामले की तेजी से सुनवाई होगी और उम्मीद है कि जल्द ही केस में फैसला सामने आएगा। ताकि पीड़ित पक्ष को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।

मनीष हत्याकांड पर एक नजर
कानपुर के बर्रा 3 निवासी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की रात गोरखपुर में स्थिति होटल कृष्णा पैलेस में दोस्तों के साथ रुके थे। देर रात रामगढ़ताल थाने की पुलिस ने कमरे में दबिश दी थी। चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मियों और मनीष के बीच कहासुनी हुई। आरोप है कि इसके बाद पुलिस कर्मियों ने मनीष की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मामले की जांच कर रही शासन के आदेश पर गठित SIT ने हत्यारोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण समेत समेत 6 पुलिसकर्मियों को जेल भेजा था। मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।

जानिए…अब तक क्या कुछ हुआ

  • 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के होटल में पुलिस वालों पर मनीष को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगा।
  • 28 सितंबर को पोस्टमॉर्टम के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की FIR दर्ज, 6 को सस्पेंड किया गया।
  • 29 सितंबर की सुबह परिजन शव लेकर कानपुर पहुंचे। सीएम से मिलने की जिद पर अड़े थे। अंतिम संस्कार करने से भी इनकार किया।
  • 30 सितंबर को प्रशासन के आश्वासन के बाद सुबह पांच बजे मनीष का अंतिम संस्कार किया गया। फिर उसी दिन सीएम ने मनीष की पत्नी से मुलाकात की।
  • 2 अक्टूबर से इस मामले की जांच कानपुर SIT ने शुरू की।
  • 10 अक्टूबर की शाम रामगढ़ताल पुलिस ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया।
  • 12 अक्टूबर को पुलिस ने दरोगा राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया। 13 अक्टूबर को पुलिस ने मुख्य आरक्षी कमलेश यादव को गिरफ्तार किया था।
  • 16 अक्टूबर को पुलिस ने आखिरी आरोपी दरोगा विजय यादव को गिरफ्तार किया।
  • 2 नवंबर को CBI ने इस मामले में केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की।
  • 7 जनवरी को CBI ने इस केस में सभी पुलिस वालों के खिलाफ हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी।

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