बीजेपी नेताओं के धमकी भरे 7 वीडियो … किसी ने दाढ़ी उखाड़कर चुटिया बनाने की धमकी दी तो किसी ने कहा, दंगा-फसाद करो; चुनाव आयोग कहां है?
यूपी चुनाव में बीजेपी नेताओं की तरफ से पिछले 7 दिन में 7 ऐसे वीडियो सामने आए हैं जो चुनाव आयोग की गाइडलाइन का सीधा उल्लंघन करते हैं। लेकिन किसी के खिलाफ न तो कोई शिकायत दर्ज हुई है, न चुनाव आयोग ने खुद कोई कदम उठाया है। आइए बारी-बारी से देखते हैं…
1. हिन्दू जाग गया तो दाढ़ी नोचकर चुटिया बना देगा
पहला वीडियो अमेठी जिले की तिलोई विधानसभा के विधायक मयंकेश्वर सिंह का है। मयंकेश्वर एक सभा में अल्पसंख्यकों को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि “अगर हिन्दुस्तान का हिन्दू जाग गया तो दाढ़ी नोचकर चुटिया बना देगा, अगर हिन्दुस्तान में रहना है तो राधे-राधे कहना होगा, वरना बंटवारे के समय जैसे सब पाकिस्तान चले गए थे वैसे ही आप भी चले जाइए।”
2. यूपी में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा
दूसरा वीडियो हैदराबाद के गोशामहल के बीजेपी विधायक टी. राजा का है। उन्होंने कहा, जो लोग भाजपा को वोट नहीं करते, उनसे कहूंगा कि योगी जी ने हजारों जेसीबी-बुलडोजर मंगवा लिए हैं। मैं उन गद्दारों को भी कहना चाहूंगा जो चाहते हैं कि बीजेपी की सरकार न बने, बेटा, यूपी में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा, नहीं तो उत्तर प्रदेश छोड़कर तुम लोगों को भागना होगा।
इन दोनों बयानों पर चुनाव आयोग की गाइडलाइन क्या कहती है
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के पहले प्वाइंट में लिखा गया है कि कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या तनाव पैदा हो सकता है।
3. अखिलेश आए तो मस्जिद बनाएंगे और सबको बुर्का पहनाएंगे
छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री बृजमोहन सिंह पूर्वांचल की सीटों पर प्रचार कर रहे हैं। रामनगर की एक सभा में उन्होंने कहा, “हमको मंदिर चाहिए या मस्जिद, मथुरा में कृष्ण मंदिर कौन बनवाएगा, अखिलेश आएगा तो कब्रिस्तान की बाउंड्री बनाएगा, सबको बुर्का पहनाएगा।”
4. हर घर में घुसकर मारेंगे, जिस घर में अफजल निकलेगा
गोंडा के बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह बस्ती में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “जिन्ना जड़ खोदकर चले गए थे, उस जड़ को खाद पानी देने का काम अखिलेश के दादा ने किया, राहुल गांधी की अम्मा ने किया। फिर फसल तैयार है और नारा लग रहा, अफजल हम शर्मिदा हैं, भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाल्लाह..इंशाल्लाह, अगर तुम्हारा ये नारा है तो कप्तानगंज के युवाओं का नारा है, हर घर में घुसकर मारेंगे, जिस घर में अफजल निकलेगा।”
इन दोनों बयानों पर गाइडलाइन क्या कहती है
चुनाव आयोग गाइडलाइन के सामान्य आचरण के प्वाइंट नंबर 3 में लिखा है, “मत प्राप्त करने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों और पूजा के अन्य स्थलों को निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जाएगा।”
5. दंगा-फसाद करना हो तो भी करो
रामसेवक पटेल प्रयागराज जिले की मेजा सीट के पूर्व विधायक हैं। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी नीलम करवरिया के पक्ष में प्रचार करते हुए कहा, “प्रत्याशी को जिताने के लिए जो भी करना पड़े, दंगा-फसाद, लात-जूता, रुपया-पैसा, दारू-गांजा हम सब काम करेंगे।”
6. ऊंची आवाज वालों की गर्मी शांत कर दूंगा
यूपी सरकार के कृषि मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह हैं। अपनी विधानसभा हुसैनगंज में एक जनसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा, “मुझे ऊंची आवाज एकदम पसंद नहीं, आज जो ऊंची आवाज में बोल रहे हैं उन्हें बोलने दीजिए। 10 मार्च के बाद 6 महीने के अंदर इनकी गर्मी शांत कर दूंगा, या तो वह हुसैनगंज छोड़कर चले जाएंगे या फिर जेल में रहेंगे, मुझे ऊंची आवाज पसंद नहीं है।”
चुनाव आयोग की गाइडलाइन क्या कहती है
सामान्य आचरण के चौथे प्वाइंट के मुताबिक, “सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन “भ्रष्ट आचरण” और अपराध हैं, जैसे कि मतदाताओं को डराना-धमकाना। ”
7. गल्ला-पैसा खा गए अब नमस्कार भी नहीं स्वीकारते
इटावा सीट पर मौजूदा विधायक और प्रत्याशी सरिता भदौरिया हैं। 17 फरवरी को एक नुक्कड़ सभा में उन्होंने कहा, “गल्ले खा गए, रुपए खा गए, पैसा खा गए, नमक खा गए, और मुंह से नहीं बोल रहे हैं, अब जब हम वोट मांगने जा रहे हैं तो नमस्कार भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। अगर आपको इतना ही खराब लग रहा है तो पहले ही कह देते हैं कि हम तुम्हारा गल्ला नहीं खाएंगे, पैसा भी नहीं लेंगे।”
भड़काऊ बयानों पर चुनाव आयोग रोक देता है प्रचार
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक, प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण, लालच या जातिगत टिप्पणी करना नियम का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामले सामने आने पर चुनाव आयोग प्रत्याशी को चुनाव प्रचार करने से रोक देता है।
आयोग ने भड़काऊ भाषणों को रोकने के लिए ही सी-विजिल पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति वीडियो पोस्ट कर सकता है। 100 घंटे में लोकल प्रशासन कार्रवाई करेगा। अगर ऐसा नहीं होता तो वह वीडियो सीधे केंद्रीय चुनाव आयोग के पास पहुंच जाता है, जो कठोर कार्रवाई करता है।