इंदौर … 30 साल बाद मकान तले खिसकी जमीन …. अरण्य नगर; बगैर अनुमति बना लिए आशियाने, 4 हजार से ज्यादा लीज नवीनीकरण अटके

अरण्य नगर में इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना में प्लाॅट लेने वालों की पैरों तले से जमीन खिसक गई है। 600-700 वर्गफीट का प्लाॅट लेने वालों को आईडीए ने प्लिंथ हाइट तक प्लाॅट विकसित करके दिया था। प्लाॅट की साइज के हिसाब से लोगों को निर्माण करना था, लेकिन 30 साल में आधे से ज्यादा लीजधारियों ने दो से तीन मंजिल तक तान दी। अब प्लाॅट खरीदने के बाद 30 साल की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है।

लीजधारी नवीनीकरण के लिए आईडीए के पास पहुंच रहे हैं, लेकिन नक्शा पास न होने और बगैर अनुमति निर्माण होने पर आईडीए लीज नहीं बढ़ा रहा है।

हर दिन 10 से 15 मामले लीज नवीनीकरण के पहुंच रहे आईडीए के पास

अरण्य नगर में आठ हजार से ज्यादा लोगों ने छोटे प्लाॅट 30 साल पहले लीज पर लिए थे। प्राधिकरण की संपदा शाखा में रोजाना 10 से 15 मामले लीज नवीनीकरण के आ रहे हैं। आईडीए की लीज शर्तों में स्वीकृत प्लाॅट साइट के हिसाब से ही निर्माण करने की शर्त थी, लेकिन अब यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है।

नगर निगम को हस्तांतरित कर दी गई यह स्कीम

30 साल पहले आईडीए द्वारा काटी गई अरण्य नगर स्कीम नगर निगम को हस्तांतरित हो चुकी है। अपने प्लाॅट या पहले से बन चुके मकान में और निर्माण करना है तो निगम से नक्शा संशोधित करवाना होता है। इसके बाद ही निर्माण किया जा सकता है, लेकिन प्लाॅट मिलने के बाद हजारों की संख्या में लीजधारियों ने एेसा नहीं किया।

नगर निगम ने भी अवैध निर्माण पर रोक नहीं लगाई

नगर निगम के संबंधित जोन के बिल्डिंग अफसर और निरीक्षकों ने भी अवैध निर्माण को रोकने पर 30 साल में कोई कार्रवाई नहीं की। छोटे-छोटे प्लाॅट पर दो से तीन मंजिला तक निर्माण होता चला गया, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। कायदे से निगम अफसरों को काम रुकवाकर संशोधित नक्शा पास करवाना चाहिए थे।

नगर निगम ने भी अवैध निर्माण पर रोक नहीं लगाई

नगर निगम के संबंधित जोन के बिल्डिंग अफसर और निरीक्षकों ने भी अवैध निर्माण को रोकने पर 30 साल में कोई कार्रवाई नहीं की। छोटे-छोटे प्लाॅट पर दो से तीन मंजिला तक निर्माण होता चला गया, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। कायदे से निगम अफसरों को काम रुकवाकर संशोधित नक्शा पास करवाना चाहिए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *